Devshayani Ekadashi 2024: इस साल देवशयनी एकादशी का व्रत 17 जुलाई दिन बुधवार को रखा जाएगा. आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को देवशयनी एकादशी होती है. उस दिन व्रत रखते हैं और भगवान विष्णु की पूजा करते हैं. इस बार देवशयनी एकादशी पर 5 शुभ संयोग बन रहे हैं. देवशयनी एकादशी से भगवान विष्णु 4 माह के लिए योग निद्रा में चले जाते हैं. सामान्य बोलचाल की भाषा में आपने लोगों से सुना होगा कि भगवान विष्णु शयन करने चले गए या देवता सो गए हैं. उस दिन से ही चातुर्मास का प्रारंभ होता है. देवशयनी एकादशी से देवउठनी एकादशी तक का समय चातुर्मास में आता है. तब तक कोई भी शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं. श्री कल्लाजी वैदिक विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभागाध्यक्ष डॉ मृत्युञ्जय तिवारी से जानते हैं कि देवशयनी एकादशी पर कौन से 5 शुभ संयोग बन रहे हैं? देवशयनी एकादशी व्रत का मुहूर्त और पारण समय क्या है?
देवशयनी एकादशी पर बन रहे 5 शुभ संयोग
इस बार देवशयनी एकादशी के दिन शुभ योग, शुक्ल योग, सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत सिद्धि योग के साथ अनुराधा नक्षत्र का सुंदर संयोग बना है.
1. शुभ योग: प्रात:काल से लेकर सुबह 07:05 ए एम तक
2. शुक्ल योग: सुबह 07:05 ए एम से 18 जुलाई को 06:13 ए एम तक
3. सर्वार्थ सिद्धि योग: सुबह 05:34 ए एम से 18 जुलाई को 03:13 ए एम तक
4. अमृत सिद्धि योग: सुबह 05:34 बजे से 18 जुलाई को तड़के 03:13 बजे तक
5. अनुराधा नक्षत्र: प्रात:काल से लेकर 18 जुलाई को 03:13 ए एम तक
देवशयनी एकादशी 2024 मुहूर्त और पारण समय
आषाढ़ शुक्ल एकादशी तिथि का शुभारंभ: 16 जुलाई, मंगलवार, रात 08 बजकर 33 मिनट से
आषाढ़ शुक्ल एकादशी तिथि का समापन: 17 जुलाई, बुधवार, रात 09 बजकर 02 मिनट पर
विष्णु पूजा का शुभ मुहूर्त: प्रात: 05:34 ए एम से
देवशयनी एकादशी पारण समय: 18 जुलाई, प्रात: 05:35 ए एम से 08:20 ए एम के बीच
पारण के दिन द्वादशी का समापन: रात 08 बजकर 44 मिनट पर
देवशयनी एकादशी व्रत के नियम
1. देवशयनी एकादशी के दिन आपको स्नान के बाद साफ कपड़े पहनना चाहिए. उसके बाद हाथ में जल लेकर देवशयनी एकादशी व्रत और विष्णु पूजा का संकल्प करना चाहिए.
2. एकादशी व्रत के समय में आपको ब्रह्मचर्य के नियमों का पालन करना है. पूरे दिन फलाहार और जल पर रहना है. अन्न का सेवन वर्जित है.
3. एकादशी के दिन सर्फ, साबुन, तेल का उपयोग, तामसिक वस्तुओं का सेवन, बाल, दाढ़ी और नाखून काटना वर्जित है.
4. देवशयनी एकादशी पर आप घर में झाड़ू न लगाएं. कहा जाता है कि व्रती को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि उसके हाथों किसी जीव को पीड़ा न हो. झाड़ू लगाते समय छोटे जीवों को हानि पहुंच सकती है, इसलिए एकादशी पर झाड़ू लगाना वर्जित है.
5. एकादशी के दिन भूलकर भी तुलसी के पत्ते न तोड़ें. किसी भी प्रकार से तुलसी, केला, पीपल, नीम, बरगद आदि देव वृक्षों को हानि न पहुंचाएं.
6. देवशयनी एकादशी की पूजा विधि विधान से करें. पूजा के समय देवशयनी एकादशी की कथा जरूर सुनें. पूजा के बाद अपनी क्षमता के अनुसार दान करें.
FIRST PUBLISHED : July 10, 2024, 09:14 IST
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