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Hindu New Year 2026: हिंदू नववर्ष केवल कैलेंडर बदलने का दिन नहीं है, बल्कि यह सृष्टि, धर्म और प्रकृति के नए चक्र की शुरुआत का प्रतीक माना जाता है. इस दिन से जुड़ी कई धार्मिक मान्यताएं हैं, जिनमें भगवान ब्रह्मा और भगवान श्रीराम दोनों का विशेष महत्व बताया गया है.
ऋषिकेश: दुनिया में नया साल 1 जनवरी को मनाया जाता है, लेकिन हिंदू धर्म में नववर्ष की शुरुआत इस तारीख से नहीं होती है. हिंदू पंचांग के अनुसार, हिंदू नववर्ष चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से आरंभ होता है. साल 2026 में हिंदुओं का नया साल 19 मार्च 2026, गुरुवार के दिन शुरू होगा. इसी दिन से विक्रम संवत 2083 का आरंभ माना जाएगा. हिंदू नववर्ष केवल कैलेंडर बदलने का दिन नहीं है, बल्कि यह सृष्टि, धर्म और प्रकृति के नए चक्र की शुरुआत का प्रतीक माना जाता है. इस दिन से जुड़ी कई धार्मिक मान्यताएं हैं, जिनमें भगवान ब्रह्मा और भगवान श्रीराम दोनों का विशेष महत्व बताया गया है.
Bharat.one के साथ बातचीत के दौरान महंत रामेश्वर गिरी ने बताया कि हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को नव संवत्सर की शुरुआत होती है. वर्ष 2026 में यह तिथि 19 मार्च को पड़ रही है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इसी दिन भगवान ब्रह्मा ने सृष्टि की रचना की थी. इसलिए इस दिन को सृष्टि का प्रथम दिवस भी कहा जाता है. यही कारण है कि हिंदू नववर्ष को अत्यंत शुभ और पवित्र माना जाता है और इस दिन से नए कार्यों की शुरुआत करना लाभकारी समझा जाता है.
क्या है धार्मिक मान्यता?
हिंदू नववर्ष मनाए जाने के पीछे भगवान श्रीराम से जुड़ी मान्यता भी बेहद महत्वपूर्ण है. मान्यता है कि चैत्र शुक्ल प्रतिपदा के दिन ही भगवान श्रीराम का राज्याभिषेक हुआ था. लंका विजय और 14 वर्षों के वनवास के बाद जब भगवान राम अयोध्या लौटे तो इसी तिथि को उन्हें अयोध्या का राजा बनाया गया. रामराज्य को धर्म, न्याय और आदर्श शासन का प्रतीक माना जाता है. इसी वजह से हिंदू नववर्ष को धर्म की स्थापना और आदर्श जीवन की शुरुआत से जोड़कर देखा जाता है.
नए कृषि चक्र की शुरुआत का समय
हिंदू नववर्ष की गणना चंद्रमा और सूर्य की चाल के आधार पर की जाती है. चैत्र शुक्ल प्रतिपदा के आसपास वसंत ऋतु का आगमन होता है. इस समय प्रकृति में नया जीवन दिखाई देता है. पेड़ों पर नई कोपलें आती हैं, फूल खिलते हैं और मौसम में ताजगी महसूस होती है. किसान वर्ग के लिए भी यह समय नई फसल और नए कृषि चक्र की शुरुआत का संकेत देता है. इस तरह हिंदू नववर्ष प्रकृति और मानव जीवन के बीच गहरे संबंध को दर्शाता है.
भारत के अलग-अलग राज्यों में हिंदू नववर्ष को विभिन्न नामों से मनाया जाता है. महाराष्ट्र में इसे गुड़ी पड़वा कहा जाता है, जहां विजय और समृद्धि के प्रतीक के रूप में गुड़ी फहराई जाती है. कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में इसे उगादी के रूप में मनाया जाता है. उत्तर भारत में इसे नव संवत्सर कहा जाता है और इसी दिन से चैत्र नवरात्रि की भी शुरुआत होती है. हर क्षेत्र में इसकी परंपराएं अलग हो सकती हैं, लेकिन भाव और उद्देश्य एक ही होता है.
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आर्यन ने नई दिल्ली के जामिया मिलिया इस्लामिया से पत्रकारिता की पढ़ाई की और एबीपी में काम किया. उसके बाद नेटवर्क 18 के Bharat.one से जुड़ गए.
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