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Deepotsav 2025: आज देशभर में धूमधाम से भाई दूज का पर्व मनाया जा रहा है और इसी के साथ पांच दिवसीय दीपोत्सव पर्व का समापन हो जाएगा. ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है कि भाई दूज की शाम को 5 जगह दीपक जलाना बेहद शुभ बताया गया है क्योंकि यह माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने का अंतिम दिन भी होता है.
दीपों का त्योहार दीपावली अपने अंतिम पर्व भाई दूज के साथ आज पूर्णता को पहुंच रहा है. इस दिन बहनें अपने भाइयों के माथे पर तिलक लगाकर उनकी दीर्घायु की कामना करती हैं, जबकि घरों में मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की विशेष पूजा का विधान होता है. हिंदू पंचांग के अनुसार, भाई दूज का पर्व कार्तिक शुक्ल द्वितीया को मनाया जाता है और इस तिथि को यम द्वितीया के नाम से जाना जाता है. ज्योतिष शास्त्र में आज शाम को दीप जलाने का अत्यंत शुभ फल माना गया है क्योंकि यह दीपावली महापर्व का अंतिम दिन है और यह माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने का अंतिम मौका. शाम को इन पांच विशेष स्थानों पर दीपक जलाकर मां लक्ष्मी का स्वागत करने से पूरे वर्ष घर में धन, सौभाग्य और सुख-शांति बनी रहती है. आइए जानते हैं आज शाम किन 5 स्थानों पर दीपक जलाना शुभ रहेगा…
भाई दूज की रात घर के मुख्य दरवाजे पर आटे के दो दीपक बनाएं और उसमें सरसों का तेल डालकर जलाएं. कहा जाता है कि जब लक्ष्मीजी घर में प्रवेश करती हैं, तो सबसे पहले इसी दरवाजे से आती हैं. दरवाजे के दोनों ओर जलते दीपक समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक माने जाते हैं. साथ ही घर की नाली के पास भी एक दीपक जलाना बहुत शुभ माना गया है.

तुलसी के पौधे के पास दीप जलाएं
तुलसी माता को मां लक्ष्मी का ही रूप कहा गया है. शाम के समय तुलसी के पौधे के पास घी का दीप जलाने से घर में सुख-समृद्धि बढ़ती है और पारिवारिक कलह दूर होते हैं. यह दीपक भगवान विष्णु को प्रसन्न करने का भी सर्वोत्तम उपाय है.
किचन में दीपक जलाना ना भूलें
किचन यानी रसोईघर को घर की अन्नपूर्णा कहा जाता है. वहां दीप जलाने से घर के अन्न भंडार में कभी कमी नहीं होती. घी या तिल के तेल का दीप जलाना शुभ माना गया है और किचन में आटे का दीपक बनाकर जलाना उत्तम रहता है. माना जाता है कि लक्ष्मीजी उसी घर में स्थायी रूप से निवास करती हैं, जहां रसोईघर स्वच्छ और रोशन रहता है.
पानी के पास दीपक जलाने की परंपरा
भाई दूज की रात तालाब, नदी या किसी साफ जलस्थल के पास दीप प्रवाहित करना शुभ माना गया है. यह प्रकृति और पंचतत्वों के प्रति आभार व्यक्त करने का प्रतीक है. इससे परिवार में मानसिक शांति और आध्यात्मिक ऊर्जा बढ़ती है.

घर के मंदिर में दीपक अवश्य जलाएं
भाई दूज केवल पूजा-पाठ का दिन नहीं, बल्कि भाई-बहन के स्नेह का प्रतीक है. इस दिन बहनें भाइयों को तिलक लगाकर उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना करती हैं और भाई जीवनभर उनकी रक्षा का वचन देते हैं. दीपों की यह उजास, प्रेम और पारिवारिक बंधन की भावना को और प्रगाढ़ कर देती है. आज शाम भाई-बहन साथ मिलकर घर के मंदिर की पूजा करें और दीपक जलाएं.
मैं धार्मिक विषय, ग्रह-नक्षत्र, ज्योतिष उपाय पर 8 साल से भी अधिक समय से काम कर रहा हूं। वेद पुराण, वैदिक ज्योतिष, मेदनी ज्योतिष, राशिफल, टैरो और आर्थिक करियर राशिफल पर गहराई से अध्ययन किया है और अपने ज्ञान से प…और पढ़ें
मैं धार्मिक विषय, ग्रह-नक्षत्र, ज्योतिष उपाय पर 8 साल से भी अधिक समय से काम कर रहा हूं। वेद पुराण, वैदिक ज्योतिष, मेदनी ज्योतिष, राशिफल, टैरो और आर्थिक करियर राशिफल पर गहराई से अध्ययन किया है और अपने ज्ञान से प… और पढ़ें
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