ओम प्रयास/ हरिद्वार. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार व्यक्ति की कुंडली में ग्रहों के आधार पर ही शुभ, अशुभ की जानकारी होती है. कुंडली में कौन सा ग्रह किस स्थान पर है इसका आकलन करके ही मालूम होता है कि व्यक्ति को कब कितना लाभ होगा और कब कितना उसे सतर्क होकर चलने की जरूरत है. जब ग्रह एक राशि से दूसरी राशि में परिवर्तन करते हैं, तो उस ग्रह का राशि चक्र की बहुत सी राशियों पर सकारात्मक और नकारात्मक दोनों ही प्रभाव पड़ते हैं. कुंडली में तीसरा, छठा, आठवां और 12 वां स्थान अशुभ बताया गया है. यदि कोई ग्रह राशि परिवर्तन करता है, तो वह इन स्थान 3, 6, 8 और 12 भाव में अशुभ फल प्रदान करता है.
गुरु बृहस्पति को सभी नवग्रह में सबसे उच्च और शुभ ग्रह बताया जाता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब गुरु बृहस्पति किसी जातक की कुंडली में उच्च भाव में विराजमान है, तो जातक को अपार धन, सरकारी नौकरी, संपत्ति आदि सभी प्राप्त होते हैं और किसी अन्य ग्रहों की महादशा या साढ़ेसाती का भी कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता है. गुरु बृहस्पति वृष राशि में गोचर कर रहे हैं और जल्दी गुरु बृहस्पति वक्री हो जाएंगे. जिससे राशि चक्र की बहुत सी राशियों को इसका अशुभ फल प्राप्त होगा. 5 सितंबर 2024 से 31 दिसंबर 2024 तक गुरु बृहस्पति राशि चक्र की वर्ष राशि में वक्री हो जाएंगे. जिसका बहुत सी राशियों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा. हरिद्वार के एक्सपर्ट ज्योतिषी के अनुसार वृश्चिक राशि, धनु राशि और मीन राशि के जातकों के लिए गुरु बृहस्पति का वक्री अशुभ होगा.
वृश्चिक राशि
गुरु बृहस्पति के वृष राशि में वक्री होने से राशि चक्र की वृश्चिक राशि के जातकों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा. हरिद्वार के ज्योतिषी पंडित शशांक शेखर शर्मा बताते हैं कि यदि गुरु बृहस्पति आपकी कुंडली में शुभ हैं, तो आपको लाभ होगा, लेकिन यदि आपकी कुंडली में गुरु बृहस्पति नीच के हैं, तो आपको गुरु बृहस्पति अशुभ परिणाम देंगे. इस दौरान आपके वैवाहिक संबंधों में तनाव बढ़ सकता है. इसलिए वृश्चिक राशि के जातकों को इस दौरान सावधानियां बरतने की जरूरत है.
धनु राशि
धनु राशि के स्वामी गुरु बृहस्पति है. गुरु बृहस्पति के वक्रिय होने से धनु राशि के जातकों को बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा. धनु राशि के जातकों को इस दौरान स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. इस दौरान इनको कई बीमारियां या दुख जकड़ सकते हैं. इसलिए इन्हें अपने स्वास्थ्य को लेकर सतर्क रहना होगा.
मीन राशि
मीन राशि से गुरु बृहस्पति का गोचर तीसरे स्थान पर है जब गुरु बृहस्पति वाक्य हो जाएंगे तो मीन राशि के जातक को हो बहुत से परेशानियों का सामना करना होगा. हरिद्वार के ज्योतिषी पंडित शशांक शेखर शर्मा बताते हैं कि इस दौरान मीन राशि के जातकों के संबंध अपने भाई बहन मित्र या सगे संबंधियों से बिगड़ सकते हैं. गुरु बृहस्पति के वक्री होने से मीन राशि के जातकों के अपने छोटे बहन भाई, मित्र या रिश्तेदारों के साथ रिश्ते खराब हो सकते हैं.
इन उपायों से मिलेगा लाभ
जब गुरु बृहस्पति वृष राशि में वक्री हो जाएंगे तो वृश्चिक, धनु और मीन राशि के जातकों को गुरु बृहस्पति के निमित्त खास उपाय करने से विशेष लाभ प्राप्त होगा. ज्योतिषी एक्सपर्ट पंडित शशांक शेखर शर्मा बताते हैं कि वृश्चिक, धनु और मीन राशि के जातकों को बृहस्पतिवार के दिन भगवान भोलेनाथ को पीले रंग के फूल और गंगाजल अर्पित करना चाहिए. ऐसा करने से इनको लाभ प्राप्त होगा. वहीं यदि कोई स्त्री कुंवारी है तो उसे बृहस्पतिवार का व्रत करना चाहिए. वृश्चिक, धनु और मीन राशि के जिन जातकों की कुंडली में गुरु बृहस्पति 10 अंक से कम या 25 अंक से ज्यादा है, उन्हें गुरु बृहस्पति का बलत्व बढ़ाने के लिए विशेष उपाय करने होंगे. इन सभी उपाय को करने के बाद किसी भी जातक को धन की कमी, संपत्ति की कमी जीवन में कभी नहीं होगी.
FIRST PUBLISHED : July 12, 2024, 16:10 IST
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Bharat.one व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.
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