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Chaitra Navratri 2025: साल 2025 में होने वाले चैत्र नवरात्रि खरमास में होंगे, जिसका सभी 12 राशियों पर प्रभाव पड़ेगा. विशेष तौर पर खरमास में चैत्र नवरात्रि दो राशियों वालों के लिए नुकसानदायक रहेंगे. खरमास में क…और पढ़ें

खरमास में चैत्र नवरात्रि का आगमन
हाइलाइट्स
- चैत्र नवरात्रि 2025 खरमास में होंगे.
- वृषभ और कन्या राशियों को नुकसान होगा.
- सूर्य उपासना से नकारात्मक प्रभाव से बचें.
ओम प्रयास/ हरिद्वार. साल 2025 में चैत्र नवरात्रि का आगमन मार्च के आखिर में होगा. हिंदू कैलेंडर के अनुसार चैत्र नवरात्रि चैत्र शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से होते हैं. 30 मार्च 2025 को चैत्र शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा होगी और इसी दिन से नवरात्रि के व्रत प्रारंभ हो जाएंगे. 14 मार्च से 14 अप्रैल तक ग्रहों के स्वामी सूर्य देव मीन राशि में गोचर करेंगे. वैदिक ज्योतिष के अनुसार जब सूर्य ग्रह गुरु की धनु राशि और मीन राशि में गोचर करते हैं, तब खरमास होता है और खरमास में कोई भी मांगलिक कार्यक्रम, बड़ी पूजा, गृह प्रवेश, मुंडन संस्कार आदि करने वर्जित होते हैं. साल 2025 में होने वाले चैत्र नवरात्रि खरमास में होंगे. जिसका सभी 12 राशियों पर प्रभाव पड़ेगा. विशेष तौर पर खरमास में चैत्र नवरात्रि दो राशियों वालों के लिए नुकसानदायक रहेंगे.
खरमास में चैत्र नवरात्रि किन राशियों के लिए नुकसानदायक रहेंगे. इसकी जानकारी साझा करते हुए हरिद्वार के ज्योतिषाचार्य पंडित श्रीधर शास्त्री बताते हैं की सूर्य ग्रह जब गुरु बृहस्पति की धनु राशि और मीन राशि में गोचर करते हैं तब तब खरमास लगता है. खरमास में कोई भी मांगलिक कार्य करने पर दोष लगता है. चैत्र नवरात्रि दो राशियों वृषभ और कन्या राशि के लिए नुकसानदायक रहने वाले हैं. सूर्य ग्रह 14 मार्च से 14 अप्रैल की सुबह 3:29 तक मीन राशि में रहेंगे. इस दौरान चैत्र नवरात्रि भी 30 मार्च से शुरू हो जाएंगे.
वह आगे बताते हैं कि वृषभ राशि के जातकों के वाणी संबंधित विवाद, व्यापार में धन हानि, कार्यक्षेत्र में विवाद होने से आर्थिक नुकसान होगा, दांपत्य जीवन में विवाद, संपत्ति संबंधी समस्याएं आएंगी. वहीं कन्या राशि के जातकों का अनावश्यक रूप से धन खर्च होना, मानसिक तनाव बढ़ना, बच्चों की सेहत बिगड़ना, बेवजह क्रोध आना, कर्ज लेने की नौबत और वाद-विवाद होने के कारण कोर्ट कचहरी के चक्कर लगाने पड़ सकते हैं.
उपाय: वह आगे बताते हैं कि इन दो राशियों के जातकों को नकारात्मक प्रभाव से बचने के लिए सूर्य की उपासना, सूर्य के बीज मंत्र “ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः का सवा लाख बार जाप करने, वैदिक मंत्र का पाठ करने और सूर्य देव के 12 नामों का जाप 108 बार रोजाना करने से वृषभ और कन्या राशि के जातकों को लाभ होगा. साथ ही इन मंत्रों से दशांश हवन करने पर सभी समस्याएं खत्म हो जाएगी.
वैदिक मंत्र- ॐ आ कृष्णेन रजसा वर्तमानो निवेशयन्नमृतं मर्त्यं च।
हिरण्ययेन सविता रथेना देवो याति भुवनानि पश्यन्॥
सूर्य के 12 नाम
ॐ मित्राय नमः
ॐ रवये नमः
ॐ सूर्याय नमः
ॐ भानवे नमः
ॐ खगाय नमः
ॐ पूष्णे नमः
ॐ हिरण्यगर्भाय नमः
ॐ मरीचये नमः
ॐ आदित्याय नमः
ॐ सवित्रे नमः
ॐ अर्काय नमः
ॐ भास्कराय नमः
NOTE: इस बारे में ज्यादा जानकारी के लिए आप हरिद्वार के विद्वान ज्योतिषाचार्य पंडित श्रीधर शास्त्री से उनके फोन नंबर 9557125411 और 9997509443 पर संपर्क कर सकते हैं.
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Bharat.one व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.
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