Chaitra Navratri 2025 7th Day, Maa Kalratri: नवरात्रि का छठवां दिन मां कालरात्रि को समर्पित है. मां कालरात्रि, शक्ति का वह स्वरूप हैं जो नकारात्मक शक्तियों का नाश करती हैं और अपने भक्तों को भय मुक्त कर आशीर्वाद देती हैं. इन्हें काली, महाकाली और कालिका के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन मां की पूजा करने से सभी बाधाएं दूर होती हैं और जीवन में सुख-शांति आती है. इस आर्टिकल में हम जानेंगे भोपाल निवासी ज्योतिषी एवं वास्तु सलाहकार पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा से मां कालरात्रि की पूजा विधि, भोग, मंत्र और आरती की पूरी जानकारी.
मां कालरात्रि का स्वरूप और महत्व
मां कालरात्रि का स्वरूप अत्यंत भयानक है, लेकिन वे भक्तों के लिए बेहद दयालु हैं. इनका रंग गहरा काला है और उनके गले में मुंड माला सुशोभित होती है. उनकी चार भुजाएं होती हैं-एक हाथ में खड्ग, दूसरे में लोहे की लौटी, तीसरा वरद मुद्रा और चौथा अभय मुद्रा में रहता है. वे गर्दभ (गधे) पर सवार होती हैं. मान्यता है कि इनकी पूजा करने से निडरता आती है और बुरी शक्तियों का प्रभाव समाप्त होता है.
मां कालरात्रि की पूजा विधि
1. सुबह स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें और पूजा स्थल को शुद्ध करें.
2. मां कालरात्रि की प्रतिमा या चित्र को लाल वस्त्र पर स्थापित करें.
3. दीपक जलाएं और धूप-अगरबत्ती लगाएं.
4. लाल फूल, गुड़, कुमकुम, चंदन और अक्षत अर्पित करें.
5. मां कालरात्रि का ध्यान करें और नीचे दिए गए मंत्र का जाप करें.
6. विशेष रूप से लाल चंपा के फूल अर्पित करने से माता प्रसन्न होती हैं.
7. रुद्राक्ष की माला से मंत्रों का जाप करने से विशेष फल प्राप्त होता है.
8. अंत में मां की आरती करें और प्रसाद वितरण करें.
मां कालरात्रि का ध्यान मंत्र
एकवेणी जपाकर्णपूरा नग्ना खरास्थिता.
लम्बोष्ठी कर्णिकाकर्णी तैलाभ्यक्तशरीरिणी॥
वामपादोल्लसल्लोहलताकण्टक भूषणा.
वर्धन्मूर्धध्वजा कृष्णा कालरात्रिर्भयंकरी॥
इस मंत्र का जाप करने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और जीवन में सकारात्मकता बढ़ती है.
लाल रंग का करें प्रयोग
माता कालरात्रि को लाल रंग बेहद प्रिय है इसलिए लाल वस्त्र पहन माता की पूजा करें. लाल फूल, लाल फल और लाल वस्त्र माता को अर्पित करें. बाद में इन सभी पूजा की चीजों को किसी सुहागन महिला को दे दें.
मां कालरात्रि का भोग
मां कालरात्रि को गुड़ और गुड़ से बनी मिठाइयां अत्यंत प्रिय हैं. इस दिन मां को गुड़ का मालपुआ, खीर, हलवा या पूड़ी का भोग अर्पित किया जाता है. ऐसा करने से मां प्रसन्न होती हैं और जीवन में सुख-समृद्धि प्रदान करती हैं.
मां कालरात्रि की आरती
कालरात्रि जय जय महाकाली.
काल के मुंह से बचाने वाली॥
दुष्ट संघारक नाम तुम्हारा.
महाचंडी तेरा अवतारा॥
पृथ्वी और आकाश पे सारा.
महाकाली है तेरा पसारा॥
खड्ग खप्पर रखने वाली.
दुष्टों का लहू चखने वाली॥
कलकत्ता स्थान तुम्हारा.
सब जगह देखूं तेरा नजारा॥
सभी देवता सब नर-नारी.
गावें स्तुति सभी तुम्हारी॥
रक्तदन्ता और अन्नपूर्णा.
कृपा करे तो कोई भी दुःख ना॥
ना कोई चिंता रहे ना बीमारी.
ना कोई गम ना संकट भारी॥
उस पर कभी कष्ट ना आवे.
महाकाली मां जिसे बचावे॥
तू भी भक्त प्रेम से कह.
कालरात्रि मां तेरी जय॥
मां कालरात्रि की कृपा से मिलने वाले लाभ
1. जीवन से सभी प्रकार का भय और नकारात्मकता दूर होती है.
2. साहस और आत्मविश्वास में वृद्धि होती है.
3. जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और समृद्धि आती है.
4. अकाल मृत्यु का भय समाप्त हो जाता है.
5. शत्रु परास्त होते हैं और सभी बाधाएं दूर होती हैं.
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