हरिद्वार. कुंडली में कई ग्रहों की संयुक्त उपस्थिति कई राशि के जातकों के लिए अच्छी होती है वहीं कई बार बुरी खबर लेकर आती है. हालांकि, ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यह बिल्कुल भी जरूरी नहीं है कि एक ही स्थान पर कई ग्रहों का प्रभाव हमेशा नकारात्मक ही होगा. सभी ग्रह जातकों पर अलग-अलग प्रभाव स्थापित करते हैं, मंगल ग्रह को ग्रहों का सेनापति माना जाता है. मंगल ग्रह समय-समय पर गोचर करते हैं. वहीं शनि एक राशि में ढाई साल तक रहते हैं और 12 राशियों का चक्र पूरा करने के बाद उन्हें वहां लौटने में 30 साल लग जाते हैं. ग्रहों के सेनापति 7 दिसंबर को कर्क राशि में वक्री हो गए हैं और 21 जनवरी 2025 तक रहेंगे. इस दौरान मंगल और शनि एक-दूसरे से छठे और 8वें भाव में मौजूद रहेंगे. इससे षडाष्टक योग का निर्माण हो रहा है.
हरिद्वार के ज्योतिषी पंडित श्रीधर शास्त्री बताते है कि 2025 जनवरी का समय कुछ राशियों के जातकों के लिए बहुत ही कष्टदाई रहने वाला है. ग्रहों के सेनापति मंगल 7 दिसंबर को कर्क राशि में वक्री हो गए है और 21 जनवरी 2025 तक रहेंगे. इस दौरान मंगल और शनि एक-दूसरे से छठे और 8वें भाव में मौजूद रहेंगे. इससे षडाष्टक योग का निर्माण हो रहा है. मंगल शनि और मंगल सूर्य के षडाष्टक योग का कई राशियों जैसे कर्क, धनु और कुंभ राशि पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा हैं. गौरतलब है कि सभी ग्रहों में मंगल ग्रह को सबसे शक्तिशाली और उग्र ग्रह माना जाता है.
षडाष्टक योग को माना जाता है अशुभ
पंडित श्रीधर शास्त्री बताते हैं कि षडाष्टक योग से कर्क , कुंभ और धनु राशि के जातकों के लिए साल 2025 की शुरुआत अच्छी नहीं रहेगी. जनवरी के महीने में आपको बहुत सी समस्याओं का सामना करना होगा. ज्योतिष में वैसे ही षडाष्टक योग को अशुभ माना जाता है. साल की शुरुआत में मंगल और शनि के बीच षडाष्टक योग का बनना करेला कड़वा और ऊपर से नीम चढ़ा वाली कहावत को पूरा करता है. मंगल और शनि के षडाष्टक योग के अशुभ प्रभाव की वजह से कर्क, धनु और कुंभ राशियों के लोगों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ेगा. इनके करियर में उथल-पुथल मचने के साथ ही इनके निजी जीवन में भी अचानक से समस्याएं पैदा हो सकती है. आर्थिक संकट बढ़ने के साथ ही बीमारियां भी आपको घेर सकती हैं
षडाष्टक योग के अशुभ प्रभाव से बचने के उपाय
- मंगल और शनिवार को हनुमान चालीसा का 108 बार संपूर्ण पाठ करें.
- बजरंग बाण का संपूर्ण पाठ करने और मंगलवार का व्रत करने से षडाष्टक योग के दुष्प्रभाव कम हो जाएंगे.
- साथ ही शनिवार के दिन शनि देव के बीज मंत्र ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः का 108 बार जाप करें.
- शनिदेव के वैदिक मंत्र ॐ शन्नोदेवीर भिष्टयऽआपो भवन्तु पीतये शंय्योरभिस्त्रवन्तुनः का जाप करें.
- शाम के समय सरसों के तेल का दिया पीपल के नीचे जलाएं.
- गरीबों जरूरतमंद लोगों को काले या नीले वस्त्र, कंबल दान करें.
- मंगलवार और शनिवार के दिन बंदर को गुड चना खिलाने से भी लाभ मिलेगा.
Note: साल 2025 की शुरुआत अच्छी हो और षडाष्टक योग की विस्तार से जानकारी के लिए आप हरिद्वार के प्रसिद्ध ज्योतिषी पंडित श्रीधर शास्त्री से उनके फोन नंबर 9557125411 और 9997509443 पर संपर्क कर सकते हैं.
FIRST PUBLISHED : December 21, 2024, 12:55 IST
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Bharat.one व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
https://hindi.news18.com/news/astro/astro-tips-mars-transit-in-cancer-makes-mangal-shani-shadashtak-yog-kark-kumbh-dhanu-zodiac-sign-face-trouble-local18-8910195.html
