मथुरा वृंदावन में स्थित बांके बिहारी मंदिर एक ऐसा ही स्थान है.इस मंदिर में घंटी तो है ही नहीं बल्कि यहां घंटी बजाना भी मना है.
Mandir Jahan Nahi Bajti Ghanti : जब भी आप किसी मंदिर में जाते हैं तो सबसे पहले आपकी नजर घंटी पर पड़ती है और उसे बजाने के बाद ही आप वहां नतमस्तक होते हैं. पूजा के समय भी घंटी की बड़ी महत्ता है, लेकिन क्या आपने किसी ऐसे मंदिर के बारे में सुना है जहां घंटी हो ही नहीं. यदि नहीं तो आपको बता दें कि मथुरा वृंदावन में स्थित बांके बिहारी मंदिर एक ऐसा ही स्थान है. इस मंदिर में घंटी तो है ही नहीं, बल्कि यहां घंटी बजाना भी मना है. इस विषय में अधिक जानकारी दे रहे हैं भोपाल निवासी ज्योतिषी एवं वास्तु सलाहकार पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा.
आपको बता दें कि इस मंदिर में दूर दराज से भक्त दर्शन के लिए आते हैं. पौराणिक कथाओं में भी इसका उल्लेख मिलता है. जिसके अनुसार मंदिर में भगवान कृष्ण बाल स्वरूप में विराजमान हैं, लेकिन इस मंदिर का घंटी को लेकर क्या रहस्य है, आइए जानते हैं.
ये है मंदिर की खास बातें
वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर में ऐसी कई परंपराएं हैं, जो आपको अपनी ओर आकर्षित करती हैं. इस मंदिर में कभी भी घंटी नहीं बजाई जाती. आपने आरती के दौरान हर मंदिर में घंटी जरूर सुनी होगी लेकिन यहां आरती में भी घंटी वर्जित है. यही नहीं यहां ऊंची आवाज में आरती भी नहीं की जाती है. यहां कुछ-कुछ देर में पर्दों का हटना और इस मंदिर में लगातार होने वाले भजन-कीर्तन भी पुरानी परंपराओं से जुड़े हुए हैं.
मंदिर में घंटी नहीं बजाने का क्या है रहस्य?
बांके बिहारी मंदिर में घंटी का ना होना और ना ही बजाए जाने का कारण भी बड़ा ही रोचक है. दरअसल, ऐसा कहा जाता है कि कृष्ण बाल गोपाल स्वरूप में विराजमान हैं. वहीं आप यह जानते होंगे कि यदि किसी नन्हें बालक के पास जोर से बालें या घंटी बजाएं तो वह कितना परेशान हो सकता है. कुछ ऐसा ही इस मंदिर में भी है. श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप के कारण ही यहां घंटी नहीं है, ताकि उन्हें परेशानी ना हो. यह परंपरा लंबे समय से चली आ रही है और यहां आने वाले भक्त भी इस परंपरा का पालन करते हैं.
FIRST PUBLISHED : August 22, 2024, 11:52 IST
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