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Chaitra Purnima 2025 Date: चैत्र पूर्णिमा कब है? किस समय होगा स्नान-दान? जानें व्रत तारीख, मुहूर्त और चंद्रोदय


चैत्र पूर्णिमा का व्रत चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा ति​थि को है. इस दिन चैत्र पूर्णिमा का स्नान और दान भी होगा. चैत्र पूर्णिमा के दिन राम भक्त हनुमान जी का जन्म हुआ था. इस वजह से हर साल चैत्र पूर्णिमा पर हनुमान जयंती मनाई जाती है. चैत्र पूर्णिमा के दिन व्रत रखकर चंद्रमा, सत्यनारायण भगवान और देवी लक्ष्मी की पूजा करते हैं. इससे घर में सुख और समृद्धि आती है. धन की कमी दूर होती है, संपत्ति और वैभव में बढ़ोत्तरी होती है. इस साल चैत्र पूर्णिमा के दिन पाताल की भद्रा है. काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट से जानते हैं कि चैत्र पूर्णिमा कब है? चैत्र पूर्णिमा व्रत, स्नान, दान किस तारीख को है? स्नान और दान का मुहूर्त, चंद्रोदय समय क्या है?

चैत्र पूर्णिमा 2025 तारीख
ज्योतिषाचार्य भट्ट के अनुसार, इस साल चैत्र पूर्णिमा की ​तिथि का प्रांरभ 12 अप्रैल को तड़के 3 बजकर 21 मिनट से होगा. यह पूर्णिमा तिथि 13 अप्रैल को सुबह 5 बजकर 51 मिनट तक मान्य रहेगी. उदयातिथि तिथि के आधार पर चैत्र पूर्णिमा का व्रत, स्नान और दान 12 अप्रैल को है.

चैत्र पूर्णिमा 2025 मुहूर्त
चैत्र पूर्णिमा के दिन जो लोग स्नान और दान करना चाहते हैं तो उनके लिए ब्रह्म मुहूर्त सबसे अच्छा समय है. चैत्र पूर्णिमा के दिन ब्रह्म मुहूर्त 04:29 ए एम से 05:14 ए एम तक है. इसके बाद शुभ समय यानि अभिजीत मुहूर्त 11:56 ए एम से दोपहर 12:48 पी एम तक है.

चैत्र पूर्णिमा के दिन शुभ-उत्तम मुहूर्त 07:35 ए एम से 09:10 ए एम तक है. उस दिन राहुकाल 09:10 ए एम से 10:46 ए एम तक है. इसमें कोई शुभ कार्य न करें.

चैत्र पूर्णिमा पर चांद कब निकलेगा?
12 अप्रैल को चैत्र पूर्णिमा का चंद्रोदय यानि चांद निकलने का समय शाम 6 बजकर 18 मिनट है. उस दिन का चंद्रास्त 13 अप्रैल को 05:53 ए एम पर होगा. रात में चांद के दृष्य होने पर अर्घ्य दें. उसके बाद पूर्णिमा व्रत का पारण कर सकते हैं.

चैत्र पूर्णिमा 2025 भद्रा
चैत्र पूर्णिमा के दिन भद्रा लग रही है, लेकिन इसका वास स्थान पाताल लोक है. भद्रा के समय में कोई शुभ कार्य नहीं करते हैं. यह भद्रा सुबह 05:59 ए एम से शाम 04:35 पी एम तक है. पाताल और पृथ्वी की भद्रा के समय शुभ कार्य नहीं करते हैं क्योंकि उसमें कई प्रकार की अड़चने आती हैं.

चैत्र पूर्णिमा पर हनुमान जयंती
चैत्र पूर्णिमा के दिन हनुमान जयंती मनाई जाएगी. हनुमान जयंती के दिन हस्त नक्षत्र 06:08 पी ए एम तक है, उसके बाद से चित्रा नक्षत्र है. हनुमान जयंती के अवसर पर देशभर के मंदिरों में पूजा पाठ और धार्मिक अनुष्ठान होंगे. इस दिन व्रत रखकर आप हनुमान जी की पूजा करें, आपके सभी प्रकार के कष्ट दूर होंगे और मनोकामनाएं पूरी होंगी.

चैत्र पूर्णिमा का महत्व
चैत्र पूर्णिमा के दिन स्नान और दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है, पाप मिटता है. स्नान के बाद पितरों के लिए तर्पण, दान, पिंडदान, श्राद्ध आदि करने से पितृ दोष मिटता है, पितरों का आशीर्वाद मिलता है.


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https://hindi.news18.com/news/dharm/chaitra-purnima-2025-date-muhurat-for-vrat-snan-daan-samay-moon-rise-time-bhadra-kaal-significance-of-chaitra-shukla-purnima-9151014.html

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