सुल्तानपुर: शहर के दीवानी के पास स्थित ‘फैजाबादी अंगूठी वाले’ के नाम से मशहूर आशीष सिंह पिछले 15 सालों से लोगों के भाग्य का अनुमान लगाने और समाधान देने का काम कर रहे हैं. पत्थरों जड़ी अंगूठी को कटोरी में घुमाकर भविष्य बताने की उनकी कला ने उन्हें शहर में खास पहचान दिलाई है. आशीष सिंह का दावा है कि उनके पास आने वाले लोग अपने जीवन की समस्याओं का समाधान पाते हैं और कई लोग उनके पास बार-बार आते हैं.
जब कोई व्यक्ति आशीष सिंह के पास आता है, तो सबसे पहले उन्हें कई तरह की अंगूठियों में से एक चुनने का अवसर दिया जाता है. इसके बाद चुनी हुई अंगूठी को एक कटोरी में रखा जाता है, जिसे आशीष लकड़ी के कील के माध्यम से अपने मंत्रों द्वारा घुमाते हैं. यदि अंगूठी कटोरी में नाचने लगती है, तो इसे व्यक्ति के जीवन में चल रही कठिनाइयों और परेशानियों का संकेत माना जाता है. अगर अंगूठी नाचती नहीं है, तो आशीष सिंह उस व्यक्ति को अंगूठी पहनने से मना कर देते हैं और प्रक्रिया वहीं समाप्त हो जाती है.
राशि के अनुसार बनती है अंगूठी
अगर अंगूठी नाच जाती है, तो व्यक्ति की राशि और समस्याओं का आकलन करके उनके लिए उचित पत्थर का चयन किया जाता है. इस पत्थर को अंगूठी में जड़कर उन्हें पहनने के लिए दिया जाता है. आशीष का दावा है कि उनके द्वारा पहना दी गई अंगूठियों से कई लोगों को फायदा हुआ है. वे लोग अक्सर अपनी संतुष्टि व्यक्त करने के लिए उनसे मुलाकात करते रहते हैं.
पिता से विरासत में मिली कला
आशीष सिंह बताते हैं कि यह कला उनके पिता से विरासत में मिली है. उनके पिता भी इस कला का प्रयोग करके लोगों के भविष्य का अनुमान लगाते थे. पिता की मृत्यु के बाद आशीष ने इस परंपरा को आगे बढ़ाया और पिछले 15 सालों से इस काम में जुटे हुए हैं.
कई प्रकार की अंगूठियां उपलब्ध
‘फैजाबादी अंगूठी वाले’ के पास विभिन्न प्रकार के पत्थरों से जड़ी अंगूठियां मौजूद हैं, जिनमें हकीक, सुलेमानी, मूंगा और पन्ना जैसे पत्थर शामिल हैं. हालांकि, हर व्यक्ति को कोई भी अंगूठी पहनने की अनुमति नहीं दी जाती. व्यक्ति के भाग्य और राशि के अनुसार पत्थर का चयन किया जाता है, और उसी पत्थर को अंगूठी में जड़कर उसे पहनने के लिए दिया जाता है.
FIRST PUBLISHED : September 9, 2024, 14:22 IST
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