Sawan shiv puja Niyam: सावन का महीना चल रहा है. 22 जुलाई से शुरू हुए इस पावन महीने में इस बार 5 सावन सोमवार पड़ रहे हैं. पहला सावन सोमवार 22 जुलाई को था और आखिरी यानी पांचवां 19 अगस्त को पड़ेगा. कहा जाता है कि श्रावण मास भोलेनाथ का प्रिय महीना है. इस पूरे महीने शिव भक्त शंकर भगवान की पूजा पूरी श्रद्धा-भाव से करते हैं. प्रत्येक सोमवार को व्रत रखते हैं. मान्यता है कि सावन सोमवार के दिन व्रत रखकर पूजा-पाठ करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं. घर में सुख समृद्धि आती है. लेकिन, शिव जी की पूजा करते समय कुछ बातों और नियमों का पालन जरूर करना चाहिए वरना अपशगुन हो सकता है.
शास्त्रों के अनुसार, सावन महीने में शिव पूजा के दौरान खास सावधानी बरतनी चाहिए. शंकर जी की प्रिय वस्तुओं को ही पूजा के दौरान अर्पित करना चाहिए जैसे भांग, बेलपत्र, धतूरा, गंगाजल आदि. इससे भोलेनाथ अपने भक्त से प्रसन्न जरूर होते हैं. वहीं, कुछ ऐसी चीजें हैं, जिन्हें भूलकर भी पूजा के दौरान शिवलिंग पर नहीं चढ़ाना चाहिए. आप भी जान लें कौन-कौन सी हैं वे चीजें.
श्रावण मास में भोलेनाथ पर न चढ़ाएं ये चीजें
– जब भी आप श्रावण मास या अन्य सोमवार के दिन शिव जी की पूजा करें तो उन पर केतकी के फूल न चढ़ाएं. मान्यता है कि शिव जी ने केतकी को झूठ बोलने के लिए श्राप दिया था. उसके बाद से ही केतकी का फूल भोलेनाथ पर नहीं अर्पित किया जाता है.
– चूंकि, शिव जी बैरागी हैं इसलिए उनकी तस्वीर या शिवलिंग पर आप कभी भी पूजा करते समय कुमकुम से टीका न लगाएं. इससे आपकी पूजा पूर्ण नहीं होगी. भोलेनाथ को हमेशा चंदन का टीका ही लगाएं.
– हल्दी लगाने से भी बचें, क्योंकि इसे भी श्रृंगार की सामग्री कहा गया है. श्रावण मास हो या सामान्य सोमवार का दिन, आप पूजा के दौरान गलती से भी हल्दी का लेप शिवलिंग पर न लगाएं. इससे पूजा आपकी सफल नहीं होगी.
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– मान्यता है कि शंख भी शिव भगवान की पूजा में नहीं करना चाहिए इस्तेमाल. दरअसल, भोलेनाथ ने ही शंखचूड़ का वध किया था. शंखचूड़ का रूप है शंख, इसलिए भोलेनाथ की पूजा करते समय कभी भी शंख न बजाएं.
– प्रसाद में यदि आप अनजाने में शिव जी को नारियल भोग में लगाते हैं तो ऐसा न करें. भूलकर भी पूजा में नारियल का इस्तेमाल न करें. साथ ही नारियल पानी से भी शिवलिंग पर जलाभिषेक नहीं करना चाहिए.
– तुलसी दल, तुलसी का प्रसाद शिवलिंग पर चढ़ाने से परहेज करें. यह वर्जित माना गया है. मान्यता है कि मां तुलसी को विष्णु जी की पत्नी होने का दर्जा प्राप्त है. ऐसे में शिव जी की तस्वीर या शिवलिंग पर तुलसी अर्पित करना पूरी तरह से वर्जित है. यदि आप इन सभी बातों और नियमों को शिव पूजा के दौरान मानते हैं तो आपकी पूजा सफल होगी. शिव जी का आशीर्वाद सदा आपके घर-परिवार पर बना रहेगा.
(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं. Hindi news18 इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें.)
FIRST PUBLISHED : August 5, 2024, 09:10 IST
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