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Best Winter Vegetable: सर्दियों में रतालू स्वादिष्ट, ऊर्जा देने वाली सब्जी है जिसे किचन गार्डन में आसानी से उगाया जा सकता है. यह सेहतमंद, केमिकल-मुक्त और पोषक तत्वों से भरपूर होती है. इसे उबालकर, फ्राई करके या चाट के रूप में भी खाया जाता है. यह एक जमीन कंद सब्जी हैं जो जमीन में उगती हैं.

सर्दी के मौसम में अगर देखा जाए तो घर की रसोई या फिर हर एक चौराहे पर रतालू की कोई ना कोई एक फ़ेमस डिश जरूर दिख जायेगी. सर्दी के सीजन को रतालू का सीजन भी कहते हैं. वैसे तो यह सब्जी स्वाद में लाजवाब होने के साथ शरीर को गर्माहट और ऊर्जा भी देती है. रतालू की सब्जी बनाई जा सकती है, इसे उबालकर, फ्राई करके या चाट के रूप में भी खाया जाता है. यह एक जमीन कंद सब्जी हैं जो जमीन में उगती हैं. जब बात इसको उगाने की आती हैं तो हर कोई व्यक्ति अपना सिर पकड़ कर सोच में पड़ जाता है. खास बात यह है कि अब रतालू को घर के किचन गार्डन में आसानी से उगाया जा सकता है. इससे न केवल बाजार से खरीदने की जरूरत कम होती है, बल्कि ताजी, शुद्ध और केमिकल-मुक्त सब्जी भी घर पर ही उपलब्ध हो जाती है.

बैकयार्ड के किचन गार्डन में रतालू लगाने के लिए बहुत ज्यादा जगह की आवश्यकता नहीं होती. इसे गमले, ग्रो बैग या जमीन में आसानी से लगाया जा सकता है. रतालू के लिए उपजाऊ, भुरभुरी और अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी सबसे बेहतर मानी जाती है. कंद को काटकर उसके टुकड़ों को 5 से 7 इंच गहराई में मिट्टी में लगाया जाता है. रोपण के समय मिट्टी में गोबर की खाद या वर्मी कम्पोस्ट मिलाने से पौधे की शुरुआती बढ़त अच्छी होती है और कंद मजबूत बनते हैं.

रतालू का पौधा बेलदार होता है, इसलिए इसकी अच्छी बढ़वार के लिए सहारे की जरूरत होती है. पौधे को जाली, लकड़ी या दीवार के पास लगाना बेहतर रहता है, जिससे बेल आसानी से ऊपर चढ़ सके. धूप वाली जगह पर रतालू का पौधा तेजी से बढ़ता है और अच्छी उपज देता है. रोजाना हल्की धूप मिलना इसके लिए जरूरी है. बहुत ज्यादा छांव में पौधा कमजोर रह सकता है. सही स्थान और सहारा मिलने पर पौधा स्वस्थ रहता है और कंद का आकार भी अच्छा बनता है.
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सर्दियों के मौसम में रतालू का सेवन सेहत के लिए कई तरह से लाभकारी होता है. इसमें कार्बोहाइड्रेट की मात्रा अधिक होती है, जो शरीर को ऊर्जा प्रदान करती है. साथ ही इसमें फाइबर भी पाया जाता है, जो पाचन तंत्र को मजबूत करने में मदद करता है. ठंड के दिनों में यह सब्जी शरीर को अंदर से गर्म रखती है और कमजोरी दूर करती है. आयुर्वेद में भी रतालू को बलवर्धक माना गया है. नियमित रूप से सीमित मात्रा में सेवन करने से सर्दियों में शरीर सक्रिय और स्वस्थ बना रहता है.

रतालू के पौधे की देखभाल ज्यादा कठिन नहीं होती. समय-समय पर हल्की सिंचाई करना जरूरी है, लेकिन पानी जमा नहीं होना चाहिए. अधिक पानी से कंद सड़ने का खतरा रहता है. खरपतवार को हटाते रहना और महीने में एक बार जैविक खाद देना पौधे के लिए फायदेमंद रहता है. रतालू का पौधा धीरे-धीरे बढ़ता है और लगभग 7 से 9 महीनों में पूरी तरह तैयार हो जाता है. जब पत्तियां पीली होकर सूखने लगें, तब समझ लेना चाहिए कि कंद निकालने का सही समय आ गया है.

घर के किचन गार्डन में उगाया गया रतालू स्वाद और गुणवत्ता में बाजार के मुकाबले कहीं बेहतर होता है. इसमें किसी भी तरह के रासायनिक खाद या कीटनाशक का उपयोग नहीं होने से यह सेहत के लिए सुरक्षित रहता है. किचन गार्डन से ताजी सब्जी मिलने से परिवार की पोषण जरूरत भी बेहतर तरीके से पूरी होती है. सर्दियों में रतालू उगाकर आप कम मेहनत में अच्छी उपज प्राप्त कर सकते हैं. यह न केवल खर्च बचाता है, बल्कि गार्डनिंग का आनंद और आत्मसंतोष भी देता है.
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https://hindi.news18.com/photogallery/lifestyle/recipe-gardening-tips-easily-plant-yam-in-your-kitchen-garden-for-a-great-winter-harvest-local18-ws-kl-9988448.html







