नागपंचमी का त्योहार सावन माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है.इस वर्ष 9 अगस्त, दिन शुक्रवार को पड़ रही है.
Nagpanchami 2024 : सावन के पवित्र माह में कई सारे व्रत और त्योहार आते हैं और इनमें से लगभग सभी भगवान शिव से जुड़े हुए होते हैं. इन्हीं में से एक है महादेव के गले का श्रृंगार कहे जाने वाले नागदेव से जुड़ा पर्व नागपंचमी. यह त्योहार सावन माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है, जो कि इस वर्ष 9 अगस्त, दिन शुक्रवार को पड़ रही है.
मालूम हो कि इस दिन नाग देवता की पूजा की जाती है. ऐसा माना जाता कि इससे आपके जीवन के कष्ट दूर होते हैं. साथ ही कालसर्प दोष से भी मुक्ति मिलती है. वहीं इस दिन गुड़िया पीटने की पुरानी परंपरा भी है. जिसका पालन कई स्थानों पर किया जाता है. क्या है नागपंचमी पर गुड़िया पीटने का कारण और इसके पीछे की कहानी? आइए जानते हैं भोपाल निवासी ज्योतिषी एवं वास्तु सलाहकार पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा से.
गुड़िया पीटे जाने के पीछे की पौराणिक कथा
पौराणिक कथा के अनुसार, एक समय भगवान शिव के अनन्य भक्त हुआ करते थे, जो आपस में भाई बहन थे और दोनों में आपस में गहरा प्रेम था. सावन के महीने में दोनों ही शिवालय में जाकर पूजा आराधना किया करते थे. इस दौरान जब वे शिवलिंग की पूजा करते तो वहां एक सांप शिवलिंग से लिपटा मिलता था.
वहीं एक बार जब दोनों भाई बहन पूजा के लिए आए तो उनकी पूजा से खुश होकर नाग देवता उनके करीब आकर बैठ गए और आशीर्वाद देने लगे लेकिन बहन यह समझ ना सकी और उसने सांप को पीटना शुरू कर दिया. जिससे वह काफी घायल हो गया. भाई को काफी दुख हुआ और वहां बैठे पुजारी ने कहा कि आपकी बहन को निर्दोष सर्प को मारने का श्राप लगेगा.
चूंकि, भाई अपनी बहन से काफी प्यार करता था. उसे इस श्राप से हर हालत में बचाना चाहता था. ऐसे में उसने पुजारी से विनती की तब उन्होंने उपाय बताते हुए कपड़े की गुड़िया बनाने को कहा. उन्होंने कहा इस गुड़िया को 11 बार सीधा और 11 बार उल्टा करके पीटना है और फिर गुड़िया को जमीन में गाढ़ देने के बाद सांप की पूजा करने पर आपकी बहन को सर्पदोष से छुटकारा मिल जाएगा. तभी से यह परंपरा आज तक चली आ रही है.
FIRST PUBLISHED : August 5, 2024, 12:03 IST
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