ऐसा कहा जाता है कि यदि पूजा के दौरान नियमों का पालन नहीं होता तो इसमें दोष उत्पन्न होता है.मान्यता है कि शिवलिंग पर चढ़ाया गया प्रसाद कभी नहीं खाना चाहिए.
Na Khayen Shivling Par Chadha Prasad : हिन्दू धर्म में देवी-देवताओं की पूजा का बड़ा महत्व है. वहीं इन दिनों सावन का महीना चल रहा है और श्रद्धालु शिव भक्ति में डूबे हुए हैं. भोलेनाथ की कृपा पाने के लिए भक्त शिवलिंग का अभिषेक करते हैं, भजन-कीर्तन करते हैं, साथ ही कांवड़ यात्रा भी निकालते हैं. शास्त्रों में शिवलिंग पूजा का विशेष विधान बताया गया है. इसके लिए कई नियम भी होते हैं, जिनका पालन सभी को करना होता है. ऐसा कहा जाता है कि यदि पूजा के दौरान नियमों का पालन नहीं होता तो इसमें दोष उत्पन्न होता है, जिससे पूजा का फल नहीं मिल पाता. इनमें प्रसाद का नियम भी शामिल है, जिसको लेकर मान्यता है कि शिवलिंग पर चढ़ाया गया प्रसाद कभी नहीं खाना चाहिए. आइए जानते हैं इसके पीछे की वजह भोपाल निवासी ज्योतिषी एवं वास्तु सलाहकार पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा से.
क्या कहते हैं शास्त्र?
शास्त्रों के अनुसार, किसी भी देवी या देवता को जब आप प्रसाद चढ़ाते हैं तो उसमें हर देवी-देवता का एक हिस्सा होता है, जो उन्हें स्वत: ही चला जाता है. वैसे ही शिवलिंग पर चढ़ाया गया प्रसाद चंडेश्वर भगवान को जाता है.
चंडेश्वर की उत्पत्ति भगवान शिव के मुख द्वारा मानी जाती है और इनका स्वभाव बहुत क्रोधी होता है. वे शिव के अंश हैं और उन्हें भूत-पिशाचों का देवता माना गया है. कहा जाता है कि शिवलिंग पर चढ़ाया गया प्रसाद खाने से आपको चंडेश्वर भगवान के क्रोध का सामना करना पड़ सकता है, इसलिए इसे खाने की मनाही होती है.
यह भी मान्यता रही है
इसके अलावा शिवलिंग पर चढ़ाए गए प्रसाद को ना खाने की एक और मान्यता है. ऐसा कहा जाता है चूंकि शिवलिंग पर चढ़ाया गया प्रसाद भूत-पिशाचों के देवता चंडेश्वर को जाता है, इसलिए वह प्रसाद मांस के समान हो जाता है. ऐसे में जब आप इस प्रसाद को खाते हैं तो इससे आपके अंदर नकारात्मकता आती है.
FIRST PUBLISHED : August 8, 2024, 10:32 IST
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