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Chhath Puja Nahay Khay: आज 25 अक्टूबर शनिवार से शोभन योग और रवि योग में छठ महापर्व का शुभारंभ हुआ है. छठ पूजा का प्रारंभ नहाय-खाय से होता है. लखनऊ के ज्योतिषाचार्य पं. राकेश पाण्डेय से जानते हैं छठ पूजा की महत्वपूर्ण तारीखें, नहाय-खाय विधि आदि के बारे में.
Chhath Puja Nahay Khay: आज 25 अक्टूबर शनिवार से छठ महापर्व का शुभारंभ हुआ है. आज शोभन योग और रवि योग में छठ पूजा का पहला दिन है. ये एक शुभ योग हैं, जो शुभ फलदायी हैं. हिंदू कैलेंडर के अनुसार, छठ पूजा का प्रारंभ नहाय-खाय से यानि कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से होता है, पंचमी को खरना होता है, षष्ठी के दिन डूबते हुए सूर्य देव को अर्घ्य देते हैं और सप्तमी के दिन उगते हुए सूर्य देव को अर्घ्य देकर पारण करते हैं. इसके साथ ही 36 घंटे का कठिन निर्जला व्रत पूर्ण होता है. लखनऊ के ज्योतिषाचार्य पं. राकेश पाण्डेय से जानते हैं छठ पूजा की महत्वपूर्ण तारीखें, नहाय खाय-विधि आदि के बारे में.
छठ पूजा की महत्वपूर्ण तारीखें
- छठ पूजा का पहला दिन: 25 अक्टूबर, शनिवार, नहाय-खाय
- छठ पूजा का दूसरा दिन: 26 अक्टूबर, रविवार, खरना
- छठ पूजा का तीसरा दिन: 27 अक्टूबर, सोमवार, डूबते सूर्य को अर्घ्य
- छठ पूजा का चौथा दिन: 28 अक्टूबर, मंगलवार, उगते सूर्य को अर्घ्य, पारण
छठ पूजा का पहला दिन: नहाय-खाय मुहूर्त
आज शोभन योग सुबह 05:55 ए एम से लेकर कल 26 अक्टूबर को 03:48 ए एम तक है. वहीं रवि योग सुबह 07:51 ए एम से कल 06:29 ए एम तक है. वहीं अनुराधा नक्षत्र प्रात:काल से लेकर 07:51 ए एम तक है, उसके बाद ज्येष्ठा नक्षत्र है. नहाय-खाय के दिन का शुभ समय यानि अभिजीत मुहूर्त 11:42 ए एम से दोपहर 12:27 पी एम तक है.
नहाय-खाय विधि
- आज सुबह में स्नान के बाद साफ कपड़े पहनें. स्नान के लिए गंगा नदी सबसे उत्तम है. नहीं तो पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें.
- पूजा और घर की साफ सफाई करें. अपनी दैनिक पूजा पाठ कर लें.
- व्रती चावल, लौकी की सब्जी और चने की दाल खाते हैं. इसमें सेंधा नमक का उपयोग होता है. आज के दिन व्रती को यही खाना होता है. यह भोजन दिन में एक बार करना होता है. उसके अगले दिन खरना होता है.
- नहाय-खाय को 36 घंटे के कठिन छठ व्रत के लिए व्यक्ति को स्वयं को तैयार करने का प्रतीक माना जाता है.
- नहाय-खाय में सात्विक वस्तुओं का उपयोग करते हैं.
- व्रती को सात्विक जीवन व्यतीत करना है और ब्रह्मचर्य के नियमों का पालन करना है.
- शराब, मांस, पान, तंबाकू आदि जैसी तामसिक वस्तुओं का सेवन वर्जित है.
26 अक्टूबर को खरना
छठ पूजा का दूसरा दिन खरना है. खरना के दिन से व्रत प्रारंभ होगा. रात में गुड़ वाली खीर खाते हैं और फिर 36 घंटे का निर्जला व्रत प्रारंभ होता है. खरना को छठी पूजा के लिए प्रसाद बनाते हैं.
27-28 अक्टूबर को अर्घ्य
27 अक्टूबर को शाम के समय में अस्त होते सूर्य को पूजा के बाद अर्घ्य देते हैं. 28 अक्टूबर को प्रातः उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा. उसके बाद पारण किया जाएगा.
छठ पूजा का महत्व
- छठ पूजा करने से परिवार में सुख और शांति आती है. परिवार के सदस्यों की उन्नति होती है.
- छठी मैय्या की पूजा करने से संतान की प्राप्ति होती है. संतान का जीवन सुखमय और सुरक्षित होता है.
- सूर्य देव की पूजा करने से चर्म रोग और नेत्र रोग से मुक्ति मिल सकती है.
कार्तिकेय तिवारी Hindi Bharat.one Digital में Deputy News Editor के पद पर कार्यरत हैं. वर्तमान में धर्म, ज्योतिष, वास्तु और फेंगशुई से जुड़ी खबरों पर काम करते हैं. पत्रकारिता में 12 वर्षों का अनुभव है. डिजिटल पत्रक…और पढ़ें
कार्तिकेय तिवारी Hindi Bharat.one Digital में Deputy News Editor के पद पर कार्यरत हैं. वर्तमान में धर्म, ज्योतिष, वास्तु और फेंगशुई से जुड़ी खबरों पर काम करते हैं. पत्रकारिता में 12 वर्षों का अनुभव है. डिजिटल पत्रक… और पढ़ें
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