Thursday, October 23, 2025
30 C
Surat

Bhai Dooj 2025 brothers and sisters follow a unique tradition in Ayodhya on yam Dwitiya | भाई दूज पर राम की नगरी अयोध्या में लग यमराज का मेला! भाई-बहन निभाते हैं अनोखी परंपरा


Last Updated:

Bhai Dooj 2025: आज कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि है इस तिथि यम द्वितीया या भाई दूज के नाम से जाना जाता है. इस दिन राम की नगर अयोध्या में अनोखी परंपरा निभाई जाती है और वहां भव्य मेला भी लगता है. आइए जानते हैं अयोध्या में भाई दूज के दिन कौन सी परंपरा निभाई जाती है.

भाई दूज पर अयोध्या में लग यमराज का मेला! भाई-बहन निभाते हैं अनोखी परंपरा

भगवान श्रीराम की पावन नगरी अयोध्या वैसे तो हर दिन भक्ति, आस्था और अध्यात्म का केंद्र बनी रहती है, लेकिन दीपावली के तीसरे दिन यहां एक अनोखी परंपरा निभाई जाती है. इस दिन भक्त यमराज यानी मृत्यु के देवता की पूजा करते हैं. यह अनोखा आयोजन न केवल धार्मिक आस्था से जुड़ा है, बल्कि पौराणिक कथा और पारिवारिक प्रेम का भी प्रतीक है. आज कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि है इस तिथि यम द्वितीया या भाई दूज के नाम से जाना जाता है. आइए जानते हैं यमराज मेले के बारे में…

सरयू तट बनाया जाता है भव्य पूजा
मान्यता है कि जब भगवान श्रीराम ने पृथ्वी से वैकुंठ गमन का निश्चय किया, तब यमराज स्वयं उन्हें लेने अयोध्या आए थे. कहा जाता है कि उन्होंने जमथरा घाट पर विश्राम किया था और वहीं से आगे बढ़कर भगवान श्रीराम ने गुप्तार घाट पर जल समाधि ली थी. इसी स्मृति में हर वर्ष कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि, जिसे यम द्वितीया कहा जाता है, अयोध्या के सरयू तट स्थित यमथरा घाट पर भव्य पूजा और मेला आयोजित किया जाता है.

Ayodhya Deepotsav 2025

इस तरह होती है पूजा
प्रातःकाल से ही श्रद्धालु सरयू नदी में स्नान कर भयमुक्त और दीर्घायु जीवन की कामना करते हैं. भक्तों का विश्वास है कि इस दिन यमराज की पूजा करने से व्यक्ति को यमभय से मुक्ति और मृत्यु पर विजय का आशीर्वाद मिलता है. खासतौर पर बहनें इस दिन व्रत रखती हैं और अपने भाइयों की दीर्घायु और कल्याण के लिए यमराज से प्रार्थना करती हैं. यह दिन भाई-बहन के स्नेह का प्रतीक भी माना जाता है.

अयोध्या 

अयोध्या में यमराज का मेला
कहा जाता है कि यमराज ने यह तपोस्थली स्वयं अयोध्या माता से प्राप्त की थी, इसलिए यहां की पूजा का महत्व अन्य स्थानों से कहीं अधिक है. यमथरा घाट पर इस दिन भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ता है. आरती, भजन, दीपदान और मेला पूरे वातावरण को आध्यात्मिक बना देते हैं. दीपावली के तीसरे दिन अयोध्या का यह आयोजन सिर्फ पूजा नहीं, बल्कि आस्था, प्रेम और पौराणिक इतिहास का संगम है. श्रद्धालु यह मानते हैं कि यमराज की आराधना करने से ना केवल मृत्यु का भय दूर होता है, बल्कि जीवन में संतुलन, अनुशासन और कर्म की चेतना भी बढ़ती है.

authorimg

Parag Sharma

मैं धार्मिक विषय, ग्रह-नक्षत्र, ज्योतिष उपाय पर 8 साल से भी अधिक समय से काम कर रहा हूं। वेद पुराण, वैदिक ज्योतिष, मेदनी ज्योतिष, राशिफल, टैरो और आर्थिक करियर राशिफल पर गहराई से अध्ययन किया है और अपने ज्ञान से प…और पढ़ें

मैं धार्मिक विषय, ग्रह-नक्षत्र, ज्योतिष उपाय पर 8 साल से भी अधिक समय से काम कर रहा हूं। वेद पुराण, वैदिक ज्योतिष, मेदनी ज्योतिष, राशिफल, टैरो और आर्थिक करियर राशिफल पर गहराई से अध्ययन किया है और अपने ज्ञान से प… और पढ़ें

न्यूज़18 को गूगल पर अपने पसंदीदा समाचार स्रोत के रूप में जोड़ने के लिए यहां क्लिक करें।
homedharm

भाई दूज पर अयोध्या में लग यमराज का मेला! भाई-बहन निभाते हैं अनोखी परंपरा


.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.

https://hindi.news18.com/news/dharm/bhai-dooj-2025-brothers-and-sisters-follow-a-unique-tradition-in-ayodhya-on-yam-dwitiya-ws-kln-9768499.html

Hot this week

Topics

chhath puja 36 hour nirjala vrat follow these tips to avoid weakness

Last Updated:October 23, 2025, 23:58 ISTHealth Tips For...
spot_img

Related Articles

Popular Categories

spot_imgspot_img