Monday, November 10, 2025
21 C
Surat

‘ठठरी के बरे, नक्कटा! सुधर जा…’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल करते हैं बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र शास्त्री, क्या है वजह खुद ही जान लें?


Last Updated:

Bageshwar Dham : ‘ठठरी’ शब्द का प्रयोग सिर्फ और सिर्फ एक भावना, एक चेतावनी और एक जागरूकता का प्रतीक है. पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने अपने विचारों से यह स्पष्ट किया कि शब्दों के पीछे हमेशा गहरी भावनाएं होती …और पढ़ें

'ठठरी के बरे, नक्कटा! सुधर जा...' जैसे शब्द क्यों बोलते हैं धीरेंद्र शास्त्री?

बागेश्वर धाम

हाइलाइट्स

  • धीरेंद्र शास्त्री ‘ठठरी’ शब्द का प्रयोग चेतावनी के रूप में करते हैं.
  • ‘ठठरी’ शब्द बुंदेलखंडी भाषा में अर्थी को दर्शाता है.
  • शब्द का उद्देश्य सत्य का बोध और आचरण में सुधार है.

Bageshwar Dham : बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री, जिनकी दुनिया भर में एक विशाल फैन फॉलोइंग है, अक्सर अपने उपदेशों और चमत्कारों के कारण चर्चा में रहते हैं. वे हमेशा अपने शब्दों के माध्यम से सनातन धर्म का प्रचार करते हैं. उनकी बातों में एक शब्द अक्सर सुनने को मिलता है, वह है ‘ठठरी’. इस शब्द का इस्तेमाल धीरेंद्र शास्त्री जी करते हैं और इसे लेकर उनके फैंस और आलोचक दोनों ही अलग-अलग राय रखते हैं. कई बार यह शब्द विवादों का कारण बन चुका है, लेकिन धीरेंद्र शास्त्री ने खुद इसका असली मतलब और भावना स्पष्ट की है.

‘ठठरी’ शब्द का मुख्य अर्थ बुंदेलखंडी भाषा से जुड़ा हुआ है. यह शब्द दरअसल अर्थी को दर्शाता है, जो एक बांस और लकड़ी से बनाई जाती है और शव को श्मशान की ओर ले जाने के लिए इस्तेमाल की जाती है. यह शब्द विशेष रूप से बुंदेलखंड क्षेत्र में महिलाओं द्वारा बोला जाता है और इसके पीछे एक गहरी भावनात्मक भावना छिपी होती है.

धीरेंद्र शास्त्री के अनुसार, ‘ठठरी’ शब्द का इस्तेमाल वह कभी गुस्से में, कभी जोश में और कभी विनोद में करते हैं. वे मानते हैं कि इस शब्द का उद्देश्य किसी को नीचा दिखाना या गाली देना नहीं है, बल्कि यह किसी व्यक्ति को सत्य की ओर मार्गदर्शन करने के लिए एक संकेत होता है. वे बताते हैं कि जब बुंदेलखंड में एक मां अपने बच्चे से नाराज होती है, तो वह उसे यह शब्द बोलती है, जिसका अर्थ होता है ‘ठठरी के बरे, नक्कटा! सुधर जा.’ यहां ‘ठठरी’ का अर्थ है सत्य का बोध और आचरण में सुधार की जरूरत है.

धीरेंद्र शास्त्री ने यह भी कहा कि यह शब्द कभी भी किसी के लिए नकारात्मक नहीं होता, बल्कि यह एक प्रकार का मानसिक और आत्मिक जागरण है. उनका कहना है कि जब वे इस शब्द का प्रयोग करते हैं, तो उनका उद्देश्य किसी को नुकसान पहुंचाना नहीं होता, बल्कि वे इसे सिर्फ एक शिक्षात्मक तरीके से व्यक्त करते हैं.

homedharm

‘ठठरी के बरे, नक्कटा! सुधर जा…’ जैसे शब्द क्यों बोलते हैं धीरेंद्र शास्त्री?


.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.

https://hindi.news18.com/news/dharm/bageshwar-dham-pandit-dhirendra-shastri-told-thatthri-ke-bare-what-it-means-he-says-is-not-an-abusive-word-9056457.html

Hot this week

aaj ka Vrishchik rashifal 11 November 2025 Scorpio horoscope in hindi

Last Updated:November 11, 2025, 00:07 ISTAaj ka Vrishchik...

Aaj Ka Tarot Rashifal 11 November 2025 tuesday | Tarot card horoscope today mesh to meen rashi । आज का टैरो राशिफल, 11 नवंबर...

मेष (फोर ऑफ कप्स) (Aries Tarot Rashifal) गणेशजी कहते हैं...

Topics

aaj ka Vrishchik rashifal 11 November 2025 Scorpio horoscope in hindi

Last Updated:November 11, 2025, 00:07 ISTAaj ka Vrishchik...

Dhanbad Bobby Fast Food Center new spot for chicken chili lovers

Last Updated:November 10, 2025, 22:29 ISTDhanbad Famous Chicken...
spot_img

Related Articles

Popular Categories

spot_imgspot_img