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सावधान! ग्रहों के सेनापति मंगल करने वाले हैं गोचर, इन 3 राशियों पर आएगी आफत! बचने के लिए करें ये उपाय



ओम प्रयास /हरिद्वार. वैदिक ज्योतिष के अनुसार गोचर का सीधा संबंध सभी नौ ग्रहों और 12 राशियों से होता है. गोचर का अर्थ ग्रहों की चाल से है. जब कोई ग्रह एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करता है तो इस प्रक्रिया को गोचर कहते हैं. ग्रहों के गोचर का देश दुनिया के साथ व्यक्ति के जीवन पर भी बहुत अधिक प्रभाव पड़ता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सभी ग्रह एक निश्चित अवधि में राशि परिवर्तन करते रहते हैं. सूर्य से लेकर केतु तक सभी ग्रहों के राशि परिवर्तन का समय अलग-अलग होता हैं. जब कोई ग्रह राशि परिवर्तन करता है तो उसका प्रभाव सभी राशियों के जातकों पर पड़ता हैं. ग्रहों के वक्री और मार्गी होने पर सभी 12 राशियों के जीवन में सकारात्मक और नकारात्मक दोनों प्रभाव पड़ते है.

ग्रहों के सेनापति मंगल ग्रह जनवरी 2025 में राशि परिवर्तन करने वाले हैं. साहस, पराक्रम, आत्मविश्वास, ऊर्जा और उत्साह के कारक मंगल ग्रह के राशि परिवर्तन करने पर 2025 का फरवरी और मार्च माह कुछ राशियों के जातकों के लिए अच्छा नहीं रहेगा. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मंगल ग्रह सभी ग्रहों में सबसे अधिक शक्तिशाली और उर्जावान ग्रह माने जाते है जो जातकों की कुंडली में मजबूत स्थिति में नहीं होने पर नकारात्मक फल प्रदान करते हैं. जनवरी 2025 में मंगल ग्रह चंद्रमा की कर्क राशि में वक्री होकर मिथुन राशि में गोचर करेंगे. मंगल का मिथुन राशि में प्रवेश 21 जनवरी की सुबह को होगा. मंगल ग्रह एक राशि पर करीब 46 दिनों तक रहते हैं और उसके बाद राशि परिवर्तन करते हैं लेकिन 21 जनवरी से करीब 3 अप्रैल 2025 तक मंगल ग्रह मिथुन राशि पर विराजमान रहेंगे. मंगल के राशि परिवर्तन से आकस्मिक संपत्ति का नुकसान, चोट लगना, कार्य क्षेत्र में नुकसान, कारोबार में नुकसान, रिश्तों में लड़ाई झगडे, धन का अभाव, शारीरिक समस्याएं आदि के योग बनेंगे.

चंद्रमा की कर्क राशि में वक्री होकर बुध की मिथुन राशि में मंगल के प्रवेश करने पर जातकों को होने वाले नुकसान की ज्यादा जानकारी Bharat.one को देते हुए हरिद्वार के ज्योतिषी पंडित शशांक शेखर शर्मा बताते है कि मंगल ग्रह 21 जनवरी 2025 की सुबह तक चंद्रमा की कर्क राशि में रहेंगे. इसके बाद 21  जनवरी की सुबह 9:03 पर मंगल ग्रह वक्री अवस्था में शत्रु राशि मिथुन में प्रवेश कर गोचर करेंगे. मिथुन राशि के स्वामी बुध ग्रह हैं. मंगल ग्रह के मिथुन राशि में वक्री अवस्था में गोचर करने से कर्क राशि, मेष राशि और धनु राशि के जातकों को विशेष तौर पर सावधान रहना होगा. इस तीन राशियों पर मंगल ग्रह का नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा.

तीन राशियों पर यह पड़ेगा नकारात्मक प्रभाव

कर्क राशि: मंगल ग्रह के वक्री होने पर मिथुन राशि में गोचर करने से कर्क राशि को होने वाले नुकसान की जानकारी Bharat.one को देते हुए हरिद्वार के ज्योतिषी पंडित शशांक शेखर शर्मा बताते है कि मंगल ग्रह 12 वें स्थान पर होंगे. कर्क राशि के चतुर्थ स्थान के स्वामी मंगल ग्रह 12 वें घर पर आपको करियर संबंधी समस्याएं देंगे. मंगल ग्रह यहां दशमेश यानी कर्म स्थान के स्वामी भी होंगे. इस दौरान कर्क राशि के जातकों की नौकरी छूटना, नौकरी में बदलाव, स्थानांतरण, नौकरी संबंधी स्थान परिवर्तन आदि के योग बनेंगे. कर्क राशि के जातकों को कर्म संबंधी नौकरी, व्यापार, कारोबार आदि में नुकसान होने के प्रबल योग बने हुए हैं. कर्क राशि के जातकों को इस दौरान विशेष तौर पर ध्यान रखना होगा.

मेष राशि: हरिद्वार के ज्योतिषाचार्य पंडित शशांक शेखर शर्मा Bharat.one को बताते हैं कि मेष राशि वाले जातकों के लिए मंगल ग्रह का मिथुन राशि में गोचर बहुत सी समस्याएं लेकर आ रहा है. इस दौरान मेष राशि के जातकों को उनकी मेहनत के अनुसार फल न के बराबर प्राप्त होगा. यदि आप अपने करियर, कारोबार, व्यापार आदि में मेहनत से कार्य करते हैं, तो आपको केवल न के बराबर ही फल प्राप्त होगा. यदि आप 100 प्रतिशत मेहनत करेंगे, तो उसका एक प्रतिशत ही आपको फल मिलेगा. सैलरी में कटौती, व्यापार में धन हानि, कारोबार में नुकसान आदि के योग इस दौरान बनेंगे.

धनु राशि: ज्योतिषी पंडित शशांक शेखर शर्मा Bharat.one को बताते हैं कि धनु राशि से मंगल का गोचर सप्तम स्थान पर होगा. सप्तम स्थान पर मंगल यहां 12 वें घर के स्वामी होंगे जिस कारण मंगल का गोचर धनु राशि के जातकों को वैवाहिक संबंधों में अनेक प्रकार की समस्याएं देंगे. आपके अपने जीवनसाथी के साथ अलगाव, संबंध टूटने के योग, लड़ाई झगड़ा, विवाद आदि के योग बनेंगे जिससे आप मानसिक रूप से प्रभावित होंगे. पारिवारिक संबंधों में खींचतान, बहस आदि होने से आप मानसिक तनाव, मानसिक समस्या से ग्रस्त रह सकते हैं. जिन जातकों का विवाह नहीं हुआ है उन्हें विवाह संबंधी समस्याएं होंगी.

उपाय: मंगल ग्रह के बुध की मिथुन राशि में वक्री होकर गोचर करने से जातकों को होने वाली समस्या से छुटकारा पाने के लिए मंगल के निमित्त ही उपाय करने होंगे. मेष राशि, कर्क राशि और धनु राशि के जातकों को रोजाना स्नान आदि करके हनुमान चालीसा का पाठ करने से लाभ मिलेगा. यदि रोजाना हनुमान चालीसा का पाठ नहीं कर सकते तो प्रत्येक मंगलवार की सुबह को चालीसा का पाठ 108 बार जरूर करें. जिससे गोचर में होने वाली समस्याओं से निजात मिल जाएगी. मंगल ग्रह के अशुभ प्रभाव से बचने के लिए जातकों को बजरंग बाण का पाठ, बजरंग बली को मीठा भोग लगाना विशेष लाभ देगा और गोचर से होने वाली समस्याएं खत्म होगी.

Note: मंगल ग्रह के मिथुन राशि में गोचर से राशियों को होने वाले नुकसान की ज्यादा जानकारी के लिए आप हरिद्वार के प्रसिद्ध ज्योतिषी पंडित शशांक शेखर शर्मा से उनके फोन नंबर 7895714521 और 9997509443 पर संपर्क कर सकते हैं.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Bharat.one व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.


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https://hindi.news18.com/news/astro/mangal-gochar-2025-transit-of-mars-will-have-negative-impact-on-three-zodiac-signs-local18-8940255.html

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Last Updated:September 24, 2025, 21:25 ISTनवरात्रि का पर्व...
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