2. दशहरा का दिन आदिशक्ति मां दुर्गा से भी जुड़ा है. ऐसे में आप दशहरा पूजा के समय ॐ दुं दुर्गायै नमः मंत्र का जाप कर सकते हैं. इसमें मां दुर्गा के बीज मंत्र दुं का भी प्रयोग किया गया है. शक्ति और विजय के लिए मां दुर्गा के इस मंत्र का जाप करना उत्तम होता है.
3. दशहरा पूजा में आप महिषासुरमर्दिनी यानि देवी दुर्गा की पूजा करते हैं. उस समय आप महिषासुरमर्दिनी स्तुति मंत्र का जाप कर सकते हैं. महिषासुरमर्दिनी के नाम से ही जान पड़ता है महिषासुर का मर्दन करने वाली. महिषासुरमर्दिनी मंत्र के अलावा आप महिषासुरमर्दिनी स्तोत्र का भी पाठ कर सकते हैं. मां दुर्गा के आशीर्वाद से हर प्रकार की बाधा और नकारात्मकता दूर होती है.
या देवी सर्वभूतेषु शक्ति-रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
4. दशहरा पर यानि आश्विन शुक्ल दशमी को भगवान राम ने रावण का वध किया था. इस वजह से दशहरा पर पूजा के समय आप प्रभु राम के मंत्र का जाप कर सकते हैं. दशहरा पर भगवान श्रीराम के मंत्र ॐ श्रीरामाय नमः का जाप करेंगे. धर्म स्थापना और विजय की प्राप्ति होगी.
5. दशहरा के अवसर पर शमी के वृक्ष की पूजा करते हैं. शमी लोगों के दुखों का नाश करता है. ऐसे में दशहरा पर आप शमी पूजा के मंत्र को पढ़ सकते हैं, जो आपके लिए शुभ फलदायी होगा. शमी मंत्र नीचे दिया गया है.
शमी शमी महाशक्ति सर्वदुःख विनाशिनी।
अर्जुनस्य प्रियं वृक्षं शमी वृक्षं नमाम्यहम्॥
6. कार्यों में सफलता और शत्रुओं पर विजय के लिए दशहरा पर विजय मंत्र का जाप कर सकते हैं. यह मंत्र ॐ विजयायै नमः का जाप कम से कम 108 बार करना चाहिए.
(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य जानकारियों पर आधारित हैं. Hindi news18 इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें.)
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