इस साल का दूसरा चंद्र ग्रहण सितंबर महीने में लगने वाला है. यह एक आंशिक चंद्र ग्रहण होगा. पौराणिक कथा के अनुसार, राहु और केतु जब चंद्रमा या सूर्य का ग्रास करने के लिए आते हैं तो उस समय ग्रहण लगता है. वहीं विज्ञान के अनुसार, जब सूर्य और चंद्रमा के बीच में पृथ्वी आ जाती है तो उस समय चंद्र ग्रहण लगता है. ग्रहण के लगने से पूर्व सूतक काल प्रारंभ होता है, जिसमें कोई भी शुभ कार्य नहीं करते हैं. केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय पुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र से जानते हैं कि सितंबर में चंद्र ग्रहण कब लगेगा? चंद्र ग्रहण का सूतक काल कब से कब तक है? चंद्र ग्रहण कहां-कहां दिखाई देगा?
कब है साल का दूसरा चंद्र ग्रहण 2024?
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, चंद्र ग्रहण पूर्णिमा को और सूर्य ग्रहण अमावस्या के दिन लगता है. इस साल का दूसरा चंद्र ग्रहण 18 सितंबर दिन बुधवार को लगेगा. उस दिन भाद्रपद पूर्णिमा होगी.
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चंद्र ग्रहण 2024 का समय
18 सितंबर को चंद्र ग्रहण का प्रारंभ सुबह 6 बजकर 12 मिनट पर होगा और चंद्र ग्रहण का मोक्ष यानी कि समापन सुबह 10 बजकर 17 मिनट पर होगा. इस चंद्र ग्रहण का परमग्रास सुबही 08:14 बजे होगा. यह चंद्र ग्रहण का 4 घंटे 5 मिनट तक रहेगा.
चंद्र ग्रहण 2024 सूतक काल
ज्योतिष गणना के अनुसार, चंद्र ग्रहण का सूतक काल ग्रहण समय के प्रारंभ से 9 घंटे पूर्व ही शुरू हो जाता है. इस आधार पर देखा जाए तो 18 सितंबर को लगने वाले चंद्र ग्रहण का सूतक काल 17 सितंबर को रात में लगना चाहिए. लेकिन यह चंद्र ग्रहण भारत में दृश्य नहीं होगा. इस वजह से इसका सूतक काल मान्य नहीं है. साल के दूसरे चंद्र ग्रहण का असर भारत में नहीं होगा.
कहां दिखाई देगा साल का दूसरा चंद्र ग्रहण
यह चंद्र ग्रहण यूरोप, अफ्रीका, उत्तरी-दक्षिणी अमेरिका के क्षेत्रों में दिखाई देगा. भारत में 18 सितंबर को चंद्रास्त सुबह में 06:06 बजे होगा, जबकि चंद्र ग्रहण सुबह 06:12 बजे से लगेगा. ऐसे में भारत में चंद्र ग्रहण के समय चंद्रमा का अस्त हो चुका होगा, इसलिए वह दिखाई नहीं देगा.
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चंद्र ग्रहण में गर्भवती महिलाएं रखें विशेष ध्यान
चंद्र ग्रहण लगने पर गर्भवती महिलाओं को विशेष ध्यान रखना होता है. ग्रहण के समय में गर्भवती महिलाएं घर से बाहर नहीं जाती हैं. उस समय में भोजन नहीं करते और न ही सोते हैं. गर्भवती महिलाओं को ग्रहण काल में किसी भी नुकीली चीजें जैसे चाकू, सुई आदि का उपयोग नहीं करना चाहिए. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ग्रहण का दुष्प्रभाव गर्भ में पल रहे शिशु पर हो सकता है, इसलिए कई प्रकार की सावधानियां बरतनी पड़ती हैं.
FIRST PUBLISHED : September 4, 2024, 09:23 IST
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