Real Vs Fake Pukhraj: जब भी कोई इंसान अपनी किस्मत चमकाने, करियर में तरक्की लाने या रिश्तों में मजबूती लाने की बात सोचता है, तो पुखराज सबसे पहला नाम आता है. ज्योतिष में इसे बेहद असरदार माना गया है, जो बृहस्पति ग्रह की ऊर्जा को बढ़ाता है. इसी वजह से लोग इसे बड़ी उम्मीदों के साथ पहनते हैं, लेकिन दिक्कत तब आती है जब मार्केट में असली और नकली को लेकर इतनी चालबाज़ी होती है कि सही पत्थर पहचानना मुश्किल हो जाता है. खासकर पीला टोपाज, जो दिखने में पुखराज जैसा ही लगता है, अक्सर लोग उसी को असली समझकर खरीद लेते हैं. ऐसे में ना सिर्फ पैसे का नुकसान होता है, बल्कि वो असर भी नहीं मिलता जिसकी उम्मीद में लोग पुखराज पहनते हैं. आजकल ऑनलाइन स्टोर्स से लेकर लोकल ज्वेलर्स तक, सभी के पास तरह-तरह के येलो स्टोन्स मिल जाते हैं. कई बार दुकानदार खुद भी पीला टोपाज और पुखराज का फर्क समझ नहीं पाते और कई बार कुछ लोग जानबूझकर कस्टमर को झांसा दे देते हैं. ऐसे में आपको खुद ही थोड़ी समझ होना जरूरी है ताकि आप अपनी मेहनत की कमाई सही जगह लगाएं, अगर आप पुखराज खरीदने जा रहे हैं या पहले भी कभी गलत पत्थर लेकर पछता चुके हैं, तो ये आर्टिकल आपके बहुत काम आएगा. यहां हम आपको आसान, प्रैक्टिकल और 100% भरोसेमंद तरीके बता रहे हैं जिनसे आप पीला टोपाज और असली पुखराज का फर्क आराम से पकड़ सकते हैं. चाहे आप पहली बार खरीद रहे हों या किसी पुराने पत्थर को टेस्ट करना चाहते हों-इन तरीकों को अपनाकर आप साफ-साफ पहचान पाएंगे कि पत्थर असली है या सिर्फ दिखावा. इस विषय में अधिक जानकारी दे रहे हैं भोपाल निवासी ज्योतिषी एवं वास्तु सलाहकार पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा.
1. असली पुखराज में हल्की दूधिया चमक दिखती है
असली पुखराज की पहचान उसकी चमक से होती है. इसमें एक तरह की हल्की दूधिया ग्लो दिखाई देती है, जो बहुत नेचुरल और सौम्य होती है. पीला टोपाज इसके उलट ज्यादा तेज, कांच जैसे शाइनी और चुभने वाली चमक देता है, अगर पत्थर को लाइट में घुमाने पर उसकी चमक बहुत ज्यादा तेज लगे, तो समझ जाइए ये पुखराज नहीं है.
2. पुखराज की सतह पर छोटे-छोटे इनक्लूजन दिखते हैं
नेचुरल पुखराज में बारीक धब्बे या लाइन्स मिलती हैं जिन्हें इनक्लूजन कहा जाता है. यह इस बात का सबूत होता है कि पत्थर असली है और लैब में नहीं बना. दूसरी ओर, पीला टोपाज काफी साफ और लगभग कांच जैसा दिखता है, अगर पत्थर एकदम क्लियर है, तो उसके नकली होने की संभावना ज्यादा है.
3. वजन से फर्क समझ आएगा
असली पुखराज थोड़ा भारी होता है. इसे हाथ में लेकर महसूस करते ही फर्क समझ आता है. पीला टोपाज वजन में हल्का पड़ता है. एक ही साइज के दोनों पत्थरों में पुखराज हमेशा ज्यादा ठोस और डेंस लगता है, अगर पत्थर हाथ में उठाते ही हल्का लगे, तो उसे दोबारा टेस्ट जरूर करें.
4. गर्म करने पर पुखराज का रंग नहीं बदलता
असली पुखराज हीट रेसिस्टेंट होता है, अगर आप इसे हल्के गर्म माहौल में रखें या हथेली की गर्मी लगाएं तो इसका रंग वैसा ही रहता है. लेकिन पीला टोपाज हल्की गर्मी में भी अपनी शाइन या टोन बदल सकता है. आप इसे सीधे आग पर टेस्ट न करें, बस हथेली में रखकर हल्की गर्मी दें और रंग के बदलाव पर ध्यान दें.

5. रेट देखकर भी अंदाजा लग जाता है
असली पुखराज सस्ता नहीं होता, खासकर 5 रत्ती से ऊपर का, अगर कोई आपको बहुत कम दाम में “असली पुखराज” देकर चला जा रहा है, तो 90% यह पीला टोपाज या ग्लास होगा. असली ज्वेलर्स हमेशा सर्टिफिकेट के साथ पत्थर देते हैं. इसलिए बिना बिल और बिना सर्टिफिकेट के पत्थर खरीदने की गलती ना करें.
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