आज के दौर में किस पर विश्वास किया जाए और किस पर नहीं, यह पता लगाना बहुत मुश्किल काम है. किसी के मन में क्या छिपा है, यह कोई नहीं जानता. लेकिन आचार्य चाणक्य की नीतियों की वजह से आप आसानी से जान सकते हैं कि सामने वाला व्यक्ति सच्चा प्यार करता है या नहीं. आचार्य चाणक्य ने मानव स्वभाव, रिश्तों और प्रेम के बारे में जो सिद्धांत दिए थे, वे आज भी अत्यंत प्रासंगिक हैं. क्या प्रेम सच्चा होता है? क्या यह दिखावा है? कई लोगों को इस बारे में संदेह होता है. लेकिन चाणक्य के नीतिशास्त्र में, उन्होंने स्पष्ट रूप से बताया है कि प्रेम करने वाला व्यक्ति कैसा व्यवहार करता है? आइए जानें कैसे…
छोटी-छोटी बातों पर झलकता है प्रेम
अगर कोई इंसान हमसे सच्चा प्यार करता है, तो उसका स्नेह सिर्फ उसकी बातों में ही नहीं, बल्कि उसके छोटे-छोटे कामों में भी झलकता है. एक ऐसा इंसान जो हमारी सच्ची परवाह करता है, ना सिर्फ तब जब वो हमारे साथ होता है, बल्कि तब भी जब हम नहीं होते. जब हम मुस्कुराते हैं तो वो खुश होता है और जब हम उदास होते हैं तो वो दुखी होता है. ऐसा प्रेम दिखावा नहीं, बल्कि हृदय से उपजा एक एहसास है.

बातों से नहीं, कर्मों से जाहिर होता है प्रेम
जैसा कि चाणक्य कहते हैं, जो व्यक्ति हमसे सच्चा प्रेम करता है, वह सबसे पहले हमें नोटिस करना शुरू करेगा. वे जहां भी होंगे, हमारा ध्यान रखने की कोशिश करेंगे. जब भी उनकी नजर हम पर पड़ेगी, वे तुरंत नजरें फेरकर हमारी ओर देखेंगे, जिससे आसानी से पता चल जाएगा कि हम उनके मन में क्या है. चाणक्य कहते हैं कि सच्चा प्यार बातों से नहीं, बल्कि कर्मों से जाहिर होता है. अगर आपके जीवन में कोई व्यक्ति उपरोक्त गुण दिखाता है, तो इसका मतलब है कि वह सचमुच आपकी परवाह करता है.

सम्मान और निर्णय का रखता है पूरा ध्यान
हमारे बारे में जानने की उत्सुकता भी सच्चे प्यार की निशानी है. हमें क्या पसंद है? हमें क्या परेशान करता है? हमें क्या अच्छा लगता है? वे हर छोटी-बड़ी बात जानने की कोशिश करते हैं. जब वे हमसे बात करते हैं, तो उनके चेहरे पर एक स्वाभाविक मुस्कान और शब्दों में कोमलता नजर आती है. वे हमारी कही हुई बातें नहीं भूलते, उन्हें याद रहती हैं और बाद में जिक्र भी करते हैं. आचार्य चाणक्य के अनुसार, जो व्यक्ति सच्चा प्रेम करता है, वह उसके सम्मान और निर्णय का पूरा ध्यान रखता है और अपने फैसले थोपने की कोशिश नहीं करता.

छोटे-छोटे कामों में मदद के लिए तैयार रहना
चाणक्य द्वारा बताए गए प्रेम के लक्षणों में से एक है, हम पर विशेष ध्यान देना. वे छोटे-छोटे कामों में भी मदद के लिए तैयार रहते हैं. ‘मैं तुम्हारे लिए कुछ भी कर सकता हूं’ यह भावना उच्च प्रेम का सूचक है. अगर हम तनाव में हों या किसी तकलीफ में हों, तो भी वे सबसे पहले यही पूछते हैं, क्या हुआ? उन्हें ऐसा लगता है जैसे हमारी समस्या उनकी ही है.

ईर्ष्या प्रेम का एक हिस्सा
ईर्ष्या भी प्रेम का एक हिस्सा है. अगर हम दूसरों से बहुत ज्यादा मुस्कुराते और बात करते हैं, तो वे अंदर से थोड़ा अधीर महसूस कर सकते हैं. यह गुस्सा नहीं है… यह बस एक एहसास है, जो उनके हमारे प्रति सच्चे प्रेम से उपजता है. जो लोग यह देखने के लिए इंतजार करते हैं कि हम किसके साथ रहेंगे और कहां जाएंगे, वही हमसे सच्चा प्यार करते हैं.

सामने वाले की तरक्की पर गर्व होगा
सबसे जरूरी बात यह है कि जो व्यक्ति हमसे सच्चा प्यार करता है, वह किसी नीचा नहीं दिखाएगा या फिर आपकी बातों को गलत दर्शाने की कोशिश करेगा. अगर कोई ऐसा करता है, तो वह सच्चा प्रेम नहीं करता है. जबकि जो सच्चा प्रेम करता है, उसको सामने वाले की तरक्की पर गर्व होगा और उसकी खुशी में खुशी मिलेगी. जब वह हमारे साथ होगा, तो वह खुद में सर्वश्रेष्ठ लाने की कोशिश करेगा.
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