Monday, December 8, 2025
24 C
Surat

पुणे का वह गांव जहां हर घर में बसती है महालक्ष्मी, हजारों की संख्या में है गौराई


पुणे: विघ्नहर्ता गणराया और गौरी महालक्ष्मी के आगमन में अब कुछ ही दिन बचे हैं, जिससे बाजार गौरी मुखौटे और पूजन सामग्री से सज गया है. लेकिन बहुत से लोग नहीं जानते कि ये गौरी मुखौटे पुणे में कहां बनाए जाते हैं. इस संबंध में Local18 की टीम द्वारा एक रिव्यू लिया गया है.

भोर तालुका के उतरौली गांव में गौरी की सबसे अधिक मांग है, क्योंकि यहां की मूर्तियों की सुंदर और आकर्षक रंग योजना के साथ-साथ जीवंतता के लिए वे प्रसिद्ध हैं. यहां के मूर्तिकार हजारों की संख्या में गौराई बनाने का काम कर रहे हैं.

कैसे बनाई जाती है मूर्तियां
उतरौली और पंचक्रोशी में निर्मित मूर्तियों की मांग शेगांव, लातूर, बुलदाना, मुंबई, ठाणे, रायगढ़, रत्नागिरी, लालबाग, धुले, गुजरात, वापी, सूरत, बड़ौदा, दिल्ली, मद्रास और यहां तक कि इंग्लैंड और अमेरिका जैसे विदेशों में भी है. फिलहाल मूर्तिकार दिन-रात जागकर मूर्तियों की पेंटिंग पूरी करने में जुटे हैं. मूर्तियों की ऊंचाई, शाडू मिट्टी, लाल मिट्टी, और मुल्तानी मिट्टी के प्रयोग पर विशेष जोर दिया जाता है.

इसके बाद गौरी की सुंदर मूर्तियां तैयार की जाती हैं, जो अपनी आकर्षक और मनभावन उपस्थिति से सभी को मोहित कर लेती हैं. इस गांव के लोगों का यही मुख्य पेशा है और कई परिवारों की आजीविका इसी काम पर निर्भर है.

मुखौटे बनाने का प्रोसेस
इन मुखौटों को कई चरणों के माध्यम से आकार दिया जाता है, जिसमें प्री-मोल्ड मेकिंग, मास्क मेकिंग, फिनिशिंग, पेंटिंग, ज्वेलरी क्राफ्टिंग, और आंखों, भौहों, नाक, होंठों का नाजुक काम शामिल है. जीवंत आंखें, तीखी नाक, नाजुक होंठ, और साफ-सुथरा स्थान इन मुखौटों की पहचान हैं. गौरी के शाडू मास्क नाजुक होते हैं, इसलिए उन्हें सावधानी से संभालना आवश्यक है.

Hot this week

Topics

सोमवार स्पेशल शिव महामृत्युंजय मंत्र का करें 108 बार जाप, होगा चमत्कार

https://www.youtube.com/watch?v=4g5bSxe6wAc Shiv Mahamrityunjay Mantra: सोमवार के दिन आप अपने...
spot_img

Related Articles

Popular Categories

spot_imgspot_img