Wednesday, November 5, 2025
23 C
Surat

dev diwali 2025 aarti in hindi | kartik purnima 2025 aarti in hindi | देव दिवाली की आरती | कार्तिक पूर्णिमा की आरती


Dev Diwali Aarti:  देव दिवाली आज 5 नवंबर बुधवार को है. देव दिवाली का कार्तिक पूर्णिमा की शाम को मनाते हैं. इसमें भगवान शिव की पूजा करते हैं और उनकी आरती उतारी जाती है. उसके बाद दीप जलाए जाते हैं. देव दिवाली की शाम लक्ष्मी पूजा का विधान है क्योंकि पूर्णिमा की शाम लक्ष्मी पूजा से धन और वैभव बढ़ता है, वहीं चंद्र दोष मिटाने के लिए चंद्रमा की पूजा करते हैं. देव दिवाली पर भगवान शिव, चंद्रमा और माता लक्ष्मी की आरती करनी चाहिए.

देव दिवाली की आरती

भगवान शिव की आरती

ॐ जय शिव ओंकारा, स्वामी जय शिव ओंकारा।
ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अर्द्धांगी धारा॥
ॐ जय शिव ओंकारा…

एकानन चतुरानन पञ्चानन राजे।
हंसासन गरूड़ासन वृषवाहन साजे॥
ॐ जय शिव ओंकारा…

दो भुज चार चतुर्भुज दसभुज अति सोहे।
त्रिगुण रूप निरखत त्रिभुवन जन मोहे॥
ॐ जय शिव ओंकारा…

अक्षमाला वनमाला मुण्डमालाधारी।
त्रिपुरारी कंसारी कर माला धारी॥
ॐ जय शिव ओंकारा…

श्वेताम्बर पीताम्बर बाघंबर अंगे।
सनकादिक गरुड़ादिक भूतादिक संगे॥
ॐ जय शिव ओंकारा…

कर के मध्य कमण्डल चक्र त्रिशूलधारी।
जगकर्ता जगभर्ता जगसंहारकर्ता॥
ॐ जय शिव ओंकारा…

ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका।
प्रणवाक्षर के मध्ये ये तीनों एका॥
ॐ जय शिव ओंकारा…

पर्वत सोहैं पार्वती, शंकर कैलासा।
भांग धतूरे का भोजन, भस्मी में वासा॥
ॐ जय शिव ओंकारा…

जटा में गंग बहत है, गल मुण्डन माला।
शेष नाग लिपटावत, ओढ़त मृगछाला॥
ॐ जय शिव ओंकारा…

काशी में विराजे विश्वनाथ, नन्दी ब्रह्मचारी।
नित उठ दर्शन पावत, महिमा अति भारी॥
ॐ जय शिव ओंकारा…

त्रिगुणस्वामी जी की आरति जो कोइ नर गावे।
कहत शिवानन्द स्वामी, मनवान्छित फल पावे॥
ॐ जय शिव ओंकारा…

श्री लक्ष्मी माता की आरती

ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता।
तुमको निशिदिन सेवत, हरि विष्णु विधाता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता…

उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता।
सूर्य-चंद्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता…

दुर्गा रुप निरंजनी, सुख सम्पत्ति दाता।
जो कोई तुमको ध्याता, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता…

तुम पाताल-निवासिनि, तुम ही शुभदाता।
कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी, भवनिधि की त्राता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता…

जिस घर में तुम रहतीं, सब सद्गुण आता।
सब सम्भव हो जाता, मन नहीं घबराता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता…

तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाता।
खान-पान का वैभव, सब तुमसे आता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता…

शुभ-गुण मंदिर सुंदर, क्षीरोदधि-जाता।
रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता…

महालक्ष्मीजी की आरती, जो कोई जन गाता।
उर आनन्द समाता, पाप उतर जाता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता…

ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता।
तुमको निशिदिन सेवत, हरि विष्णु विधाता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता…

चंद्र देव की आरती

ॐ जय सोम देवा, स्वामी जय सोम देवा.
दुःख हरता सुख करता, जय आनन्दकारी.
ॐ जय सोम देवा…

रजत सिंहासन राजत, ज्योति तेरी न्यारी.
दीन दयाल दयानिधि, भव बंधन हारी.
ॐ जय सोम देवा…

जो कोई आरती तेरी, प्रेम सहित गावे.
सकल मनोरथ दायक, निर्गुण सुखराशि.
ॐ जय सोम देवा…

योगीजन हृदय में, तेरा ध्यान धरें.
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव, संत करें सेवा.
ॐ जय सोम देवा…

वेद पुराण बखानत, भय पातक हारी.
प्रेमभाव से पूजें, सब जग के नारी.
ॐ जय सोम देवा…

शरणागत प्रतिपालक, भक्तन हितकारी.
धन सम्पत्ति और वैभव, सहजे सो पावे.
ॐ जय सोम देवा…

विश्व चराचर पालक, ईश्वर अविनाशी.
सब जग के नर नारी, पूजा पाठ करें.
ॐ जय सोम देवा…

ॐ जय सोम देवा, स्वामी जय सोम देवा.
दुःख हरता सुख करता, जय आनन्दकारी.
ॐ जय सोम देवा…


.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.

https://hindi.news18.com/news/dharm/dev-diwali-2025-aarti-in-hindi-ws-kl-9813242.html

Hot this week

Topics

Jaggery for cough। गुड़ खांसी का घरेलू इलाज

Jaggery For Cough: जैसे ही ठंड की शुरुआत...
spot_img

Related Articles

Popular Categories

spot_imgspot_img