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Chandra Grahan 2025 : सितंबर 2025 का चंद्र ग्रहण एक खास खगोलीय घटना होगी जिसे भारत समेत कई देशों से देखा जा सकेगा. ब्लड मून का नजारा इस बार इसे और भी खास बना देगा.

चंद्र ग्रहण 2025
हाइलाइट्स
- साल 2025 का दूसरा चंद्र ग्रहण 7 सितंबर को लगेगा.
- इस बार चंद्र ग्रहण के दौरान ब्लड मून भी दिखेगा.
- भारत में चंद्र ग्रहण का सूतक काल मान्य होगा.
Chandra Grahan 2025: साल 2025 में खगोल प्रेमियों के लिए एक और खास मौका आने वाला है. सितंबर महीने में एक और चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है. यह साल का दूसरा चंद्र ग्रहण होगा और इसे लेकर लोगों के बीच काफी उत्सुकता है. इस आर्टिकल में हम जानेंगे भोपाल निवासी ज्योतिषी एवं वास्तु सलाहकार पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा से कि यह ग्रहण कब लगेगा, किस तरह का होगा, कहां कहां नजर आएगा और क्या भारत से भी देखा जा सकेगा. साथ ही यह भी जानेंगे कि क्या इसका सूतक काल मान्य होगा या नहीं. इस विषय में अधिक जानकारी दे रहे हैं भोपाल निवासी ज्योतिषी एवं वास्तु सलाहकार पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा.
कब लगेगा अगला चंद्र ग्रहण
साल 2025 का दूसरा चंद्र ग्रहण 7 सितंबर की रात को लगेगा और 8 सितंबर की आधी रात तक चलेगा. भारतीय समय के अनुसार यह ग्रहण रात 9 बजकर 58 मिनट पर शुरू होगा और 01 बजकर 26 मिनट पर खत्म होगा. यह ग्रहण पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा, यानी चंद्रमा पूरी तरह धरती की छाया में आ जाएगा.
ब्लड मून भी नजर आएगा
इस बार चंद्र ग्रहण के दौरान ‘ब्लड मून’ भी देखने को मिलेगा. जब चंद्रमा पूरी तरह से धरती की छाया में होता है, तो उसका रंग हल्का लाल या नारंगी हो जाता है. इसी वजह से इसे ब्लड मून कहा जाता है. यह नजारा बहुत ही खास और रोमांचक होता है, खासकर उन लोगों के लिए जो खगोलीय घटनाओं में दिलचस्पी रखते हैं.
पूर्णिमा की रात लगेगा ग्रहण
इस बार चंद्र ग्रहण भाद्रपद महीने की पूर्णिमा की रात को लगेगा. हिंदू मान्यताओं में पूर्णिमा की रात का खास महत्व होता है और इस दिन ग्रहण लगना धार्मिक रूप से भी महत्वपूर्ण माना जाता है.
कहां कहां से दिखेगा यह ग्रहण
यह चंद्र ग्रहण एशिया, यूरोप, अंटार्कटिका, ऑस्ट्रेलिया, प्रशांत महासागर, अटलांटिक महासागर और हिंद महासागर जैसे इलाकों से देखा जा सकेगा. भारत में भी यह ग्रहण साफ तौर पर नजर आएगा, इसलिए भारतीय दर्शक भी इसे देख सकेंगे.
क्या भारत में मान्य होगा सूतक काल?
हां, क्योंकि यह चंद्र ग्रहण भारत से दिखाई देगा, इसलिए इसका सूतक काल भी मान्य होगा. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सूतक काल ग्रहण शुरू होने से 12 घंटे पहले लगता है. इस समय के दौरान पूजा पाठ, खाना बनाना और कई तरह के काम टाल दिए जाते हैं. खासकर गर्भवती महिलाओं को इस समय सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है.
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