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Dev Uthani Ekadashi Deep Daan: देव उठनी एकादशी और तुलसी विवाह के दिन दीपदान का अत्यंत विशेष महत्व बताया गया है. यह दिन भगवान श्रीहरि के योगनिद्रा से जागरण का प्रतीक है और तुलसी विवाह के साथ यह धर्म, विवाह, संपन्नता और सौभाग्य की शुरुआत का दिन माना गया है. इस दिन दीपदान करने से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है.
Dev Uthani Ekadashi & Tulsi Vivah Deep Daan: हिंदू धर्म में देव उठनी एकादशी व्रत और तुलसी विवाह का विशेष महत्व है. इस दिन भगवान श्रीहरि चार माह की योगनिद्रा से जागते हैं और पूरी सृष्टि से कार्यभार फिर से संभालते हैं. भगवान विष्णु के जागते ही शुभ व मांगलिक कार्यक्रम जैसे शादी-विवाह, मुंडन संस्कार, गृह प्रवेश आदि शुरू हो जाते हैं. वैदिक ज्योतिष में देव उठनी एकादशी और तुलसी विवाह के दिन दीपदान का अत्यंत विशेष महत्व बताया गया है. इस पवित्र दिन पर कितने दीपक जलाने चाहिए, ऐसा कोई खास नियम नहीं है लेकिन धार्मिक मान्यताओं और परंपराओं के अनुसार, 5, 7, 11, 21, 51 और 108 दीपक जलाना बहुत शुभ माना जाता है. आइए जानते हैं देव उठनी एकादशी और तुलसी विवाह दीपदान का महत्व और दीपदान के समय क्या करना चाहिए…

देव उठनी एकादशी और तुलसी विवाह पर कितने दीपक जलाएं | Dev Uthani Ekadashi & Tulsi Vivah Deep Daan
देवउठनी एकादशी की संध्या को 5, 7, 11 या 21 दीपक जलाना शुभ माना गया है. यह एकादशी तिथि होने से 11 का अंक भगवान विष्णु का प्रतीक है. इन दीपक के अलावा 5 दीपक पंचदेवों को भी समर्पित करें.
- भगवान विष्णु और शालीग्रामजी की चौकी पर घी का एक चारमुखी दीपक जलाना चाहिए.
- तुलसी माता के पास कम से कम 5 दीपक जलाने चाहिए.
- घर के मुख्य द्वार पर 2 दीपक जलाएं, दोनों ओर.
- किचन में आप एक दीपक अन्नपूर्णा माता के नाम का जलाएं.
- 1 दीपक आप पीपल के पेड़ के नीचे रखकर आएं.
- कम से कम 5 दीपक आप घर के पास के मंदिर में जलाकर आएं.
पंचदेव को जरूर करें समर्पित
देव उठनी एकादशी व्रत और तुलसी विवाह में 5 दीपक पंचदेव (भगवान गणेश, भगवान शिव, देवी दुर्गा, सूर्य नारायण और भगवान विष्णु) के लिए भी जलाएं. ये 5 दीपक पंचतत्वों का भी प्रतिनिधित्व करते हैं. पंचदेव के लिए दीपक जलाने से परिवार में सुख-शांति और समृद्धि आती है और पंचदेवों का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है.
11,000 दीपक जलाने का महत्व
कुछ जगहों पर 7 दीपक जलाने की परंपरा है. ये 7 दीपक सात दिन और सात लोकों का प्रतीक माने जाते हैं. वहीं अगर कोई भक्त 11,000 दीपक देव उठनी एकादशी व्रत और तुलसी विवाह के दिन जला सकता है तो यह महापुण्यकारी माना जाता है. मान्यता है कि इतने दीपक जलाने से व्यक्ति के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और अक्षय पुण्य में वृद्धि होती है.

पीपल के नीचे ऐसा दीपक जलाएं
अगर आप पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जला रहे हैं तो 11 बत्तियों वाला ही दीपक जलाएं, ऐसा करने से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है. वहीं अगर आप भगवान विष्णु के लिए दीपक जला रहे हैं तो ध्यान रखें कि वह चारमुखी दीपक होना चाहिए, जो चारों दिशाओं से सुख-शांति लाता है.
घी या तिल के तिल का करें प्रयोग
देव उठनी एकादशी व्रत और तुलसी विवाह के दिन आप शुद्ध घी या तिल के तेल का दीपक जला सकते हैं. प्रभु आपका भाव देखते हैं और आप दीपक जलाते समय मन में सकारात्मक विचार रखें और भगवान विष्णु का स्मरण करें. गाय के घी का दीपक सबसे श्रेष्ठ और पुण्यदायी माना गया है. यह विष्णु कृपा, लक्ष्मी-स्मृति, और पितृशांति प्रदान करता है. तुलसी विवाह में गाय के घी का दीपक ही सर्वोत्तम है. अगर आप घी का प्रयोग नहीं कर सकते तो तिल का तेल भी जला सकते हैं.
मैं धार्मिक विषय, ग्रह-नक्षत्र, ज्योतिष उपाय पर 8 साल से भी अधिक समय से काम कर रहा हूं। वेद पुराण, वैदिक ज्योतिष, मेदनी ज्योतिष, राशिफल, टैरो और आर्थिक करियर राशिफल पर गहराई से अध्ययन किया है और अपने ज्ञान से प…और पढ़ें
मैं धार्मिक विषय, ग्रह-नक्षत्र, ज्योतिष उपाय पर 8 साल से भी अधिक समय से काम कर रहा हूं। वेद पुराण, वैदिक ज्योतिष, मेदनी ज्योतिष, राशिफल, टैरो और आर्थिक करियर राशिफल पर गहराई से अध्ययन किया है और अपने ज्ञान से प… और पढ़ें
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