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संत प्रेमानंद महाराज ने भक्तों से पूछा…संसार का सबसे बड़ा सुख क्या है? रुपया-पैसा नहीं तो क्या, खुद दिया जवाब


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Premanand Maharaj: संत प्रेमानंद महाराज आज किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं. उन्होंने अपनी मधुर वाणी और भक्तिमय जीवन से लाखों लोगों को प्रेरित किया है. उनके प्रवचन के वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल होते रहते हैं…और पढ़ें

संत प्रेमानंद ने भक्तों से पूछा..संसार का सबसे बड़ा सुख क्या है? खुद दिया जवाब

संसार का सबसे बड़ा सुख क्या है? पढ़िए क्या कहते हैं संत प्रेमानंद महाराज.

हाइलाइट्स

  • संसार का सबसे बड़ा सुख रुपया-पैसा नहीं है.
  • संत प्रेमानंद महाराज के अनुसार, सबसे बड़ा सुख ‘काम’ है.
  • प्रेम ही परमात्मा है, दिल से प्रेम करने से दुख समाप्त होता है.

Sant Premanand Maharaj: भारत में सबसे ज्यादा चर्चाओं में रहने वाले साधु-संतों में संत प्रेमानंद महाराज भी एक हैं. आजकल उनकी लोकप्रियता विदेशों तक फैली हुई है. संत प्रेमानंदजी महाराज एक दिव्य विभूति जिन्होंने अपनी मधुर वाणी और भक्तिमय जीवन से लाखों लोगों को प्रेरित किया है. उनके प्रवचन काफी प्रेरणादायक होते हैं. एक बार संत प्रेमानंद ने खुद भक्तों से सवाल किया कि, बताओ संसार का सबसे बड़ा सुख क्या है? इस पर कुछ देर बात करने के बाद खुद ही इसके बारे में बताया. आइए जानते हैं संत प्रेमानंद ने क्या दिया जवाब-

वृंदावन के प्रसिद्ध प्रेमानंद जी महाराज के प्रवचन के वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल होते रहते हैं, जिनमें वो तमाम तरह के सवालों का जवाब देते हैं. प्रेमानंद जी महाराज ने एक बार प्रवचन के दौरान खुद भक्तों से सवाल किया कि संसार का सबसे बड़ा सुख क्या है? रुपया-पैसा तो बिलकुल नहीं है. इस पर सभी भक्त शांत रहे. फिर कुछ देर बाद उन्होंने ही बताया.

संसार का सबसे बड़ा सुख क्या?

संत प्रेमानंद महाराज भक्तों से कहते हैं कि, रुपया-पैसा संसार का सबसे बड़ा सुख नहीं हो सकता है. क्योंकि, रुपये से सामग्री मिलती है, जोकि पेट पोषण के लिए होती है. इसके अलावा, रुपया योग्यता और विषय खरीदने की है. इसलिए अगर आप दिमाग दौड़ाकर देखेंगे तो सही जवाब निकलेगा वह है ‘काम’.

काम सुख कहां होता है?

आगे संत प्रेमानंद कहते हैं कि, कई लोग सोचते होंगे कि ये काम सुख है कहां. इस पर वे कहते हैं कि, जिन अंगों को हम स्पर्श करके कई बार साबुन से हाथ धोते हैं. रज लगाते हैं. उन अंगों में कहीं वह सुख है जो हम चाह रहे हैं.

प्रेमानंद महाराज के अनमोल वचन

  • प्रेम ही परमात्मा है, जब दिल से प्रेम करना शुरू करोगे, तो हर दुख समाप्त हो जाएगा.
  • सच्ची शांति भीतर से आती है, जब हम अपने भीतर के भगवान से जुड़ते हैं.
  • जिंदगी को हल्का और सरल बनाओ, क्योंकि हर कठिनाई का समाधान भीतर ही है.
  • जो इंसान स्वयं को जानता है, वही सच्ची खुशी और संतोष प्राप्त करता है.
  • जीवन में सबसे महत्वपूर्ण बात है, खुद को समझना और दूसरों को प्रेम देना.
  • हर कार्य में भगवान का आशीर्वाद महसूस करो और जीवन को समर्पित कर दो.
  • सच्चा सुख केवल भीतर के संतुलन और प्रेम में ही निहित है, बाहर से नहीं.

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संत प्रेमानंद ने भक्तों से पूछा..संसार का सबसे बड़ा सुख क्या है? खुद दिया जवाब


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