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Chhath Puja Third Day 2025: छठ पूजा वह साधना है जिसमें मनुष्य प्रकृति, सूर्य और मातृत्व शक्ति के प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त करता है. छठ पूजा के तीसरे दिन अस्तगामी सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है और इसी के साथ 36 घंटे चलने वाला निर्जला व्रत प्रारंभ हो जाता है. आइए जानते हैं अस्तगामी सूर्य का समय और अर्घ्य की सही विधि…
Chhath Puja Third Day 2025 Today, Sandhya Arghya Timing : छठ पूजा का आज तीसरा दिन है और आज डूबते सूर्य यानी अस्तगामी सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा. छठ पूजा छठ मैया और सूर्यदेव की पूजा उपासना को समर्पित है. यह पर्व भगवान सूर्य जो जीवन, प्रकाश और ऊर्जा के दाता हैं और छठी मैया, जो प्रकृति और मातृत्व की देवी हैं इन दोनों की संयुक्त आराधना है. छठी मैया को देवी कात्यायनी (मां पार्वती का रूप) और सूर्यदेव की बहन माना जाता है. इसलिए यह व्रत सूर्य-षष्ठी या छठी देवी के नाम से प्रसिद्ध हुआ. छठ पूजा के तीसरे दिन यानी संध्या अर्घ्य के दिन भक्त डूबते हुए सूर्य को जल अर्पित करते हैं. केवल छठ पूजा में ही डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है. इस बार रवि योग में संध्या अर्घ्य दिया जाएगा, जिससे इसकी महत्ता और भी बढ़ गया है क्योंकि यह योग सूर्यदेव को ही समर्पित है. आइए जानते हैं छठ पूजा के तीसरे किस तरह सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है…
छठ पूजा के दिन तीसरे दिन अस्तगामी यानी डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है. हिंदू धर्म में सूर्य को साक्षात देवता माना गया हैं, जो जीवन, ऊर्जा और स्वास्थ्य के दाता हैं. मान्यता है कि शाम के समय भगवान भास्कर अपनी दूसरी पत्नी प्रत्युषा के साथ होते हैं. प्रत्यूषा को शाम के समय की देवी माना गया है. माताएं सूर्य और प्रत्यूषा को अर्घ्य देती हैं. तीसरे दिन जब सूर्य अस्त होने लगता है, तब भक्त उसे धन्यवाद देते हैं दिनभर की रोशनी, ऊर्जा और जीवन देने के लिए. यह अर्घ्य कृतज्ञता का प्रतीक है. माताएं अर्घ्य देते समय संतान की लंबी उम्र और सुख-शांति और समृद्धि से भरे परिवार की कामना करती हैं.

सूर्य कवच का पाठ
छठ पूजा के तीसरे दिन सूर्य को अर्घ्य देने से पहले सूर्य कवच का पाठ किया जाता है. छठ पूजा में सूर्य कवच के पाठ करने से स्वास्थ्य, करियर, धन और संतान की उन्नति होती है. इसके हर दिन पाठ करने से आंख, त्वचा, हार्ट और हड्डी से जुड़ी बीमारियों में लाभ होता है. साथ ही आत्मबल बढ़ता है और इच्छाशक्ति मजबूत होती है.
छठ पूजा में अस्तगामी सूर्य को रवि योग में अर्घ्य दिया जाएगा. साथ ही आज के दिन मंगल ग्रह वृश्चिक राशि में गोचर करने जा रहे हैं, जिससे रूचक राजयोग भी बन रहा है. साथ ही गुरु चंद्रमा की राशि में विराजमान होकर हंस राजयोग बनाएंगे. इस तरह आज तीन राजयोग प्रभावी रहेंगे और उसी समय अर्घ्य भी दिया जाएगा.

संध्या अर्घ्य का समय- शाम 5 बजकर 40 मिनट
अस्तगामी सूर्य अर्घ्य देने की सही विधि
अर्घ्य सदैव पश्चिम दिशा की ओर मुख करके दिया जाता है (क्योंकि सूर्य अस्त हो रहा होता है). तांबे के लोटे में जल भरें और उसमें फूल, अक्षत, रोली, गुड़, दूध मिलाएं. दोनों हाथों से लोटा ऊपर उठाकर सूर्य की ओर जल प्रवाहित करें. जल धीरे-धीरे गिरना चाहिए ताकि सूर्य की किरणें जल के बीच से झलकती रहें यही प्रकीया सूर्य दर्शन कहलाता है. जल चढ़ाते समय – ॐ आदित्याय नमः या ॐ भास्कराय नमः. मंत्र का जप करें. अर्घ्य के बाद हाथ जोड़कर यह प्रार्थना करें – जय छठी मैया, जय सूर्य भगवान. संतान-सुख, आरोग्य और समृद्धि का आशीर्वाद दीजिए.
मैं धार्मिक विषय, ग्रह-नक्षत्र, ज्योतिष उपाय पर 8 साल से भी अधिक समय से काम कर रहा हूं। वेद पुराण, वैदिक ज्योतिष, मेदनी ज्योतिष, राशिफल, टैरो और आर्थिक करियर राशिफल पर गहराई से अध्ययन किया है और अपने ज्ञान से प…और पढ़ें
मैं धार्मिक विषय, ग्रह-नक्षत्र, ज्योतिष उपाय पर 8 साल से भी अधिक समय से काम कर रहा हूं। वेद पुराण, वैदिक ज्योतिष, मेदनी ज्योतिष, राशिफल, टैरो और आर्थिक करियर राशिफल पर गहराई से अध्ययन किया है और अपने ज्ञान से प… और पढ़ें
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https://hindi.news18.com/news/dharm/chhath-puja-third-day-2025-today-surya-kavach-path-sandhya-arghya-timing-and-surya-bhagwan-ko-arghya-dene-ka-sahi-tarika-with-mantra-ws-kln-9780694.html







