वसंत पंचमी का पावन पर्व हर साल माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है. इस दिन सरस्वती पूजा का आयोजन होता है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, वसंत पंचमी के दिन ज्ञान की देवी मां सरस्वती का प्रकाट्य हुआ था, इसलिए वसंत पंचमी को सरस्वती पूजा करते हैं. इसे सरस्वती जयंती भी कहते हैं. इस साल वसंत पंचमी यानि सरस्वती पूजा के दिन 4 शुभ योगों का निर्माण हो रहा है. इतना ही नहीं, वसंत पंचमी के दिन महाकुंभ का अमृत स्नान भी होगा. उज्जैन के महर्षि पाणिनि संस्कृत एवं वैदिक विश्वविद्यालय के ज्योतिषाचार्य डॉ. मृत्युञ्जय तिवारी से जानते हैं कि इस साल वसंत पंचमी कब है? वसंत पंचमी पर सरस्वती पूजा मुहूर्त, 4 शुभ योग और महाकुंभ अमृत स्नान का समय क्या है?
वसंत पंचमी 2025 तारीख
पंचांग के अनुसार, इस साल माघ शुक्ल पंचमी तिथि का शुभारंभ 2 फरवरी दिन रविवार को सुबह 9 बजकर 14 मिनट से होगा. यह तिथि 3 फरवरी दिन बुधवार को सुबह 6 बजकर 52 मिनट पर खत्म होगी. ऐसे में वसंत पंचमी 2 फरवरी रविवार को मनाई जाएगी. उस दिन ही सरस्वती पूजा की जाएगी.
वसंत पंचमी 2025 सरस्वती पूजा मुहूर्त
2 फरवरी को वसंत पंचमी के अवसर पर सरस्वती पूजा के लिए 5 घंटे 26 मिनट का शुभ समय प्राप्त हो रहा है. सरस्वती पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 7 बजकर 9 मिनट से दोपहर 12 बजकर 35 मिनट तक है. यह दिन बच्चों के विद्या आरंभ करने के लिए सबसे उत्तम माना जाता है.
3 शुभ योग में वसंत पंचमी 2025
इस साल वसंत पंचमी के दिन 4 शुभ योगों का निर्माण हो रहा है. वसंत पंचमी को सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 07 बजकर 09 मिनट से देर रात 12 बजकर 52 मिनट तक है. सर्वार्थ सिद्धि योग में आप जो भी शुभ कार्य करेंगे, उसके सफल होने की उम्मीद सबसे अधिक होती है. वसंत पंचमी की देर रात 12 बजकर 52 मिनट से अगले दिन 3 फरवरी को सुबह 7 बजकर 8 मिनट तक रवि योग बनेगा. यह पंचमी तिथि में होगा.
वसंत पंचमी के प्रात:काल में शिव योग बनेगा, जो सुबह 9 बजकर 14 मिनट तक रहेगा. उसके बाद सिद्ध योग बनेगा. ये दोनों ही शुभ योग हैं. उस दिन उत्तर भाद्रपद नक्षत्र पूरे दिन है. देर रात 12 बजकर 52 मिनट से रेवती नक्षत्र का प्रारंभ होगा.
वसंत पंचमी 2025 महा कुंभ का चौथा शाही स्नान
वसंत पंचमी को महाकुंभ का चौथा शाही स्नान होगा. इसे अब महाकुंभ के अमृत स्नान के नाम से जाना जा रहा है. वसंत पंचमी पर महाकुंभ का चौथा अमृत स्नान ब्रह्म मुहूर्त में 05:24 ए एम से शुरू हो जाएगा. उस दिन ब्रह्म मुहूर्त 06:16 ए एम तक रहेगा. अमृत स्नान पूरे दिन होगा.
वसंत पंचमी का महत्व
वसंत को सभी ऋतुओं का राजा माना गया है. शीत ऋतु की समाप्ति के बाद वसंत का आगमन होता है. इसे वसंत ऋतु के आगमन का उत्सव माना जाता है. वसंत पंचमी के समय पूरी धरती सरसों के पीले फूलों से बहुत ही सुंदर दिखती है, जैसे मानो पीले रंग से पृथ्वी का श्रृंगार किया गया हो. वसंत पंचमी के दिन लोग पीले रंग के कपड़े पहनते हैं और देवी सरस्वती की पूजा करते हैं.
FIRST PUBLISHED : January 7, 2025, 08:33 IST
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