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भागलपुर का कतरनी चावल एक प्रसिद्ध और सुगंधित चावल है, जो मुख्य रूप से जून-जुलाई में बोया जाता है और नवंबर के अंत से दिसंबर तक काटा जाता है. कतरनी चावल को GI टैग भी मिला हुआ है. इस स्वाद बेहद ही कमाल का होता है.

यह खरीफ की फसल है और इसे उगाने के लिए भागलपुर की खास मिट्टी, संतुलित पानी और अधिक मेहनत की जरूरत होती है, क्योंकि यह ज्यादा रासायनिक खाद में अच्छा नहीं होता है.

कतरनी चावल उगाना आसान नहीं था, इसकी फसल को खास मिट्टी, सही पानी और बहुत धैर्य चाहिए होता है. कतरनी चावल स्वाद का राजा होता है.

कतरनी चावल के दाने छोटे, पतले और हल्के टेढ़े होते हैं और पकने पर इससे तेज और मीठी खुशबू आती है, जो इसकी सबसे बड़ी पहचान है.
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स्वाद में यह बहुत ही नरम और लाजवाब होता है, इसलिए इसे खिचड़ी, पुलाव और सादा भात के लिए खास तौर पर पसंद किया जाता है.

कतरनी चावल को GI टैग भी मिला हुआ है, जो इसे भागलपुर की विशिष्ट पहचान बनाता है. इसकी कीमत गुणवत्ता और बाजार के अनुसार अलग-अलग होती है, लेकिन आमतौर पर इसका रेट 70 से 120 रुपये प्रति किलो तक रहता है, और त्योहारों या शादी के मौसम में यह और महंगा हो सकता है.
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https://hindi.news18.com/photogallery/lifestyle/recipe-katarni-rice-king-of-test-prized-aromatic-short-grain-rice-from-bihar-9988038.html







