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कैसा होगा आपका लाइफ पार्टनर? कुंडली के इन भावों से करें पहचान, कौनसी स्थिति में होती है परेशानी?

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Marriage Yoga In Kundali : जन्मकुंडली एक ऐसा आईना है, जिसमें किसी इंसान के पूरे जीवन की झलक मिलती है. इसमें ग्रहों की स्थिति देखकर यह जाना जा सकता है कि उसका वैवाहिक जीवन कैसा रहेगा, उसका जीवनसाथी कैसा होगा और शादी के बाद उसे कितनी खुशियां मिलेंगी. वैदिक ज्योतिष के अनुसार, जब कोई बच्चा जन्म लेता है, तो उस समय आसमान में मौजूद ग्रहों की जो स्थिति होती है, उसी के आधार पर उसकी कुंडली बनती है. इसी में छिपे संकेतों से उसके जीवन के कई पहलुओं की जानकारी मिलती है, जिनमें विवाह भी शामिल है. इस विषय में अधिक जानकारी दे रहे हैं भोपाल निवासी ज्योतिषी एवं वास्तु सलाहकार पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा.

कुंडली में सातवां भाव क्या बताता है?
शादी से जुड़ी जानकारियां कुंडली के सातवें भाव से मिलती हैं. यह भाव जीवनसाथी, वैवाहिक सुख और संबंधों की स्थिति को दर्शाता है. इस भाव का स्वामी, यानी जिस ग्रह की देखरेख में यह भाव आता है, उसकी स्थिति भी बहुत मायने रखती है. इसके अलावा शुक्र और गुरु ग्रह की भूमिका भी अहम होती है.

कौन सी स्थिति देती है अच्छा जीवनसाथी?
अगर सातवें भाव में वृषभ राशि हो और शुक्र व चंद्रमा दोस्ताना राशियों में हों, तो व्यक्ति को सुंदर और स्नेही जीवनसाथी मिलता है. इसी तरह, अगर कुंभ लग्न की कुंडली में सूर्य पर शुभ ग्रहों की दृष्टि हो, तो शादी अमीर और प्रतिष्ठित परिवार में होती है.

नवांश कुंडली का असर
जहां मुख्य कुंडली से सामान्य संकेत मिलते हैं, वहीं नवांश कुंडली से शादी से जुड़ी गहराई से जानकारी मिलती है. अगर कोई ग्रह दोनों कुंडलियों में एक ही राशि में हो, तो उसे बहुत शुभ माना जाता है. शुक्र और गुरु की ऐसी स्थिति शादीशुदा जीवन को खुशहाल बनाती है.

कौन सी स्थिति बनाती है परेशानी?
अगर नवांश कुंडली के आठवें भाव में अशुभ ग्रह हों या उन पर निगेटिव असर हो, तो शादीशुदा जीवन में तनाव आ सकता है. इस स्थिति में छोटी छोटी बातों पर झगड़े होते हैं और रिश्ते बिगड़ सकते हैं.

अगर सातवें भाव पर राहु का असर हो या राहु खुद वहां मौजूद हो, तो शादी देर से होती है और उसमें कई दिक्कतें आती हैं. वहीं, शनि की मौजूदगी से भी शादी में देरी होती है और जीवनसाथी के साथ तालमेल बैठाने में समय लगता है.

मंगल और क्रोधी जीवनसाथी
अगर सातवें भाव में कोई ग्रह अपनी ही राशि में हो और उस पर मंगल का असर हो, तो जीवनसाथी गुस्सैल और जिद्दी हो सकता है. ऐसे रिश्तों में प्यार के साथ साथ संघर्ष भी रहता है. (Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं. Hindi news18 इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें.)


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