पितरों का महत्व
हमारे पितर हमारे जीवन में अदृश्य रूप से मार्गदर्शन करते हैं. पितृ पक्ष के 15 दिनों में उन्हें याद करना और उनकी आत्मा की शांति के लिए दान और तर्पण करना बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है. ऐसा करने से न केवल उनके प्रति कृतज्ञता व्यक्त होती है, बल्कि परिवार में भी सुख-शांति बनी रहती है.
जो लोग पितरों का सम्मान नहीं करते या पितृ पक्ष में उन्हें याद नहीं करते, उनकी कुंडली में पितृ दोष हो सकता है. इसके चलते जीवन में रुकावटें, आर्थिक समस्याएं, वैवाहिक तनाव और स्वास्थ्य संबंधी कठिनाइयां पैदा हो सकती हैं. इसलिए पितृ पक्ष के 15 दिन पूर्वजों की आत्मा की शांति और परिवार की भलाई के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं.
1. तिल, कुशा और जल से तर्पण करें.
2. ब्राह्मण को भोजन कराएं और दान दें.
3. अनाथ, गरीब और जरूरतमंदों की मदद करें.
4. घर में विवाद से बचें और शांत वातावरण बनाएं.
7 सितंबर – पूर्णिमा श्राद्ध
8 सितंबर – प्रतिपदा श्राद्ध
9 सितंबर – द्वितीया श्राद्ध
10 सितंबर – तृतीया व चतुर्थी श्राद्ध
11 सितंबर – पंचमी श्राद्ध
12 सितंबर – षष्ठी श्राद्ध
13 सितंबर – सप्तमी श्राद्ध
14 सितंबर – अष्टमी श्राद्ध
15 सितंबर – नवमी श्राद्ध
16 सितंबर – दशमी श्राद्ध
17 सितंबर – एकादशी श्राद्ध
18 सितंबर – द्वादशी श्राद्ध
19 सितंबर – त्रयोदशी श्राद्ध
20 सितंबर – चतुर्दशी श्राद्ध
21 सितंबर – सर्व पितृ अमावस्या
22 सितंबर – मातामह/नाना श्राद्ध
1. घर में मांसाहार, मदिरा या नशे का सेवन न करें.
2. पेड़ या पालतू जानवरों को नुकसान न पहुंचाएं.
3. किसी का अपमान या अनावश्यक गुस्सा न करें.
1. परिवार में सुख-शांति लाता है.
2. आर्थिक स्थिति मजबूत करता है.
3. संतान के जीवन में तरक्की का मार्ग खोलता है.
4. रोग और संकट से सुरक्षा करता है.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
https://hindi.news18.com/astro/astro-tips-pitru-paksha-2025-purn-chandra-grahan-shraddh-dates-and-benefits-revealed-ws-ekl-9585676.html