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Hariyali Amavasya 2024: कब है हरियाली अमावस्या, 3 या 4 अगस्त? किस समय लगाएं पौधे, पितरों को दीप जलाने का टाइम क्या


हरियाली अमावस्या का पर्व सावन अमावस्या या श्रावण अमावस्या के दिन होता है. हरियाली अमावस्या का​ दिन पौधों को लगाने के लिए अच्छा माना जाता है क्यों​कि इस समय में बारिश होती है और धरती पर चारों ओर हरियाली रहती है. इस साल हरियाली अमावस्या 3 अगस्त को है या 4 अगस्त को? हरियाली अमावस्या के दिन पौधे कब लगाएं? हरियाली अमावस्या पर पितरों के लिए दीप कब जलाएं? इन सभी सवालों का जवाब जानते हैं तिरुपति के ज्योतिषाचार्य डॉ. कृष्ण कुमार भार्गव से.

किस दिन है हरियाली अमावस्या 3 या 4 अगस्त?
वैदिक पंचांग के अनुसार, हरियाली अमावस्या के लिए जरूरी सावन अमावस्या तिथि 3 अगस्त को 03:50 पीएम से लेकर 4 अगस्त को 04:42 पीएम तक रहेगी. अमावस्या तिथि 3 अगस्त से शुरू हो रही है, लेकिन यह सूर्योदय के बाद का समय है, जबकि 4 अगस्त को सूर्योदय के समय अमावस्या तिथि मौजूद होगी. ऐसे में हरियाली अमावस्या 4 अगस्त को मनाना सही है.

हरियाली अमावस्या के दिन पौधे लगाने के साथ ही आप अपने पितरों को खुश करने का उपाय कर सकते हैं क्योंकि उस दिन सावन अमावस्या भी है. हरियाली अमावस्या के दिन आप देव वृक्ष की श्रेणी के पौधों को लगा सकते हैं. इस दिन आप सुबह में स्नान करें, उसके बाद अपने ​पितरों के लिए तर्पण और दान करें.

हरियाली अमावस्या पर किस समय लगाएं पौधे?
हरियाली अमावस्या के दिन रवि पुष्य योग बन रहा है. यह योग सुबह 5 बजकर 44 मिनट से दोपहर 1 बजकर 26 मिनट तक रहेगा. रविवार के दिन जब पुष्य नक्षत्र होता है तो उस समय रवि पुष्य योग बनता है. पुष्य नक्षत्र को उच्च उपज, पोषण, देखभाल, ऐश्वर्य, सौभाग्य आदि के लिए जाना जाता है.

इस योग में आप जो भी कार्य करेंगे, उसके शुभ फल आपको प्राप्त होंगे. यदि आप हरियाली अमावस्या के दिन रवि पुष्य योग में यानि सुबह 05:44 एएम से दोपहर 01:26 पीएम के बीच पौधे लगाते हैं तो वह आपके​ लिए सुख और समृद्धि कारक होगा. ग्रह दोषों से मुक्ति के लिए भी आप पौधे लगा सकते हैं.

हरियाली अमावस्या पर पितरों के लिए कब जलाएं दीपक?
हरियाली अमावस्या के अवसर पर आप प्रदोष काल में अपने पितरों के लिए दीपक जला सकते हैं. 4 अगस्त को 07:10 पी एम पर सूर्यास्त होगा और उसके बाद जब अंधेरा होने लगे तो आप अपने पितरों के लिए दीपक जलाएं.

पितरों के लिए दीपक जलाने का फायदा
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अमावस्या के दिन पितर धरती पर आते हैं ताकि वे अपने वंश से तृप्त हो सकें. जब वे वापस पितृ लोक लौटते हैं तो उनके मार्ग में अंधेरा न हो, इसके लिए ही दीपक जलाते हैं. इससे उनका मार्ग रोशन रहता है. इससे वे खुश होकर अपने वंश को आशीर्वाद देते हैं.


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https://hindi.news18.com/news/dharm/hariyali-amavasya-2024-date-3-or-4-august-best-time-to-plant-when-to-lit-lamp-for-ancestors-8543569.html

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