India Global Power 2026: साल 2025 का आखिरी महीना चल रहा है और कुछ ही दिनों में साल 2026 दस्तक दे देगा. ये साल हमें कई खट्टी-मीठी यादें देकर जा रहा है. जिन्हें भुलाना आसान नहीं होगा. लेकिन ज्योतिष दृष्टि से आने वाला साल हमारे लिए कैसा होगा ये जानना भी बड़ा रोचक और जरूरी है. जिसके बारे में विस्तार से बताएंगे ज्योतिषाचार्य दिवाकर त्रिपाठी जी, जो लंबे वक्त से ज्योतिष को समझते और पढ़ते आए हैं, वे अपनी कही बातों के कारण कई बार चर्चा में रहे हैं. उनकी कई भविष्यवाणियां पहले भी सही साबित हुई हैं, जिनमें अचानक होने वाली घटनाएं, सरकार की नीतियों में बदलाव, बाजार की उठापटक और प्राकृतिक हलचलें शामिल रही हैं. इस बार उन्होंने 2026 को लेकर एक ऐसी झलक दी, जिसे जानना हर किसी के लिए जरूरी है, क्योंकि पिछला साल कई दर्दनाक घटनाएं छोड़ गया है चाहे वे प्राकृतिक हों या अचानक हुई दुर्घटनाएं.
कैसा रहेगा 2026?
लोगों के मन में एक ही सवाल है क्या 2026 भी उतना ही भारी रहेगा या हालात कुछ बेहतर होंगे? क्या देश में शांति बनी रहेगी या किसी तरह की उथल-पुथल हो सकती है? क्या भारत अपनी जगह दुनिया में और मजबूत करेगा? इन्हीं सारे सवालों को लेकर बातचीत आगे बढ़ी और दिवाकर जी ने ग्रहों की स्थिति के आधार पर कई अहम संकेत दिए. उन्होंने बताया कि शनि और बृहस्पति जैसे बड़े ग्रह 2026 में कैसे असर डालेंगे, किन महीनों में जोखिम बढ़ सकता है और किन दौरों में भारत का प्रभाव दुनिया में और ऊपर जाएगा. उनकी बातें सिर्फ ज्योतिष तक सीमित नहीं रहीं, बल्कि समाज, प्रशासन, राजनीति और पड़ोसी देशों पर पड़ने वाले असर तक पहुंचीं. इसी बातचीत को आसान रूप में यहां पेश किया जा रहा है, ताकि हर पाठक इसे बिना उलझन समझ सके.
दिवाकर त्रिपाठी जी के अनुसार 2026 में शनि और बृहस्पति की स्थिति वैसे बड़े बदलावों में नहीं जा रही, जो अचानक भारी उलटफेर करा दे. शनि मीन में और बृहस्पति ज्यादातर समय मिथुन में रहेंगे. इस दौरान बृहस्पति पर राहु की सीधी नज़र पड़ेगी, जिसका असर धार्मिक जगत, शिक्षा व्यवस्था और बड़े पदों पर बैठे लोगों पर पड़ सकता है. उनका कहना है कि जब राहु, बृहस्पति पर प्रभाव डालता है, तो अच्छे और बुरे का मेल होता है, जिससे भ्रम, विवाद और कुछ जगहों पर गलत कदम उठने की आशंका बढ़ जाती है. यही कारण है कि बड़े धार्मिक चेहरों पर उंगली उठने वाले मुद्दे उभर सकते हैं.
जनवरी से मार्च 2026 के बीच सूरज, राहु और शनि के मेल से सरकारी तंत्र पर असर पड़ सकता है. इस दौरान प्रशासन से जुड़े बड़े नामों या राजनीति में मौजूद ऊंचे पदों पर बैठे लोगों के लिए समय थोड़ा कड़ा रह सकता है. किसी तरह के विवाद, अचानक घटना या स्वास्थ्य से जुड़ी परेशानी सामने आने का योग बताया गया है. 14 जनवरी से 14 अप्रैल के बीच का समय इस लिहाज से संवेदनशील माना गया है.
राजनीतिक उथल-पुथल की चर्चा पर दिवाकर जी का कहना है कि भारत में युवाओं का गुस्सा भले किसी मुद्दे पर उभर सकता है, लेकिन वह इतना बड़ा रूप नहीं लेगा कि देश को बड़े संकट में डाल दे. सरकार हालात संभाल पाएगी और माहौल बिगड़ने नहीं देगी. भारत की छवि दुनिया में खराब होने की कोई आशंका नहीं बताई गई. उल्टा, उनका कहना है कि 2026 भारत की अंतरराष्ट्रीय ताकत बढ़ाने वाला साल रहेगा.
सबसे दिलचस्प बात यह कही गई कि 2026 में भारत का प्रभाव इतना बढ़ेगा कि अमेरिका तक को भारत की बात मानने पर मजबूर होना पड़ सकता है. यहां तक कि अमेरिका की राजनीति में मौजूद बड़े नामों को भी भारत के प्रधानमंत्री के सामने झुकना पड़ सकता है. यह दावा काफी बड़ा है, पर ज्योतिषीय स्थिति के हिसाब से दिवाकर जी इसमें पूरा भरोसा जताते हैं.

पड़ोसी देशों की बात करें तो पाकिस्तान में राजनीतिक अस्थिरता बढ़ने का संकेत मिलता है. भारत पर इसका नकारात्मक असर नहीं पड़ेगा, बल्कि भारत अपने पड़ोसियों से कहीं ज्यादा मजबूत स्थिति में रहेगा. भारत की कुंडली में बृहस्पति उन स्थानों को प्रभावित करता है, जो रक्षा, विदेश संबंध और आर्थिक मजबूती से जुड़े होते हैं, इसलिए आने वाला समय इन मामलों को और मजबूत कर सकता है.
कुल मिलाकर, 2026 में हलचलें जरूर होंगी, पर भारत एक मजबूत देश की तरह उभरेगा. शुरुआती तीन महीने सावधानी वाले होंगे, पर उसके बाद स्थितियां बेहतर होती दिखाई देती हैं.
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