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Digha Jagannath Temple: दीघा घाट के जगन्नाथ मंदिर का 30 अप्रैल को उद्घाटन किया जाएगा. हालांकि कार्यक्रम 28 अप्रैल से ही शुरू हो जाएंगे, 28 अप्रैल को विशेष पूजा होगी, 29 अप्रैल को यज्ञ किया जाएगा और 30 अप्रैल या…और पढ़ें

दीघा घाट पर बना भव्य जगन्नाथ मंदिर
हाइलाइट्स
- दीघा जगन्नाथ मंदिर का उद्घाटन 30 अप्रैल को होगा.
- समुद्र से भगवान जगन्नाथ की मूर्ति मिली.
- ममता बनर्जी की उपस्थिति में उद्घाटन होगा.
पुरी जगन्नाथ धाम की तर्ज पर पश्चिम बंगाल के दीघा घाट पर जगन्नाथ मंदिर का निर्माण किया गया है. यह मंदिर भगवान जगन्नाथ और उनके भाई-बहन बलभद्र और सुभद्रा को समर्पित है और इस नव निर्मित जगन्नाथ मंदिर का उद्घाटन अक्षय तृतीया के शुभ अवसर पर 30 अप्रैल को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की उपस्थिति में किया जाएगा. इस मंदिर का फ्रेमवर्क ही नहीं बल्कि पूजा-अर्चना और नियम कायदे भी जगन्नाथ मंदिर के तर्ज पर होंगे.
30 अप्रैल को होगा मंदिर का उद्घाटन
दीघा में नव निर्मित जगन्नाथ मंदिर के उद्घाटन से पहले यानी 29 अप्रैल दिन मंगलवार को प्राण प्रतिष्ठा (संस्कार समारोह) से एक दिन पहले यज्ञ शुरू हो जाएगा. मंदिर का औपचारिक उद्घाटन अक्षय तृतीया के मौके पर 30 अप्रैल को दोपहर 3 बजे से 3.10 बजे के बीच निर्धारित है. इसके बाद आम लोग मंदिर के दर्शन कर सकते हैं. बता दें कि दीघा रेलवे स्टेशन के पास 22 एकड़ में फैले इस परियोजना की शुरुआत पश्चिम बंगाल सरकार ने साल 2022 में की थी, जिसकी अनुमानित लागत लगभग 250 करोड़ रुपए है. इस मंदिर के निर्माण का पूरा खर्चा ममता सरकार ने करवाया है.
मंदिर का ट्रस्टी बोर्ड
मंदिर के संचालन की देखरेख के लिए एक ट्रस्टी बोर्ड का गठन किया गया है, जिसमें पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव, जिला मजिस्ट्रेट और पुलिस अधीक्षक शामिल हैं. इस बोर्ड में इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शसनेस (इस्कॉन), सनातन धर्म और स्थानीय पुजारी समुदायों के प्रतिनिधि भी शामिल हैं.
होंगे सांस्कृतिक कार्यक्रम
राज्य सरकार ने भव्य और सुचारू उद्घाटन समारोह सुनिश्चित करने के लिए विस्तृत तैयारियां की हैं. बंगाल के सभी ब्लॉकों में एलईडी स्क्रीन लगाई जाएंगी ताकि लोग उद्घाटन समारोह को देख सकें. मंदिर के उद्घाटन के समय कई सांस्कृतिक कार्यक्रम किए जाएंगे और उसमें प्रसिद्ध कलाकार जैसे जीत गांगुली, अदिति मुंशी और डोना गांगुली भगवान जगन्नाथ को समर्पित समारोह के दौरान प्रदर्शन करेंगे.
सुरक्षा के पूरे इंतजार
30 अप्रैल को उद्घाटन के दिन बुजुर्गों के लिए विशेष हरे वाहन उपलब्ध कराए जाएंगे. मंदिर के सामने कालीन बिछाई जाएगी क्योंकि क्षेत्र में जूते पहनने की अनुमति नहीं है. मार्ग के प्रमुख बिंदुओं पर अस्थायी वॉचटावर लगाए जाएंगे. कोलाघाट से दीघा और हावड़ा में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे. निजी सुरक्षा की व्यवस्था पुलिस महानिदेशक द्वारा केंद्रीय रूप से की जाएगी. राज्य पुलिस भीड़ नियंत्रण और सुरक्षा प्रोटोकॉल का प्रबंधन करेगी. किसी भी भगदड़ जैसी स्थिति को रोकने के लिए विशेष निर्देश जारी किए गए हैं. रेलवे स्टेशन और मंदिर परिसर के भीतर सुचारू भीड़ प्रबंधन सुनिश्चित करने के लिए कई प्रवेश और निकास द्वार स्थापित किए जाएंगे.
विपक्ष ने ममता सरकार पर साधा निशाना
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि भव्य उद्घाटन बनर्जी की राज्य की हिंदू आबादी से जुड़ने की रणनीतिक चाल है. आलोचकों ने अक्सर उन पर अल्पसंख्यक तुष्टीकरण का आरोप लगाया है; मंदिर का उद्घाटन उस कथा का मुकाबला करने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है. इस बीच विपक्षी नेता सुवेंदु अधिकारी ने मंदिर के निर्माण के लिए राज्य की आलोचना करते हुए कहा कि सरकार ऐसे मंदिर नहीं बना सकती. मैं उसी दिन कांथी में एक बड़ा सनातनी यात्रा आयोजित करूंगा.
बहकर आई जगन्नाथ भगवान की मूर्ति
जहां एक तरफ मंदिर का उद्घाटन की चर्चा जोरों पर है, वहीं दूसरी तरफ रविवार को दीघा समुद्र तट पर भगवान जगन्नाथ की लकड़ी की तैरती हुई मूर्ति पाई गई है. भगवान जगन्नाथ की सफेद रंग की मूर्ति लहरों के साथ बहकर तट पर आई है, जिसे देखकर हर कोई अचंभित है. मंदिर उद्घाटन से पहले मूर्ति का दीघा पर इस तरह आना चारों तरफ चर्चा का विषय बना हुआ है. इस तरह मूर्ति का अचानक से आ जाना एक आध्यात्मिक महत्व को बढ़ा रहा है.
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