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गृह प्रवेश के दिन सबसे पहले होती है दूध उबालने की रस्म, जानें क्या है मान्यता और वजह


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नए घर में प्रवेश करते समय दूध उबालना और उफान कराना केवल परंपरा नहीं है, बल्कि उसके पीछे गहरा आध्यात्मिक और ज्योतिषीय कारण है. यही वजह है कि गृह प्रवेश की शुरुआत इसी रस्म से होती है. मान्यता है कि नए घर में दूब …और पढ़ें

गृह प्रवेश के दिन सबसे पहले होती है दूध उबालने की रस्म, जानें क्या है मान्यता
नए घर में कदम रखना हर किसी के लिए जिंदगी का बड़ा और यादगार पल होता है. गृह प्रवेश यानी नए घर में पहली बार प्रवेश करने से जुड़ी कई रस्में भारत में सदियों से निभाई जाती रही हैं. इन्हीं में सबसे अहम और पहली रस्म होती है दूध उबालने की रस्म. जब परिवार अपने नए घर में प्रवेश करता है तो सबसे पहले किचन में दूध उबाला जाता है. लेकिन आखिर यह परंपरा क्यों निभाई जाती है और इसके पीछे क्या मान्यता जुड़ी है?

समृद्धि और खुशहाली से जुड़ी है रस्म
किचन घर का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा होता है और इसी जगह से पूरे घर को ऊर्जा मिलती है. साथ ही और घर की समृद्धि, खुशहाली और स्वास्थ्य इसी से जुड़ा होता है. दूध को हिंदू संस्कृति में पवित्र, शुद्ध और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है और इसका संबंध चंद्र ग्रह से माना गया है, जो मन और माता के कारक ग्रह हैं. माना जाता है कि नए घर में सबसे पहले दूध उबालने से वहां सकारात्मक ऊर्जा प्रवेश करती है और घर के सदस्यों की जिंदगी में सुख-समृद्धि बनी रहती है.

Griha Pravesh 2025

दूध उबल जाने के बाद बनाया जाता है प्रसाद
भारतीय परंपरा में घर का पहला कार्य किचन को जाग्रत करना होता है. दूध उबालना माता अन्नपूर्णा और गृहलक्ष्मी को आमंत्रित करने जैसा माना गया है. दूध जब उबल जाता है, तब उसके बाद खीर भी बनाई जाती है, जो एक तरह का मां अन्नपूर्णा का प्रसाद होता है, जिसे पूजा के दौरान देवी देवताओं को अर्पित किया जाता है. परिवार, रिश्तेदार और प्रियनज सभी इस प्रसाद को ग्रहण करते हैं. खीर का प्रसाद परिवार को एकजुट करता है और उनके बीच प्रेम और सद्भाव को बढ़ावा देता है. दूध को नए घर में पहला भोजन माना जाता है, जो घर में भोजन की प्रचुरता और समृद्धि का प्रतीक है.

माता लक्ष्मी से है इसका संबंध
दूध का संबंध माता लक्ष्मी से भी माना जाता है. मान्यता है कि जिस घर की किचन में सबसे पहले दूध उबाला जाता है, वहां कभी अन्न-धन की कमी नहीं होती और माता लक्ष्मी का आशीर्वाद हमेशा बना रहता है. यही कारण है कि गृह प्रवेश में पहले गैस या चूल्हा जलाकर दूध चढ़ाया जाता है और घर के सदस्य उसे मिलकर ग्रहण करते हैं. दूध शुद्धता, सत्वगुण और शांति का प्रतीक है. घर में उबला हुआ दूध यह दर्शाता है कि वातावरण में अब शुद्धता और सकारात्मकता का संचार होगा.

दूब उबालने के पीछे वैज्ञानिक दृष्टिकोण
इस रस्म का वैज्ञानिक दृष्टिकोण भी है. नए घर में लंबे समय तक खालीपन और नमी रहने से वातावरण में हल्की-सी नकारात्मकता या बदबू आ सकती है. दूध उबालने से ना केवल वातावरण में गर्माहट आती है, बल्कि उसका भाप और खुशबू घर को पवित्र और ताजगी से भर देती है. यही वजह है कि यह रस्म सिर्फ एक धार्मिक आस्था नहीं, बल्कि घर में ऊर्जा और सकारात्मकता लाने का भी तरीका है.

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Parag Sharma

मैं धार्मिक विषय, ग्रह-नक्षत्र, ज्योतिष उपाय पर 8 साल से भी अधिक समय से काम कर रहा हूं। वेद पुराण, वैदिक ज्योतिष, मेदनी ज्योतिष, राशिफल, टैरो और आर्थिक करियर राशिफल पर गहराई से अध्ययन किया है और अपने ज्ञान से प…और पढ़ें

मैं धार्मिक विषय, ग्रह-नक्षत्र, ज्योतिष उपाय पर 8 साल से भी अधिक समय से काम कर रहा हूं। वेद पुराण, वैदिक ज्योतिष, मेदनी ज्योतिष, राशिफल, टैरो और आर्थिक करियर राशिफल पर गहराई से अध्ययन किया है और अपने ज्ञान से प… और पढ़ें

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