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Jhadu Kharidne ka Shubh Muhurt: दिवाली पर घर की सफाई और पुरानी झाड़ू बदलना सिर्फ परंपरा नहीं, बल्कि ज्योतिषीय दृष्टि से भी अत्यंत शुभ माना गया है. जालोर के ज्योतिषाचार्य पं. भानुप्रकाश दवे जानकारी दी कि, झाड़ू को लक्ष्मी का प्रतीक माना गया है. धनतेरस के दिन सुबह नई झाड़ू घर लाने से घर में समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश होता है. इसे शाम या रात में फेंकना अशुभ माना जाता है. सही मुहूर्त में झाड़ू बदलने से लक्ष्मी और शुक्र ग्रह का सकारात्मक प्रभाव मिलता है.

भारतीय परंपरा में झाड़ू को केवल सफाई का साधन नहीं, बल्कि लक्ष्मी का प्रतीक माना गया है. कहा जाता है कि झाड़ू घर से नकारात्मक ऊर्जा, दरिद्रता और अशुद्धता को दूर करती है. इसीलिए दिवाली से पहले घर की पूरी सफाई करने और पुरानी झाड़ू बदलने की परंपरा प्राचीन काल से चली आ रही है. ज्योतिषशास्त्र के अनुसार, यह क्रिया घर में सुख-समृद्धि के नए द्वार खोलती है.

शास्त्रों के अनुसार, धनतेरस के दिन सुबह झाड़ू का प्रयोग करने के बाद उसे घर से बाहर निकाल देना चाहिए. इसे कभी भी शाम या रात में नहीं फेंकना चाहिए क्योंकि ऐसा करने से लक्ष्मी का अपमान माना जाता है. पुरानी झाड़ू को फेंकते समय मन में यह भाव रखना चाहिए कि घर की सारी नकारात्मकता और दरिद्रता इस झाड़ू के साथ चली जाए.

ज्योतिषाचार्य पंडित भानूप्रकाश दवे के अनुसार, इस वर्ष धनतेरस के दिन यानी 18 अक्टूबर को सुबह 11:40 से 12:20 बजे के बीच नई झाड़ू घर में लानी सबसे शुभ रहेगी. यह समय अभिजीत मुहूर्त माना गया है, जिसमें किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत अत्यंत फलदायी होती है. इस समय झाड़ू लाने से घर में लक्ष्मी स्थायी रूप से निवास करती हैं.

नई झाड़ू घर लाने के बाद शाम को लक्ष्मी पूजा के समय इसे तिलक लगाकर, मोली (लाल धागा) बांधना चाहिए. कुछ लोग इसे हल्दी या कुमकुम से तिलक करते हैं और फूल-माला चढ़ाते हैं. यह झाड़ू को देवी लक्ष्मी का प्रतीक मानकर आदर देने की परंपरा है. पूजा के बाद इसे घर के किसी पवित्र स्थान पर रख दें और अगले दिन सुबह से इसका प्रयोग शुरू करें.

दिवाली के शुभ मुहूर्त में झाड़ू बदलने से लक्ष्मी माला और शुक्र ग्रह का सकारात्मक प्रभाव प्राप्त होता है. शुक्र ग्रह समृद्धि, सौंदर्य और धन का कारक है, इसलिए इससे घर में वैभव और सौभाग्य का वास होता है. माना जाता है कि नई झाड़ू का पहला उपयोग घर के मंदिर या मुख्य दरवाजे से करना चाहिए ताकि सकारात्मक ऊर्जा अंदर आए.

झाड़ू को कभी पैर से नहीं छूना चाहिए और इसे खड़ा करके रखने से भी बचना चाहिए. इसे हमेशा दक्षिण या पश्चिम दिशा में, जमीन पर सीधा रखकर रखें. रात में झाड़ू लगाना अशुभ माना जाता है, क्योंकि यह धनलक्ष्मी को बाहर निकालने जैसा है. अगर आप इन छोटे उपायों को सही समय पर करें, तो दिवाली के दिनों में लक्ष्मीजी की कृपा और शुभ फल कई गुना बढ़ जाते हैं.
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