किचन घर की ऊर्जा का भी मुख्य स्रोत है.इससे जुड़े वास्तु दोष दूर करना बहुत आसान है.
Kitchen Vastu Dosh : किचन घर का वह स्थान है, जो न सिर्फ भोजन तैयार करने के लिए खास है, बल्कि पूरे घर की ऊर्जा का भी मुख्य स्रोत है. धार्मिक दृष्टिकोण से इसे विशेष महत्व प्राप्त है, क्योंकि यह स्थान मां अन्नपूर्णा का वास माना जाता है. यही कारण है कि किचन की दिशा और उसकी व्यवस्था में किसी प्रकार का वास्तु दोष घर में नकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश करवा सकता है. हालांकि, वास्तु दोष को दूर करने के लिए महंगे बदलावों या तोड़-फोड़ की जरूरत नहीं होती. आइए जानते हैं भोपाल निवासी ज्योतिषी एवं वास्तु सलाहकार पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा से कुछ आसान उपायों के बारे में, जिनसे आप अपने किचन का वास्तु दोष बिना किसी नुकसान के ठीक कर सकते हैं.
1. किचन की दिशा का ध्यान रखें
वास्तु शास्त्र के अनुसार, किचन को घर के अग्नि कोण यानी पूर्व-दक्षिण दिशा में स्थित किया जाना चाहिए. अगर आपका किचन इस दिशा में नहीं है, तो आप इस दोष को दूर करने के लिए एक उपाय अपना सकते हैं. किचन में एक लाल रंग का बल्ब लगाएं ये एक प्रभावी उपाय हो सकता है. इस बल्ब को सुबह और शाम दोनों समय जलाने से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है और किचन के वास्तु दोष को भी कम किया जा सकता है.
2. किचन और मेन गेट के बीच पर्दा लगाएं
अगर आपके किचन का गेट घर के मुख्य दरवाजे के सामने है, तो यह भी वास्तु दोष का कारण बन सकता है. इस दोष को सुधारने के लिए आप किचन और मेन गेट के बीच एक पर्दा लगा सकते हैं. साथ ही, किचन की दीवारों पर स्वास्तिक के चिन्ह बनाएं, विशेष रूप से पूर्व या उत्तर दिशा की दीवारों पर. इससे न सिर्फ वास्तु दोष दूर होगा, बल्कि घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह भी बढ़ेगा.
3. चूल्हे और जल का स्थान सही रखें
किचन में चूल्हा और जल के स्थान का ध्यान रखना भी महत्वपूर्ण है. चूल्हे को हमेशा आग्नेय कोण (पूर्व-दक्षिण दिशा) में रखें, और खाना पकाते समय अपना मुंह पूर्व दिशा की ओर रखें. इससे न सिर्फ स्वास्थ्य लाभ होता है, बल्कि घर में समृद्धि भी बनी रहती है. इसके अलावा, पानी या जल का स्थान हमेशा ईशान कोण (उत्तर-पूर्व) में रखना चाहिए. इस व्यवस्था से परिवार के सदस्य एक-दूसरे से अच्छे संबंध बनाए रखते हैं और किचन का वास्तु दोष दूर होता है.
4. चूल्हा और सिंक को दूर रखें
किचन में चूल्हा और सिंक को कभी भी पास-पास न रखें, क्योंकि ये दो विपरीत तत्वों का प्रतिनिधित्व करते हैं अग्नि और जल. इन दोनों के साथ होने से घर में न सिर्फ वास्तु दोष उत्पन्न होता है, बल्कि पारिवारिक विवाद और आर्थिक परेशानियों का सामना भी करना पड़ सकता है. इसलिए इन दोनों को जितना संभव हो सके, उतना अलग-अलग स्थानों पर रखें.
FIRST PUBLISHED : December 30, 2024, 12:55 IST
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