Monday, September 29, 2025
26 C
Surat

Chaitra Navratri 2025 Day 2, Maa Brahmacharini: चैत्र नवरात्रि के दूसरे दिन करें मां ब्रह्मचारिणी की पूजा, जानें पूजा विधि, मंत्र, भोग और आरती


चैत्र नवरात्रि 2025 का दूसरा दिन, मां ब्रह्मचारिणी: चैत्र नवरात्रि का आज दूसरा दिन और नवरात्रि के दूसरे दिन मां दुर्गा के दूसरे स्वरूप माता ब्रह्मचारिणी की पूजा अर्चना की जाती है. माता के नाम से ही उनकी शक्तियों का वर्णन मिलता है, यहां ब्रह्म का अर्थ तपस्या और चारिणी का आचरण करने वाली अर्थात तप का आचरण करने वाली मां ब्रह्मचारिणी को हम प्रणाम करते हैं. मां दुर्गा का यह स्वरूप भक्तों को लंबी आयु, सौभाग्य, आरोग्य, आत्मविश्वास प्रदान करता है. माता ब्रह्मचारिणी की पूजा उपासना से वैराग्य, सदाचार, तप, संयम, त्याग और तप की वृद्धि करता है. आइए जानते हैं मां ब्रह्मचारिणी की पूजा विधि, मंत्र, भोग और आरती…

ऐसे पड़ा मां का नाम ब्रह्मचारिणी
शास्त्रों के अनुसार, मां आदिशक्ति ने पार्वती के रूप में पर्वतराज हिमालय के यहां पुत्री बनकर जन्म लिया. महर्षि नारद के कहने पर माता पार्वती ने भगवान महादेव को पति के रूप में पाने के लिए हजारों वर्षों तक कठोर तपस्या की थी. माता ने एक हजार वर्ष तक केवल फल-फूल खाकर बिताए और सौ सालों तक केवल जमीन पर रहकर शाक पर निर्वाह किया. तीन हजार साल तक केवल टूटे हुए बेल पत्र और खुले आकाश के नीचे वर्षा और धूप के घोर कष्ट सहकर तपस्या करती हैं. हजारों वर्षों तक भूखे प्यासे रहकर कड़ी तपस्या करने के बाद माता पार्वती का नाम ब्रह्मचारिणी या तपश्चारिणी नाम पड़ा. उनके इसी तप के प्रतीक के रूप में नवरात्रि के दूसरे मां के इसी स्वरूप की पूजा और स्तवन किया जाता है.

माता ब्रह्मचारिणी का स्वरूप
दधाना कपाभ्यामक्षमालाकमण्डलू।
देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा।
मां ब्रह्मचारिणी को तपश्चारिणी के अलावा ब्राह्मी भी कहा जाता है. यह स्मरण शक्ति, आयु को बढ़ाने वाली और सभी कष्टों का नाश करने वाली देवी हैं. मां ब्रह्मचारिणी को सृष्टि के सभी चर और अचर जगत की विघाओं की ज्ञाता हैं. मां कन्या के स्वरूप में सफेद वस्त्र पहनी हुई हैं और इनके दाएं हाथ में जप की माला और बाएं हाथ में कमण्डल धारण किए हुए हैं. माता का यह स्वरूप बहुत ही सरल और भव्य है और ज्ञान का उतना ही विशाल भंडार. अन्य देवियों की तुलना में मां ब्रह्मचारिणी अतिसौम्य, क्रोध रहित और तुरंत वरदान देने वाली देवी हैं.

माता का भोग और रंग
नवरात्रि के दूसरे दिन माता ब्रह्मचारिणी को चीनी का भोग लगाएं. माता को चीनी का भोग लगाने से लंबी आयु और आरोग्य की प्राप्ति होती है. माता ब्रह्मचारिणी की पूजा में पीले या सफेद रंग के वस्त्र का प्रयोग करें.

मां ब्रह्मचारिणी पूजा मंत्र
दधाना करपद्माभ्याम्, अक्षमालाकमण्डलू।
देवी प्रसीदतु मयि, ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा।।

अर्थात् जिनके एक हाथ में अक्षमाला है और दूसरे हाथ में कमण्डल है, ऐसी उत्तम ब्रह्मचारिणीरूपा मां दुर्गा मुझ पर कृपा करें।

या देवी सर्वभूतेषु मां ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके। शरण्ये त्र्यंबके गौरी नारायणि नमोऽस्तुते।

ॐ जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी। दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते।

मां ब्रह्मचारिणी पूजा विधि
आज नवरात्रि के दूसरे मां दुर्गा के दूसरे स्वरूप ब्रह्मचारिणी की पूजा अर्चना की जाती है. इनकी पूजा पहले दिन की तरह ही शास्त्रीय विधि से की जाती है. ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान व ध्यान से निवृत होकर पूजा स्थल पर गंगाजल से छिड़काव करें और फिर पूरे परिवार के साथ मां दुर्गा की पूजा उपासना करें. लेकिन माता की पूजा में सफेद और पीले रंग के वस्त्र और फूल में गुड़हल या कमल के फूल और भोग में चीनी का प्रयोग करें. माता को अक्षत, फल, फूल, वस्त्र, चंदन, पान-सुपारी आदि पूजा की चीजें अर्पित करें और बीच बीच में परिवार के साथ माता के जयकारे लगाते रहें. इसके बाद कलश देवता और नवग्रह की पूजा भी करें. अब माता की आरती की तैयारी करें, इसके लिए घी और कपूर का दीपक जलाकर माता की आरती करें. फिर दुर्गा चालीसा या दुर्गा सप्तशती का पाठ करें. पाठ करने के बाद माता का जयकारे लगाएं. ऐसा करने माता का आशीर्वाद प्राप्त होगा.

मां ब्रह्मचारिणी आरती
जय अंबे ब्रह्माचारिणी माता।
जय चतुरानन प्रिय सुख दाता।
ब्रह्मा जी के मन भाती हो।
ज्ञान सभी को सिखलाती हो।
ब्रह्मा मंत्र है जाप तुम्हारा।
जिसको जपे सकल संसारा।
जय गायत्री वेद की माता।
जो मन निस दिन तुम्हें ध्याता।
कमी कोई रहने न पाए।
कोई भी दुख सहने न पाए।
उसकी विरति रहे ठिकाने।
जो तेरी महिमा को जाने।
रुद्राक्ष की माला ले कर।
जपे जो मंत्र श्रद्धा दे कर।
आलस छोड़ करे गुणगाना।
मां तुम उसको सुख पहुंचाना।
ब्रह्माचारिणी तेरो नाम।
पूर्ण करो सब मेरे काम।
भक्त तेरे चरणों का पुजारी।
रखना लाज मेरी महतारी।


.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.

https://hindi.news18.com/news/dharm/chaitra-navratri-2025-second-day-of-maa-brahmacharini-know-puja-vidhi-and-puja-mantra-bhog-and-maa-brahmacharini-aarti-and-importance-of-chaitra-navratri-9139573.html

Hot this week

Topics

spot_img

Related Articles

Popular Categories

spot_imgspot_img