छत्र हमेशा नाग के रूप में बना होता है.यह वासुकी नाग का प्रतीक माना गया है.
Sawan Maas 2024 Upay : सावन का महीना आने को है, अगले हफ्ते के पहले सोमवार के साथ ही इस पवित्र माह की शुरुआत हो जाएगी. इसी के साथ शुरू होगी भोले की भक्ति, जब शिवालय बम-बम के जयकारों से गूंजेंगे और सड़कों पर नजर आएंगे कांवड़िए. सावन के महीने में सोमवार के दिन व्रत रखने के साथ ही महादेव की पूरी विधि विधान से पूजा की जाती है. भक्त भगवान शंकर की कृपा पाने के लिए सावन में उनको कई सारी चीजें अर्पित करते हैं. इनमें से एक है छत्र. लेकिन इसका भगवान शिव से क्या संबंध है और छत्र अर्पित करने से क्या फायदे होते हैं? यह सब जानेंगे भोपाल निवासी ज्योतिषी एवं वास्तु सलाहकार पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा से.
भगवान शिव का छत्र से संबंध
आपने शिवालयों में शिवलिंग के ऊपर पानी का एक कलश रखा देखा होगा, जिससे लगातार जल गिरता रहता है. यह जल सीधे शिवलिंग पर गिरता है तो कुछ शिवलिंग पर लगे छत्र पर भी. यह छत्र हमेशा नाग के रूप में बना होता है और यह वासुकी नाग का प्रतीक माना गया है. ऐसा कहा जाता है कि, भगवान शिव को जितने नंदी प्रिय हैं उतने ही वासुकी नाग भी. यही कारण है कि, शिवलिंग पर छत्र रूप में वासुकी नाग विराजमान रहते हैं.
शिवलिंग पर छत्र चढ़ाने के लाभ
-ऐसा माना जाता है कि, शिवलिंग पर नाग रूपी छत्र चढ़ाने से भगवान शिव आप से प्रसन्र होते हैं.
-जब आप शिवलिंग पर छत्र चढ़ाते हैं तो भगवान शिव का हाथ छत्र बनकर आपके परिवार की रक्षा करता है.
-शिवलिंग पर छत्र चढ़ाने से आपको जीवन के सारे कष्टों से मुक्ति मिलती है और आपका जीवन सुखमय हो जाता है.
-ऐसी मान्यता है कि शिवलिंग पर छत्र चढ़ाने से कभी भी आपको नाग देवता परेशान नहीं करते हैं.
-इसके अलावा सावन के महीने में शिवलिंग पर छत्र चढ़ाने से पितृ दोष और कालसर्प दोष से भी मुक्ति मिलती है.
FIRST PUBLISHED : July 18, 2024, 18:55 IST
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