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gita jayanti 2025 date muhurat bhadra time significance of gita jayanti | gita ki utpatti kaise hui | गीता जयंती कब है? जानें तारीख, मुहूर्त, महत्व


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Gita Jayanti Kab Hai 2025 Date: हर साल मार्गशीर्ष शुक्ल एकादशी तिथि को गीता जयंती मनाई जाती है. इस दिन मोक्षदा एकादशी होती है. इस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने कुरुक्षेत्र के मैदान में अर्जुन को गाती का उपदेश दिया था. आइए जानते हैं कि गीता जयंती कब है? गीता की उत्पत्ति कैसे हुई?

गीता जयंती कब है? जानें तारीख, मुहूर्त और महत्व
Gita Jayanti Kab Hai 2025 Date: गीता जयंती हर साल मार्गशीर्ष मा​ह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है. इस दिन एकादशी का व्रत भी रखा जाता है. गीता जयंती के अवसर पर व्रत रखकर भगवान विष्णु की पूजा करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है क्योंकि इस दिन मोक्षदा एकादशी होती है. जैसा कि मोक्षदा एकादशी के नाम से ही आपको पता चल जाएगा कि वह एकादशी, जो मोक्ष देती है. इस बार गीता जयंती पर भद्रा का साया है और पंचक भी रहेगा. आइए जानते हैं कि गीता जयंती कब है?

गीता जयंती तारीख

दृक पचांग के अनुसार, गीता जयंती के लिए आवश्यक मार्गशीर्ष शुक्ल एकादशी तिथि 30 नवंबर रविवार को रात 9:29 बजे शुरू होगी. इस ति​थि का समापन 1 दिसंबर सोमवार को शाम 7:01 बजे होगा. उदयाति​थि के अनुसार, गीता जयंती 1 दिसंबर दिन सोमवार को मनाई जाएगी.

गीता जयंती मुहूर्त

गीता जयंती के अवसर पर अभिजीत मुहूर्त 11:49 ए एम से 12:31 पी एम तक है, उस दिन का ब्रह्म मुहूर्त 05:08 ए एम से 06:02 ए एम तक है. गीता जयंती पर व्यतीपात योग और रेवती नक्षत्र है. उस दिन रेवती नक्षत्र सुबह से लेकर रात 11:18 बजे तक है, वहीं व्यतीपात योग सुबह से देर रात 12:59 बजे तक है.

गीता जयंती पर लगेगी भद्रा

इस साल गीता जयंती पर भद्रा लगेगी और पंचक भी होगा. उस दिन भद्रा सुबह 8:20 बजे से लेकर शाम 7:01 बजे तक है. भद्रा धरती पर लगेगी, इसलिए भद्रा के समय में कोई शुभ काम न करें. इस दिन पंचक सुबह 06:56 बजे से रात 11:18 बजे तक है. यह पंचक हानिकारक नहीं है.

कैसे हुई गीता की उत्पत्ति

जब महाभारत का युद्ध शुरू होने वाला था, तब कुरुक्षेत्र के मैदान में अर्जुन अपने सामने परिजनों और अन्य सगे-संबंधियों को देखकर विचलित हो गए. उनके मन में सवाल उठने लगे कि वे कैसे अपने पितामह, भाई समेत अन्य लोगों को मारेंगे? वे अपने अस्त्र-शस्त्र रखकर रथ में पीछे बैठ गए. तब भगवान श्रीकृष्ण ने उनको अपना विराट स्वरूप दिखाया और गीता का ज्ञान दिया. उससे उनको कर्म की प्रधानता का मार्ग मिला. उस दिन मार्गशीर्ष शुक्ल एकादशी ​​थी, इस वजह से इस तिथि को हर साल गीता जयंती मनाई जाती है.

710 श्लोकों से बनी है गीता

महाभारत के छठे अध्याय में ‘भीष्म पर्व’ है, इसमें ही गीता का उपदेश लिखा गया है. गीता में 710 श्लोक दिए गए हैं, जो गीता के 18 अध्याय हैं. गीता के उपदेश में मानव जीवन का पूरा सार निहित है. कथाओं के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण ने गीता के 575 श्लोक अर्जुन को एक ही दिन सुनाए थे. गीता का उपदेश सुनने के बाद अर्जुन ने शस्त्र उठाया और कौरवों से युद्ध किया. आज के समय में भी गीता के उपदेश भटके हुए लोगों को राह दिखाते हैं.

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कार्तिकेय तिवारी

कार्तिकेय तिवारी Hindi Bharat.one Digital में Deputy News Editor के पद पर कार्यरत हैं. वर्तमान में धर्म, ज्योतिष, वास्तु और फेंगशुई से जुड़ी खबरों पर काम करते हैं. पत्रकारिता में 12 वर्षों का अनुभव है. डिजिटल पत्रक…और पढ़ें

कार्तिकेय तिवारी Hindi Bharat.one Digital में Deputy News Editor के पद पर कार्यरत हैं. वर्तमान में धर्म, ज्योतिष, वास्तु और फेंगशुई से जुड़ी खबरों पर काम करते हैं. पत्रकारिता में 12 वर्षों का अनुभव है. डिजिटल पत्रक… और पढ़ें

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गीता जयंती कब है? जानें तारीख, मुहूर्त और महत्व


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