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सोने और चांदी के आभूषण पहनने के नियम होते हैं, जिनका पालन करना चाहिए. सोने के आभूषण हमेशा कमर के ऊपर पहनते हैं, जबकि चांदी की बनी पायल और बिछिया पैरों में पहनते हैं. ज्योतिषाचार्य डॉ. मृत्युञ्जय तिवारी से जानत…और पढ़ें

सोने की पायल और बिछिया पहनने के नुकसान.
हाइलाइट्स
- सोने के आभूषण कमर के नीचे नहीं पहनते हैं.
- सोना माता लक्ष्मी का प्रतीक है.
- चांदी की पायल और बिछिया पैरों में पहनते हैं.
आभूषण स्त्रियों के श्रृंगार का मुख्य हिस्सा है. महिलाएं आभूषण पहनती हैं. अधिकतर ये आभूषण सोने और चांदी के बने होते हैं. सोने और चांदी के आभूषण पहनने के नियम होते हैं, जिनका पालन करना चाहिए. सोने के आभूषण हमेशा कमर के ऊपर पहनते हैं, जबकि चांदी की बनी पायल और बिछिया पैरों में पहनते हैं. सोने की पायल और बिछिया पैरों में नहीं पहनते हैं. उज्जैन के महर्षि पाणिनि संस्कृत एवं वैदिक विश्वविद्यालय के ज्योतिषाचार्य डॉ. मृत्युञ्जय तिवारी से जानते हैं कि स्वर्ण आभूषण कमर के नीचे क्यों नहीं पहनते हैं? सोने की पायल और बिछिया पहनने से क्या होगा?
कमर के नीचे क्यों नहीं पहनते सोने के आभूषण?
ज्योतिषाचार्य डॉ. तिवारी के अनुसार, सोने का संबंध धन और वैभव की देवी माता लक्ष्मी से है. सोना माता लक्ष्मी का प्रतीक है. इसी वजह से धनतेरस और दिवाली पर सोना खरीदना शुभ माना जाता है. सोना खरीदकर घर लाने का अर्थ देवी लक्ष्मी को घर लाना होता है. सोने का माता लक्ष्मी से संबंध होने के कारण स्वर्ण आभूषण को कमर के नीचे नहीं पहनते हैं. इससे दोष लगता है और माता लक्ष्मी नाराज हो सकती हैं.
इस वजह से महिलाएं अपने पैरों में चांदी की पायल और बिछिया पहनती हैं. ऐसे ही शास्त्रों में कमर के ऊपरी हिस्से को पवित्र माना जाता है, इसलिए कमर के ऊपर सोने के आभूषण पहनते हैं.
चांदी की ही पायल और बिछिया क्यों पहनते हैं?
योग गुरु राहिला सुजाता संथानम बताती हैं कि व्यक्ति आभूषण पहनकर अपनी ऊर्जा को उच्चतम स्तर पर रख सकता है. सोने के आभूष्ण शरीर के ऊपरी हिस्से और चांदी के आभूषण कमर के नीचे पहनते हैं क्योंकि मानव शरीर में चंद्रमा और सूर्य की ऊर्जा होती है. यौगिक आधार पर देखें तो सोना ऊर्जा को अपने अंदर समाहित करके रखता है. जब आप मंदिर में जाते हैं तो आप सोने के आभूषण की मदद से वहां की पवित्र और उच्चतम ऊर्जा को अपने अंदर समाहित कर सकते हैं.
कमर के नीचे चांदी की पायल और बिछिया इसलिए पहनते हैं क्योंकि शरीर की अपानवायु नीचे की तरफ आगे बढ़ने वाली वायु है. अपानवायु शरीर की नकारात्मक ऊर्जा को बाहर निकालने में मदद करती है. इससे महिलाओं को मासिक धर्म, पेशाब आदि में मदद मिलती है. यदि आप सोने की पायल और बिछिया जैसे आभूषण पहनती हैं तो आप सोने की मदद से कमर के नीचे की नकारात्मक ऊर्जा को शरीर में ही समाहित करती हैं, वह नीचे की तरफ होते हुए बाहर नहीं जाती है. इस वजह से कमर के ऊपर सोना और नीचे चांदी पहनते हैं.
February 06, 2025, 10:17 IST
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