
Gemstone in Astrology : रत्न शास्त्र ज्योतिष का एक महत्वपूर्ण अंग है जो रत्नों और ग्रहों के बीच के संबंध को समझाता है. इस शास्त्र के अनुसार, प्रत्येक ग्रह का एक विशिष्ट रत्न होता है और रत्न धारण करने से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाया जा सकता है. प्रत्येक ग्रह का एक विशिष्ट रत्न होता है. उदाहरण के लिए, मंगल का रत्न माणिक, बुध का रत्न पन्ना, गुरु का रत्न पुखराज आदि होता है. ग्रह व्यक्ति के जीवन पर विभिन्न प्रकार से प्रभाव डालते हैं. कुछ ग्रह धन, वैभव, स्वास्थ्य, जबकि कुछ अन्य ग्रह कष्ट और समस्याएं पैदा कर सकते हैं.
सूर्य और चंद्र संबंधित रत्न न पहनें एकसाथ : ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सूर्य और चंद्र दो विपरीत ग्रह हैं. सूर्य को पुरुष ग्रह माना जाता है जो ऊर्जा, आत्मविश्वास का नेतृत्व करता है. वहीं, चंद्र को स्त्री ग्रह माना जाता है जो मन, भावनाएं और संवेदनाओं का प्रतिनिधित्व करता है. जब इन दोनों ग्रहों के रत्न एक साथ पहने जाते हैं, तो उनके विपरीत प्रभाव एक-दूसरे को निरस्त कर सकते हैं. इससे व्यक्ति के मन में उथल-पुथल हो सकती है, भावनात्मक अस्थिरता बढ़ सकती है, और निर्णय लेने की क्षमता कमजोर हो सकती है. सूर्य और चंद्र का संतुलन हमारे शारीरिक स्वास्थ्य के लिए भी महत्वपूर्ण है. इन दोनों ग्रहों के रत्नों को एक साथ पहनने से स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी हो सकती हैं. बता दें, सूर्य का रत्न माणिक है और चंद्र का रत्न मोती है. इन्हें एकसाथ भूलकर भी धारण न करें.
मंगल और बुध संबंधित रत्न न पहनें एकसाथ : ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, मंगल और बुध ग्रहों के स्वभाव में काफी अंतर होता है. मंगल को ऊर्जा, क्रोध, और साहस का कारक माना जाता है, जबकि बुध बुद्धि, संचार और व्यापार का कारक होता है. इन दोनों ग्रहों के रत्नों को एक साथ पहनने से व्यक्ति के जीवन में असंतुलन पैदा हो सकता है. मंगल और बुध के रत्नों का एक साथ प्रभाव व्यक्ति के मन में उथल-पुथल पैदा कर सकता है. इससे व्यक्ति चिड़चिड़ा, आवेशी और अस्थिर हो सकता है. इन दोनों ग्रहों के रत्नों को एक साथ पहनने से स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी हो सकती हैं. आपको बता दें, बुध व्यापार और संचार का कारक है. मंगल के प्रभाव से व्यापार में बाधाएं आ सकती हैं और संचार में समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं.
गुरु और शनि संबंधित रत्न न पहनें एकसाथ : ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, गुरु और शनि दो विपरीत स्वभाव वाले ग्रह हैं. गुरु को ज्ञान, धन और वैभव का कारक माना जाता है, जबकि शनि को कर्म, न्याय और बाधाओं का कारक माना जाता है. इन दोनों ग्रहों के रत्नों को एक साथ पहनने से व्यक्ति के जीवन में असंतुलन पैदा होने की संभावना बढ़ जाती है. गुरु वैवाहिक जीवन में सुख और समृद्धि का कारक है. शनि के प्रभाव से वैवाहिक जीवन में कलह और तनाव हो सकता है. गुरु धार्मिक कार्यों और ज्ञान का कारक है. शनि के प्रभाव से धार्मिक कार्यों में बाधाएं आ सकती हैं और ज्ञान प्राप्ति में कठिनाई हो सकती है.
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ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, कुछ रत्नों को एक साथ नहीं पहनना चाहिए:
- माणिक्य के साथ नीलम, हीरा, गोमेद, और लहसुनिया नहीं पहनना चाहिए.
- मोती के साथ हीरा, पन्ना, नीलम, गोमेद, लहसुनिया नहीं पहनना चाहिए.
- पन्ना के साथ पुखराज, मूंगा, मोती नहीं पहनना चाहिए.
- हीरे के साथ माणिक्य, मोती, मूंगा, पुखराज नहीं पहनना चाहिए.
- हेसोनाइट और कैट्स आई को एक साथ नहीं पहनना चाहिए.
- मोती और माणिक्य को एक साथ नहीं पहनना चाहिए.
- शुक्र को चंद्रमा और सूर्य के साथ नहीं पहनना चाहिए.
- पारदर्शी हरे और नीले रत्नों के साथ लाल मूंगा नहीं पहनना चाहिए.
FIRST PUBLISHED : December 21, 2024, 15:22 IST
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