Last Updated:
Dhanteras 2025: धनतेरस पर झाड़ू खरीदना सिर्फ घर की सफाई के लिए नहीं, बल्कि इसे शुभता और समृद्धि के प्रतीक के रूप में भी माना जाता है. शुभ मुहूर्त में खरीदी गई झाड़ू घर में स्थायी सुख और समृद्धि लाती है. इस दिन झाड़ू के साथ पीली कौड़ी, लक्ष्मीजी की मूर्ति या बताशे खरीदना और इसे लक्ष्मी पूजन के समय पूजा घर में रखना विशेष रूप से शुभ माना जाता है.

धनतेरस का पर्व दीपावली से दो दिन पहले मनाया जाता है और इसे धन की देवी मां लक्ष्मी का स्वागत करने का शुभ दिन माना जाता है. इस दिन लोग सोना, चांदी, बर्तन, गाड़ियां और झाड़ू तक खरीदते हैं. झाड़ू खरीदने की परंपरा बहुत प्राचीन है और इसे मां लक्ष्मी के आगमन से जोड़ा गया है. माना जाता है कि इस दिन खरीदी गई झाड़ू घर से दरिद्रता और नकारात्मक ऊर्जा को दूर करती है. धनतेरस पर झाड़ू खरीदना केवल प्रतीकात्मक नहीं बल्कि धार्मिक दृष्टि से भी अत्यंत शुभ माना जाता है.

शास्त्रों के अनुसार झाड़ू को मां लक्ष्मी का प्रतीक माना गया है क्योंकि यह घर को स्वच्छ और पवित्र रखती है. जहां स्वच्छता होती है, वहां देवी लक्ष्मी का वास होता है. इसीलिए दीपावली से पहले लोग अपने घर की साफ-सफाई करते हैं और पुरानी झाड़ू को बदलते हैं. यह नकारात्मकता को दूर कर नई ऊर्जा का स्वागत करने का प्रतीक है. जब आप धनतेरस पर नई झाड़ू खरीदते हैं, तो यह संकेत होता है कि अब आपके घर में समृद्धि और सकारात्मकता का नया दौर शुरू होने वाला है.

धनतेरस पर झाड़ू खरीदने के पीछे यह मान्यता है कि इससे सालभर घर में बरकत बनी रहती है. झाड़ू का प्रयोग न केवल सफाई के लिए किया जाता है, बल्कि इसे बुरी शक्तियों को दूर करने का साधन भी माना गया है. हिंदू मान्यताओं के अनुसार झाड़ू से घर की नकारात्मक ऊर्जा निकल जाती है और वातावरण शुद्ध होता है. इसीलिए इस दिन झाड़ू खरीदना मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने का आसान और प्रभावशाली उपाय माना जाता है.

धनतेरस पर झाड़ू खरीदते समय यह ध्यान रखना चाहिए कि झाड़ू सीकों वाली या फूलों वाली अच्छी गुणवत्ता की हो. झाड़ू मजबूत होनी चाहिए और यदि यह हाथ से बनी हुई हो तो इसे अधिक शुभ माना जाता है. कहा जाता है कि मशीन से बनी झाड़ू के बजाय हस्तनिर्मित झाड़ू खरीदना अधिक लाभदायक होता है, क्योंकि इसमें मेहनत और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है. झाड़ू को खरीदते समय उसमें किसी प्रकार की टूट-फूट नहीं होनी चाहिए, क्योंकि टूटी झाड़ू अशुभ मानी जाती है.

धनतेरस के दिन झाड़ू खरीदने के बाद उसे घर में लाने का भी एक विशेष तरीका बताया गया है. जब आप नई झाड़ू घर में लाएं, तो उस पर सफेद रंग का धागा बांध दें. यह मां लक्ष्मी को स्थिर रखने का प्रतीक होता है. इस झाड़ू को उसी दिन प्रयोग में न लाएं, बल्कि अगले दिन या दीपावली के दिन पूजा के बाद इस्तेमाल करें. ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि और शांति बनी रहती है. यह झाड़ू पूरे वर्ष घर की नकारात्मक ऊर्जा को बाहर रखती है.

कई धार्मिक ग्रंथों में उल्लेख है कि झाड़ू घर की दरिद्रता को साफ करती है. यह केवल सफाई का उपकरण नहीं बल्कि एक आध्यात्मिक साधन भी है. झाड़ू को कभी भी पैरों से नहीं छूना चाहिए और उसे आदरपूर्वक किसी उचित स्थान पर रखना चाहिए. धनतेरस के दिन नई झाड़ू खरीदकर पुराने को निकाल देना चाहिए, ताकि घर में नवीनता और शुभता बनी रहे. इससे घर में आर्थिक प्रगति के मार्ग खुलते हैं और परिवार में सौहार्द बना रहता है.

कहा जाता है कि झाड़ू खरीदते समय धनतेरस के शुभ मुहूर्त का ध्यान रखना चाहिए. जब शुभ ग्रह-नक्षत्र होते हैं, तब खरीदी गई वस्तु घर में स्थायी सुख लाती है. इस दिन झाड़ू के साथ अगर आप पीली कौड़ी, लक्ष्मीजी की मूर्ति या बताशे भी खरीदें, तो यह और अधिक शुभ होता है. खरीदी गई झाड़ू को लक्ष्मी पूजन के समय पूजा घर में रखकर पूजा करनी चाहिए, ताकि देवी लक्ष्मी प्रसन्न होकर घर में धन-धान्य का आशीर्वाद दें.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
https://hindi.news18.com/astro/astro-tips-dhanteras-2025-par-kya-kya-kharidna-chahiye-puja-vidhi-time-jhadu-kharidne-ka-mahatva-samay-shubh-din-local18-photogallery-ws-kl-9707087.html