हरिद्वार: सुख समृद्धि का आधार, सभी दिशाओं, तत्वों और ब्रह्मांडीय ऊर्जा के बीच संतुलन करने वाले विज्ञान को वास्तु शास्त्र कहते हैं. इसका मुख्य उद्देश्य व्यक्ति के स्वास्थ्य को बेहतर रखना और मूल उद्देश्यों को पूर्ण करना होता है. वास्तु शास्त्र में अनेक उपायों का वर्णन किया गया है जिनसे सुख समृद्धि, सकारात्मक और अपार धन की प्राप्ति होती है. अपने निवास पर कुछ बदलाव करने पर खुशियों का आगमन और परिवार में खुशहाली बनी रहती है. तिजोरी, घर का मुख्य द्वार, जल तत्व यानी फव्वारा, पानी की टंकी आदि को कहां पर स्थापित करें जिससे केवल सकारात्मक का संचार होता रहे. चलिए विस्तार से समझते हैं…
इसकी ज्यादा जानकारी देते हुए वास्तु शास्त्र के जानकार पंडित श्रीधर शास्त्री बताते हैं कि वास्तु शास्त्र में अनेक उपाय वर्णित हैं जिनको जीवन में ढालने पर सुख समृद्धि और खुशियों का आगमन होता है. यह उपाय बेहद आसान और कारगर होते हैं. अपने निवास पर छोटे-छोटे बदलाव करने पर अंदरुनी खुशी का एहसास सदैव बना रहता है.
जल की वस्तुएं
वह बताते हैं कि घर में पानी की टंकी या फव्वारा उत्तर पूर्व दिशा में ही होना चाहिए. यदि उसमें नहाने का स्थान किसी अन्य दिशा में है तो उसमें पानी की टंकी और फव्वारे को ऐसे लगाएं कि वह उत्तर पूर्व दिशा यानी ईशान कोण की तरफ हो और स्नान आदि करते हुए आपका मुख ईशान कोण की तरफ में ही हो. पानी की टंकी या फव्वारे में साफ जल संचार होता है तो घर में भी सकारात्मक ऊर्जा का वास बना रहता है. यह जीवन के लिए काफी महत्वपूर्ण और सुखद होता है.
घर का मुख्य द्वार
वह बताते हैं की घर बनवाते समय या बना बनाया घर खरीदते समय यह ध्यान रखें कि घर का मुख्य द्वार पूर्व पश्चिम या उत्तर दिशा में होना चाहिए यदि जमीन दक्षिण मुखी है, तो घर का द्वार मुख्य द्वार ऐसे लगे कि वह दक्षिण दिशा की तरफ ना खुलकर दक्षिण पूर्व या अन्य दिशा की तरफ हो. साथ ही घर के मुख्य द्वार पर हंसते हुए बाल गणेश की मूर्ति जरूर लगाएं. घर निर्माण करते हुए या बना बनाया घर लेते समय ध्यान रखें कि घर का मुख दक्षिण दिशा में नहीं खुलना चाहिए.
घर में अनावश्यक सामान
वह बताते हैं कि घर में सकारात्मकता, सुख समृद्धि के लिए यह सुनिश्चित करना बेहद जरूरी होता है कि घर में जाले, धूल, टूटा सामान, फटे कपड़े, खंडित मूर्ति या टूटा शीशा नहीं होना चाहिए. इन सभी के घर में होने से नकारात्मक ऊर्जा का संचार होता रहता है और मन में अनेक प्रकार की दुविधाएं, समस्याएं, आर्थिक अस्थिरता बनी रहती है. घर में साफ सफाई और अनावश्यक सामान को बाहर निकाल देना चाहिए जिससे परिवार में सुख समृद्धि बनी रहे.
घर में तिजोरी की जगह
वह आगे बताते हैं कि घर में धन रखने की तिजोरी को ऐसी दिशा में रखना चाहिए जिससे धन के आगमन का प्रवाह होता रहे. वास्तु शास्त्र के अनुसार तिजोरी को घर की दक्षिण दिशा में रखें लेकिन तिजोरी का मुख उत्तर दिशा में ही खुलना चाहिए. यह दिशा धन के देवता कुबेर की होती है. अपनी तिजोरी को दक्षिण दिशा में रखने और उसका मुख उत्तर दिशा में होने से धन का प्रवाह बाधित नहीं होता है.
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