Chandra Grahan 2025: आज यानी 7 दिसंबर 2025 को साल का दूसरा और अंतिम चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है. खास बात ये है कि ये पूर्ण चंद्र ग्रहण होने के साथ ही 2022 के बाद से अब तक का सबसे लंबा पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा. इस चंद्र ग्रहण की एक और बात, यह भारत में दिखेगा, जिससे सूतक काल भी मान्य होगा. अंतिम चंद्र ग्रहण पितृ पक्ष की शुरुआत में लगने के चलते ज्योतिष विशेषज्ञ इसे शुभ नहीं मान रहे हैं. इसके अलावा, ग्रहण के ठीक एक दिन पहले यानी 6 सितंबर, शनिवार को मृत्यु पंचक लग चुका है. यानी इस बार का चंद्र ग्रहण मृत्यु पंचक में लगेगा. ऐसा होने से यह ग्रहण के साथ मृत्यु पंचक का योग है, जिससे यह चंद्र ग्रहण और भी खतरनाक माना जा रहा है. ऐसे में लोगों के जहन में कई सवाल आ रहे हैं. इसमें एक सवाल यह है कि अगर चंद्र ग्रहण के दौरान किसी की मौत हो जाए तो क्या करें? कैसे और कब करें मृतक अंतिम संस्कार? इस बारे में बता रहे हैं नोएडा के
ज्योतिषाचार्य राकेश चतुर्वेदी-
चंद्र ग्रहण कब और कितने बजे लगेगा
साल का आखिरी चंद्र ग्रहण 07 सितंबर की रात 09 बजकर 58 मिनट से शुरू होगा और 08 सितंबर को 01 बजकर 26 मिनट तक रहेगा. इस तरह से ग्रहण की कुल अवधि 3 घंटे 38 मिनट है. ज्योतिष आचार्यों की मानें तो ग्रहण के दौरान शास्त्रों में वर्णित नियमों का पालन करना जरूरी होता है. इसकी अनदेखी जीवन पर भारी पड़ सकता है.
मृत्यु पंचक क्या, जिसमें लग रहा चंद्र ग्रहण
शास्त्रों के अनुसार, ज्योतिष शास्त्र में कई तरह के पंचक बताए गए हैं, जैसे राज पंचक, अग्नि पंचग और मृत्यु पंचक होते हैं. पंचक एक अवधि होती है, जिसमें 5 दिन होते हैं. इसमें मृत्यु पंचक सबसे खतरनाक माना जाता है. पंचांग के मुताबिक मृत्यु पंचक 6 सितंबर को सुबह 11.21 बजे लग चुका है. ये 10 सितंबर को शाम 4.03 बजे समाप्त होंगे. कहा जाता कि, इस दौरान कोई भी शुभ काम नहीं किया जाता है. इस बार मृत्यु पंचक के दौरान चंद्र ग्रहण लगेगा, जो कई लोगों के लिए विनाशकारी हो सकता है.
ग्रहण के दौरान मौत हो जाए तो क्या उसके भी नियम होते हैं?
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ग्रहण का समय बेहद अशुभ और संवेदनशील माना जाता है. इसलिए इस दौरान पूजा-पाठ, विवाह या मांगलिक कार्य वर्जित होते हैं. अगर बात मौत की करें तो, शास्त्रों में ग्रहण काल में मृत्यु और संस्कार से जुड़ी कुछ विशेष परंपराएं और नियम बताए गए हैं. इस समय मृत्यु होना आत्मा के कर्म और पूर्व जन्म के फलों से जुड़ा होता है.
ग्रहण के दौरान मृत्यु होने पर क्या किया जाता है?
ज्योतिषाचार्य के मुताबिक, मृतक काल में अगर किसी की मौत हो जाए तो मृत शरीर को साफ कपड़े से ढककर सुरक्षित स्थान पर रखें. घर के सदस्य और रिश्तेदार मृत शरीर के पास बैठकर मंत्र जाप या भगवान का नाम ले सकते हैं. इसके बाद जब ग्रहण समाप्त हो जाए तो शुद्ध स्नान कराएं और फिर शव यात्रा निकालना ठीक माना जाता है. हालांकि, वैज्ञानिक दृष्टि से देखें तो ग्रहण एक खगोलीय घटना है और इसका मृत्यु या अंतिम संस्कार पर कोई प्रभाव नहीं है. लेकिन, परंपराओं और सामाजिक मान्यताओं के कारण लोग ग्रहण समाप्त होने तक इंतजार करते हैं.
ग्रहण के दौरान हुई मृत्यु का कैसे करें अंतिम संस्कार?
ग्रहण के दौरान किसी भी मृतक का अंतिम संस्कार करना वर्जित माना जाता है. शास्त्रों के मुताबिक, इस दौरान शरीर के 5 प्रमुख तत्व अग्नि, जल और अन्य पंचतत्व अशुद्ध माने जाते हैं. इसलिए ग्रहण समाप्त होने तक इंतजार करना चाहिए. हालांकि, कुछ परिस्थितियों में, जब शव को अधिक देर तक रखना संभव न हो तो ग्रहण के दौरान ही अस्थायी रूप से दाह-संस्कार किया जा सकता है. लेकिन, तेहरवीं के दिन चंद्रमा की पूजा और शांति पाठ करके ही उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है.
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