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Ganesh Visarjan 2025 on Anant Chaturdashi: देशभर में अनंत चतुर्दशी के दिन गणेश विसर्जन किया जाता है. बप्पा की विदाई शुभ मुहूर्त में की जाती है, ताकि 10 दिन की पूजा का पूर्ण फल प्राप्त हो और गणेशजी का आशीर्वाद म…और पढ़ें

शुभ मुहूर्त में गणपति विसर्जन
शास्त्रों के अनुसार, देव पूजा, प्रतिष्ठा और विसर्जन जैसे धार्मिक कर्म शुभ मुहूर्त में करने से ही पूर्ण फल देते हैं. शुभ मुहूर्त में किए गए सभी कर्म से सभी दोष क्षीण हो जाते हैं और गणेशजी का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है. शुभ मुहूर्त में ग्रहों की सकारात्मक ऊर्जा प्रबल होती है, जिससे पूजा और विसर्जन का पुण्य अनेक गुना बढ़ जाता है. गणपति स्वयं विघ्नहर्ता हैं इसलिए उनके विसर्जन को अशुभ समय में करना उचित नहीं माना जाता है. शुभ मुहूर्त में किया गया गणपति का विसर्जन पूरे परिवार और समाज के लिए सुख-शांति और समृद्धि लाता है.

अनंत चतुर्दशी का गणेश विसर्जन से संबंध
अनंत चतुर्दशी ही दिन गणपति बप्पा का विसर्जन होता है. इससे यह संदेश मिलता है कि विष्णु (पालनकर्ता) और गणेश (विघ्नहर्ता) दोनों की कृपा से जीवन में सुख-समृद्धि और विघ्नों का नाश होता है. प्रारंभ (गणेश) और अनंत (विष्णु) दोनों का संगम है यह दिन. मूर्तियों को नदियों, तालाबों या गंदे नालों में विसर्जित न करें, इससे पाप लगता है और पर्यावरण को हानि पहुंचती है. प्लास्टर ऑफ पेरिस (PoP) की मूर्ति घर में न रखें और न विसर्जन करें, यह जल और मिट्टी को प्रदूषित करती है. विसर्जन के समय हंसी-मजाक, अपशब्द या शोर-गुल से बचें, वातावरण भक्ति और शांति का होना चाहिए.
सुबह का मुहूर्त – 07:36 से 09:10 तक
दोपहर का मुहूर्त – 12:19 से 05:02 तक
शाम का मुहूर्त – 06:37 से 08:02 तक

ॐ यान्तु देवगणा: सर्वे पूजामादाय मामकीम्।
इष्टकामसमृद्धयर्थं पुनर्अपि पुनरागमनाय च॥
गच्छ गच्छ सुरश्रेष्ठ स्वस्थाने परमेश्वर।
मम पूजा गृहीत्मेवां पुनरागमनाय च॥

गणपति विसर्जन की संपूर्ण विधि
– विसर्जन से पहले घर को साफ-सुथरा करें और पूरे घर में गंगाजल से छिड़काव करें.
– बप्पा को नैवेद्य (मोदक, फल, मिठाई) अर्पित करें और धूप, दीप, पुष्प अर्पित करके शोडशोपचार पूजन करें.
– परिवार के सभी सदस्य मिलकर आरती करें, जय गणेश जय गणेश देवा…
– गणपति बप्पा मोरया, अगले बरस तू जल्दी आ का संकल्प लें.
– गणपति जी को प्रणाम कर यह प्रार्थना करें – गजाननं भूतगणादि सेवितं, कपित्थ जम्बू फलचारु भक्षणम्। उमासुतं शोक विनाशकारकं, नमामि विघ्नेश्वर पादपंकजम्॥
– मूर्ति को धीरे-धीरे जल में उतारें, अगर घर पर कर रहे हैं तो मिट्टी की मूर्ति को बाल्टी/टब के जल में धीरे से रखें. बाद में यह जल गमलों या बगीचे में डाल दें.
– हाथ जोड़कर कहें – हे बप्पा, आप हमारे सभी विघ्न दूर करें,अगले वर्ष फिर हमारे घर पधारें.
– प्रसाद व नैवेद्य सभी परिवारजन और पड़ोसियों को बांटें.
मैं धार्मिक विषय, ग्रह-नक्षत्र, ज्योतिष उपाय पर 8 साल से भी अधिक समय से काम कर रहा हूं। वेद पुराण, वैदिक ज्योतिष, मेदनी ज्योतिष, राशिफल, टैरो और आर्थिक करियर राशिफल पर गहराई से अध्ययन किया है और अपने ज्ञान से प…और पढ़ें
मैं धार्मिक विषय, ग्रह-नक्षत्र, ज्योतिष उपाय पर 8 साल से भी अधिक समय से काम कर रहा हूं। वेद पुराण, वैदिक ज्योतिष, मेदनी ज्योतिष, राशिफल, टैरो और आर्थिक करियर राशिफल पर गहराई से अध्ययन किया है और अपने ज्ञान से प… और पढ़ें
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