Kitchen Vastu Tips: कई बार लोग सोचते हैं कि घर में बरकत क्यों नहीं रहती, बार-बार बीमारियां क्यों घेर लेती हैं या मेहनत के बावजूद पैसा टिकता क्यों नहीं. असल में इसका एक बड़ा कारण हमारे घर का अग्नि तत्व होता है. वास्तु शास्त्र के पांच तत्वों में से एक अग्नि ऐसा तत्व है जो हमारे जीवन की सेहत, ऊर्जा और धन से सीधा जुड़ा है, अगर ये तत्व सही जगह और संतुलन में है तो व्यक्ति के जीवन में तरक्की, अच्छा स्वास्थ्य और आर्थिक स्थिरता बनी रहती है, लेकिन अगर अग्नि तत्व गलत दिशा में हो जाए, तो इसका असर उलटा भी पड़ सकता है. बस थोड़ी सी दिशा और रंग की समझ रखकर आप अपनी जिंदगी में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं और यकीन मानिए, ये बदलाव आपकी खुशियों और आमदनी दोनों को बढ़ा देगा. इस विषय में अधिक जानकारी दे रहे हैं इंदौर निवासी ज्योतिषी, वास्तु विशेषज्ञ एवं न्यूमेरोलॉजिस्ट हिमाचल सिंह.
अग्नि तत्व को ऊर्जा, शक्ति और रूपांतरण का प्रतीक माना गया है. हमारे घर की रसोई इस तत्व की सबसे बड़ी प्रतिनिधि होती है क्योंकि यहीं पर रोजाना खाना पकता है – यानी यहीं से पूरे घर के लिए ऊर्जा और पोषण का प्रवाह होता है, अगर अग्नि तत्व संतुलित है तो घर में सकारात्मकता, जोश और समृद्धि बढ़ती है.
रसोई की सही दिशा कौन-सी है
वास्तु के अनुसार, रसोई के लिए सबसे शुभ दिशा दक्षिण-पूर्व (South-East) मानी जाती है. इसे अग्नि कोण कहा जाता है, अगर आपका चूल्हा या गैस इस दिशा में है तो घर के लोग सेहतमंद, ऊर्जावान और आर्थिक रूप से मजबूत रहते हैं.
किन दिशाओं से बचना चाहिए
अगर आपकी रसोई उत्तर दिशा (North) या उत्तर-पूर्व (North-East) में है, तो यह स्वास्थ्य और धन दोनों पर नकारात्मक असर डालती है. इस दिशा में अग्नि तत्व का प्रभाव शुभ नहीं माना जाता.
दूसरी सबसे अच्छी दिशा कौन सी है
अगर किसी कारण से रसोई दक्षिण-पूर्व में नहीं बनाई जा सकती, तो दूसरी सबसे अच्छी दिशा पश्चिम दिशा (West direction) मानी जाती है.
रसोई में कौन से रंग फायदेमंद हैं
रसोई का रंग भी अग्नि तत्व को प्रभावित करता है. काले या गहरे नीले रंग का प्रयोग रसोई में बिल्कुल न करें, क्योंकि यह नेगेटिव एनर्जी बढ़ाता है और अग्नि तत्व को कमजोर करता है.
इसके बजाय रसोई में ऑफ-व्हाइट, क्रीम, हल्का पीला या हल्का नारंगी रंग इस्तेमाल करें, ये रंग अग्नि तत्व को बढ़ावा देते हैं और घर में समृद्धि का प्रवाह बनाए रखते हैं.
छोटी-छोटी बातें जो बड़ा असर डालती हैं
1. चूल्हा हमेशा दक्षिण-पूर्व की ओर मुख करके लगाएं.
2. रसोई में सिंक (पानी का स्रोत) और चूल्हा एकदम पास न हों, क्योंकि जल और अग्नि दोनों विपरीत तत्व हैं.
3. किचन हमेशा साफ-सुथरा रखें – गंदगी या बिखराव अग्नि तत्व को कमजोर करता है.
4. टूटे बर्तन या पुराने जले तवे तुरंत निकाल दें. ये नकारात्मक ऊर्जा को खींचते हैं.
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