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Chandra Grahan 2025: साल 2025 का चंद्रग्रहण सिर्फ आकाशीय घटना नहीं बल्कि जीवन को सकारात्मक दिशा देने वाला खास अवसर है. पितृ दोष और कालसर्प योग से परेशान लोग इस समय पूजा-पाठ और सही उपाय करके मुक्ति पा सकते हैं. …और पढ़ें

पितृ दोष और कालसर्प योग का असर
पितृ दोष तब माना जाता है जब पूर्वजों की आत्मा संतुष्ट नहीं होती या उनके अधूरे काम पूरे नहीं हो पाते. इसकी वजह से व्यक्ति के जीवन में अचानक रुकावटें, आर्थिक परेशानियां, मानसिक तनाव और कई बार अनजाने दुःख देखने को मिलते हैं.
ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार ग्रहण काल को खास तौर पर पूजा-पाठ और साधना के लिए शुभ माना जाता है.
2. राहु-केतु से जुड़े मंत्रों का जाप करने और नाग देवता या हनुमान जी की पूजा करने से कालसर्प योग का असर घटता है.
3. ग्रहण के दौरान अगर कोई यज्ञ, हवन या विशेष पूजा की जाए तो उसका असर सामान्य दिनों से ज्यादा फलदायी होता है.
4. दान-पुण्य का भी खास महत्व है. गरीब और जरूरतमंद को भोजन, कपड़े या अनाज दान करने से पितरों की आत्मा प्रसन्न होती है.
चंद्रग्रहण का समय केवल बाहरी पूजा-पाठ के लिए ही नहीं बल्कि आंतरिक शांति और साधना के लिए भी बहुत अहम है.
1. इस दौरान ध्यान करने से मन की अशांति दूर होती है.
2. धार्मिक ग्रंथों का पाठ करने और मंत्रों का जाप करने से आत्मविश्वास और सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है.
3. परिवार के बुजुर्गों का आशीर्वाद लेना और सेवा करना भी बेहद शुभ माना जाता है.
4. ग्रहण के समय भोजन करने से बचना और उपवास रखना स्वास्थ्य और आत्मिक शांति दोनों के लिए अच्छा माना जाता है.
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