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Garud Puran: गरुड़ पुराण में वर्णित तथ्यों से पता चलता है कि मृत्यु के बाद आत्मा की गति और स्वर्ग में भी भोजन की प्राप्ति कर्मों और विशेष दिनों के महत्व पर निर्भर करती है.

गरुड़ पुराण
Garud Puran: गरुड़ पुराण हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है जिसमें मृत्यु के बाद आत्मा की यात्रा और विभिन्न लोकों के बारे में वर्णन किया गया है. इस ग्रंथ में एक रोचक तथ्य सामने आता है कि कुछ विशेष दिनों में मरने वाले लोगों को स्वर्ग में भी भूखा रहना पड़ता है. आइए इस रहस्य को विस्तार से जानते हैं.
एकादशी और स्वर्ग में भोजन का अभाव
गरुड़ पुराण के अनुसार एकादशी के दिन मरने वाले व्यक्ति को स्वर्ग में भी भोजन नहीं मिलता. एकादशी हिंदू धर्म में एक पवित्र व्रत है जो हर महीने में दो बार आता है. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है और उपवास रखा जाता है. मान्यता है कि एकादशी के दिन मरने वाले व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है और वह स्वर्ग में जाता है.
हालांकि गरुड़ पुराण में यह भी बताया गया है कि एकादशी के दिन स्वर्ग में भी भोजन का अभाव रहता है. इस दिन सभी देवता और स्वर्गवासी भी उपवास रखते हैं जिसके कारण भोजन उपलब्ध नहीं होता. इसलिए एकादशी के दिन मरने वाले व्यक्ति को स्वर्ग में भी भूखा रहना पड़ता है.
पितृ पक्ष और पिंडदान का महत्व
गरुड़ पुराण में पितृ पक्ष का भी उल्लेख किया गया है. पितृ पक्ष, श्राद्ध पक्ष के नाम से भी जाना जाता है जो भाद्रपद महीने में आता है. इस दौरान लोग अपने पितरों (पूर्वजों) को पिंडदान करते हैं और उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करते हैं.
पितृ पक्ष में पिंडदान
गरुड़ पुराण के अनुसार पितृ पक्ष में पिंडदान का विशेष महत्व है. जो लोग पितृ पक्ष में अपने पितरों को पिंडदान नहीं करते उन्हें स्वर्ग में भी भोजन नहीं मिलता. इसलिए पितरों को पिंडदान करना अत्यंत आवश्यक है.
गरुड़ पुराण में वर्णित इन तथ्यों से पता चलता है कि मृत्यु के बाद आत्मा की गति और स्वर्ग में भी भोजन की प्राप्ति कर्मों और विशेष दिनों के महत्व पर निर्भर करती है. एकादशी के दिन उपवास रखने और पितृ पक्ष में पिंडदान करने से स्वर्ग में भोजन की प्राप्ति हो सकती है.
January 29, 2025, 19:04 IST
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